राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

संकट से घिरे 'जूनियर गहलोत'! पूर्व सीएम ने कहा- राजनीतिक द्वेष में की गई कार्रवाई - पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

राजस्थान क्रिकेट संघ के मौजूदा संकट को लेकर आने वाले वक्त में प्रदेश की राजनीति गरमा सकती है. इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की एंट्री हुई है, जिन्होंने हाल ही में अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इस मामले को लेकर टिप्पणी की.

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 24, 2024, 10:26 PM IST

जयपुर. मार्च में इंडियन प्रीमियर लीग के राजस्थान रॉयल्स की ओर से खेले जाने वाले तीन मुकाबले की घोषणा हो चुकी है. राजस्थान रॉयल्स के घरेलू मैदान के रूप में एसएमएस स्टेडियम में यह मुकाबले प्रस्तावित हैं. इस बीच खेल परिषद और राजस्थान क्रिकेट संघ के बीच 5 साल के समझौते की अवधि खत्म होने के बाद आरसीए के दफ्तर पर ताले लटक गए हैं. पूरे मामले को लेकर शनिवार शाम को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने पुत्र और RCA के अध्यक्ष वैभव गहलोत के समर्थन में सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट की.

पूर्व सीएम गहलोत ने लिखा कि स्पोर्ट्स काउंसिल की ओर से आनन-फानन में राजस्थान क्रिकेट संघ (RCA) पर कार्रवाई की गई. गहलोत ने कहा कि पूरा मामला राजनीतिक द्वेष से प्रेरित लगता है. उन्होंने कहा कि अगर MoU समाप्त होना ही वजह थी, तब भी यह यकायक तालाबंदी की बजाय ग्रेसफुली (उचित कानूनी तरीके से) कार्रवाई की जा सकती थी. गहलोत ने आरोप लगाया है कि ऐसी कार्रवाई से राजस्थान के खेल संघों पर राष्ट्रीय संस्थाओं का भरोसा कम होगा और जो खेलों का माहौल हमारी सरकार के दौरान बना, वो खराब होगा. उन्होंने कहा कि हजारों क्रिकेट प्रेमियों और खिलाड़ियों में इस कार्रवाई से रोष है.

पढ़ें. एमओयू खत्म हुआ, 38 करोड़ का बकाया भी नहीं चुकाया, आरसीए को दी गई संपत्तियों पर खेल परिषद ने लिया कब्जा

यह है RCA का पूरा विवाद :जयपुर में राजस्थान क्रिकेट संघ का खुद का कोई मैदान नहीं है. ऐसे में RCA ने खेल परिषद के अधीन सवाई मानसिंह स्टेडियम को MoU के तहत लिया हुआ था. यह समझौते की अवधि 21 फरवरी 2024 को पूरी हो चुकी है और समझौता पूरा होने के साथ ही खेल परिषद की ओर से स्टेडियम में मौजूद आरसीए के दफ्तर पर ताले लगा दिए गए हैं. हालांकि, आरसीए ने कहा था कि करीब दो हफ्ते पहले एक प्रस्ताव खेल परिषद को भेजा गया था, जिस पर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details