पंचकूला: विदेश से एमबीबीएस करने के बाद हरियाणा लौटे छात्रों की इंटर्नशिप के लिए आरक्षित कोटा कम पड़ गया है. नतीजतन 168 डॉक्टर ऐसे हैं, जो एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने के बाद भी बीते सात महीने से खाली बैठे हैं. यहां तक कि अब ये सभी पंचकूला सेक्टर 20 स्थित मेडिकल काउंसिल कार्यालय के बाहर धरना देने को मजबूर हैं. क्योंकि मेडिकल काउंसिल के सहयोग के बिना इन्हें इंटर्नशिप का कोई अवसर नहीं मिल रहा है. इसका कारण इन डॉक्टरों का हरियाणा मेडिकल काउंसिल में स्थायी पंजीकरण नहीं होना है.
सीटें अलॉट नहीं होने तक देंगे धरना: इन डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें इंटर्नशिप की सीटें अलॉट नहीं किए जाने की जाने तक वो अपना धरना जारी रखेंगे. जबकि हरियाणा मेडिकल काउंसिल सीटें नहीं होने का दावा कर हाथ खड़े कर चुका है. नतीजतन इन डॉक्टरों को अब कोई रास्ता दिखाई नहीं दे रहा.
हरियाणा में परीक्षा पास करना जरूरी: विदेश से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करके लौटे डॉक्टरों को पहले मेडिकल काउंसिल में पंजीकरण कराना पड़ता है. लेकिन इसके लिए विदेश से पढ़ाई करने वालों को हरियाणा में भी परीक्षा पास करनी होती है. तब जाकर उनका अस्थायी पंजीकरण होता है. इसके बाद सरकारी या निजी मेडिकल कॉलेज से छह महीने की इंटर्नशिप पूरी करने के बाद उनका स्थायी पंजीकरण होता है. इसके बाद ही देश से एमबीबीएस करने वाले डॉक्टर डॉक्टर किसी सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेज या अस्पताल में नौकरी के पात्र होते हैं.
इंटर्नशिप के दौरान मिलता है मानदेय: इंटर्नशिप के दौरान डॉक्टरों को मानदेय भी दिया जाता है, लेकिन हरियाणा के मेडिकल कॉलेजों में सीटें कम होने के कारण विदेश से एमबीबीएस कर लौटने वाले छात्रों को इंटर्नशिप के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है.