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गाजियाबाद: इंवेस्टमेंट पर मोटा रिटर्न देने के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश, पांच गिरफ्तार - Ghaziabad cheater gang exposed - GHAZIABAD CHEATER GANG EXPOSED

Ghaziabad cheater gang exposed: गाजियाबाद पुलिस ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है जो सोशल मीडिया पर विज्ञापन देकर लोगों से ठगी कर रहा था. गैंग के 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है.

गाजियाबाद  में मोटा रिटर्न देने के नाम पर ठगी, 5 गिरफ्तार
गाजियाबाद में मोटा रिटर्न देने के नाम पर ठगी , 5 गिरफ्तार (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 4, 2024, 8:16 PM IST

गाजियाबाद में मोटा रिटर्न देने के नाम पर ठगी,5 गिरफ्तार (ETV BHARAT)

नई दिल्ली/गाजियाबाद:सोशल मीडिया पर इन्वेस्टमेंट करने पर मोटे रिटर्न का विज्ञापन देखकर अगर आप इन्वेस्ट करने की सोच रहे हैं तो सतर्क हो जाइए. गाजियाबाद में पुलिस ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है जो सोशल मीडिया पर एड चलाकर निवेश करने पर मोटे रिटर्न का लालच देकर लोगों से ठगी करता था. शुरुआत में गैंग लोगों को छोटे इन्वेस्टमेंट पर मोटा रिटर्न देता था लेकिन जब लोग बड़ा इन्वेस्टमेंट करते तो यह गैंग लोगों के पैसे लेकर भाग जाता था.

थाना कौशांबी के साइबर टीम को मुखबिर के माध्यम से सूचना मिली. सूचना के आधार पर पांच लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया. आरोपियों के कब्जे से फर्जी मोहर, 10 मोबाइल फोन, एक टैबलेट, 41 बैंक अकाउंट के एटीएम और क्रेडिट कार्ड, पांच चेक बुक, फर्जी वोटर आईडी, पैन और आधार कार्ड बरामद किए गए. आरोपी सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को पैसे इन्वेस्ट करने पर मोटे रिटर्न का लालच दिया करते थे.

शुरुआत में कई राज्यों में आरोपियों ने लोगों को मोटा रिटर्न भी दिया. इसके बाद लोगों ने मोटा अमाउंट इन्वेस्ट किया. मोटा इन्वेस्टमेंट लेने के बाद आरोपी जवाब देना बंद कर देते और ग्रुप खत्म कर देते थे. इसी तरह आरोपियों द्वारा लोगों से ठगी की जा रही थी. आकाश त्यागी मनोज कुमार अमरेश कुमार नमन जैन और नीतीश समेत पांच आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

पुलिस के मुताबिक़ आरोपियों द्वारा लोगों को फंसाकर लाखों करोड़ों रुपए की ठगी की जा चुकी है. आरोपियों द्वारा दिल्ली एनसीआर में प्रॉपर्टी को किराए पर लेकर फर्जी कंपनी ऑफिस खोलते थे. कंपनी का रजिस्ट्रेशन पूरा होने के बाद दो हफ्ते तक आरोपियों द्वारा ऑफिस से फर्जीवाड़ा किया जाता था. लोगों से ठगी करने के बाद बैंक खाते में पैसे पहुंचते ही आरोपी ऑफिस को खाली कर भाग जाया करते थे.

आरोपी जरूरतमंद लोगों के डाक्यूमेंट्स लेकर फर्जी बैंक खाता खोलते थे और इन बैंक खातों में पता भी फर्जी होता था. कंपनी के नाम से बैंक खाता खोलने के बाद आरोपी बैंकिंग संबंधित दस्तावेज अपने पास रख लेते और जरूरतमंद लोगों को कमीशन के रूप में कुछ पैसे दे दिया करते थे. कंपनी का भी पता फर्जी होता था. जिससे की वे आसानी से पकड़ में ना आ सके.

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डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटिल के मुताबिक आरोपियों द्वारा सैकड़ों लोगों को फंसा कर ठगी की जा चुकी है. कम समय में काफी ज्यादा ट्रांजैक्शंस अकाउंट में हुए हैं. जिससे पता चलता है कि आरोपियों द्वारा बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा किया जा रहा. आरोपी ठगी करने के बाद ऑफिस को बंद कर नई जगह पर दूसरा ऑफिस खोल लिया करते थे.

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