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यूपी में बाढ़ का कहर; बनारस-प्रयागराज और मिर्जापुर में गंगा का रौद्र रूप, अयोध्या में सरयू ने क्रॉस किया खतरे का निशान - Flood wreaks havoc in UP

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 15, 2024, 7:12 PM IST

Updated : Sep 15, 2024, 10:31 PM IST

यूपी में हो रही लगातार बारिश के चलते गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. इससे प्रदेश के कई जिलों में घर-मंदिर और बिजली के खंभे भी डूब गए हैं. बनारस में गंगा खतरे के निशान से 19 सेंटीमीटर नीचे है. मिर्जापुर और प्रयागराज में लोग बेघर हो गये हैं.

UP में बाढ़ का कहर
UP में बाढ़ का कहर (Photo Credit; ETV Bharat)

मिर्जापुर में गंगा का विकराल रूप (Video Credit- ETV Bharat)

मिर्जापुर/वाराणसी/प्रयागराज/सीतापुर: उत्तर प्रदेश में हो रही लगातार बारिश के चलते गंगा का जलस्तर लगातार बढ़रहा है. मिर्जापुर में भी गंगा उफान पर है. हालत यह है की विंध्याचल धाम से लेकर कचहरी तक घाट और मंदिर डूब गए हैं. गंगा किनारे झोपड़ी बनाकर जीविकोपार्जन करने वालों का आशियाने भी डूब गये हैं. बिजली खंभे भी जलमग्न हो गए हैं.

सरयू नदी में बाढ़, अयोध्या में खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा जलस्तर:अयोध्या में सरयू नदी ने एक बार फिर रौद्र रूप धारण कर लिया है. वर्तमान समय में सरयू खतरे के निशान से 44 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. इसके कारण निचले क्षेत्रों में लोगों का पलायन शुरू हो गया है. वहीं अयोध्या की रामघाट क्षेत्र स्थित फटिक शिला आश्रम के पास अयोध्या नगर निगम द्वारा चलाये जा रहे पार्किंग स्थल पर भी जल भराव होने के कारण 24 गाड़ियां फंस गईं.

बाढ़ के कारण लोग हुए बेघर (Photo Credit- ETV Bharat)

प्रयागराज तीन दिन बाढ़ में फंसा रहा छात्र, NDRF ने बचायी जान: प्रयागराज के राजापुर इलाके में छात्र मनोज कुमार अचानक बाढ़ का पानी आने के कारण तीन दिन से फंसा हुआ था. प्रशासन ने एनडीआरएफ को सूचित किया. छात्र को दो मंजिला मकान से निकालकर सुरक्षित स्तान पर ले जाया गया. एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर अनिल कुमार का कहना है कि बाढ़ में फंसे 16 लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया है.

सीतापुर में सड़कों पर पानी के कारण कई गावों से संपर्क कटा (Photo Credit- ETV Bharat)

सीतापुर में बाढ़ से बिगड़े हालात; 50 गावों में पानी भरा:पिछले कई दिनों से लगातार बैराजों से छोड़े जा रहे लाखों क्यूसेक पानी ने गांजरी इलाके में तबाही मचा दी है. उफनाई घाघरा और शारदा नदियों ने 50 से अधिक गांवों और मजरों को जलमग्न कर दिया है. रविवार को शारदा, घाघरा और बनबसा बैराज से 451791 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया. क्षेत्र में अकस्मात आई तीसरी बार बाढ़ ने ग्रामीणों को असहनीय कष्ट झेलने को मजबूर कर दिया.

सीतापुर के सरकारी स्कूल में भरा पानी (Photo Credit- ETV Bharat)

बाढ़ का पानी ग्राम पंचायत म्योड़ी छोल्हा के मजरा श्रीरामपुरवा, भदिम्मरपुरवा, धूसपुरवा, गोड़ियनपुरवा, पासिनपुरवा आदि मजरों एवं ग्राम पंचायत गौलोक कोड़र के नई बस्ती, दुर्गापुरवा, लोधपुरवा, संबारीपुरवा, आशारामपुरवा, निर्मलपुरवा, रामलालपुरवा, संतरामपुरवा, सुकईपुरवा, मरैली, दर्जिन रेती, छोटी जंगल टपरी, पासिनपुरवा, लालापुरवा, ठेकेदारपुरवा, नगीनापुरवा आदि सभी मजरों, दूलामऊ, कंडी, द्वारिकी, जटपुरवा, ताहपुर, गौढ़ी सहित आधा सैकड़ा गांव की लगभग पंद्रह हजार आबादी बाढ़ की चपेट में आ गयी है. गौलोक कोड़र के दो उच्च प्राथमिक एवं तीन प्राथमिक विद्यालय, दूलामऊ एवं चहलारी में संचालित प्राथमिक विद्यालयों में बाढ़ का पानी भर जाने से शिक्षण कार्य भी ठप हो गया है.

सीतापुर में बाढ़ का कहर (Photo Credit- ETV Bharat)

मिर्जापुर में गंगा खतरे के निशान के करीब: मिर्जापुर में गंगा नदी चेतावनी के बिंदु के करीब पहुंच गई है, जो महज 0.524 सेंटीमीटर दूर है. मिर्जापुर में गंगा का चेतावनी बिंदु 76.724 मीटर है और खतरे का बिंदु 77.724 मीटर है. मिर्जापुर में रविवार को सुबह 10:00 बजे गंगा 4 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही थी, जो 76.200 तक पहुंच चुकी है.

वाराणसी में बाढ़ (Photo Credit- ETV Bharat)

गंगा किनारे रहने वाले विमल गुप्ता और प्रशांत ने बताया कि गंगा का पानी दो दिन से लगातार बढ़ रहा है. हालत यह है कि सभी घाट और मंदिर डूब गए हैं. इसके बावजूद भी प्रशासन ने यहां कोई व्यवस्था नहीं की है. यही हालत रही तो पानी एक दो दिन में गांवों के घरों में पहुंचना शुरू हो जाएगा.

प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी उफान पर: दोनों नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और डेंजर लेवल के करीब पहुंच चुका है. वहीं, नदियों का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है. यहां रहने वाले लोग पलायन कर रहे हैं. जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण कछारी इलाकों के सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. जिन घरों में पानी घुसा, वहां के परिवारों ने छतों पर डेरा डाल लिया है. वहीं, बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए प्रशासन की तरफ से निर्देश दिए जा रहे है. साथ ही बाड़ प्रभावित क्षेत्रों में कई टीमें लगातार मदद भी पहुंचाई जा रही है.

जालौन में यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर: जालौन में यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिस कारण रामपुरा थाना क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांवों का संपर्क ब्लॉक मुख्यालय से टूट गया. वहीं झांसी कमिश्नर और जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय ने संबंधित अधिकारियों के साथ मिलकर रविवार को रामपुरा ब्लॉक में संचालित बाढ़ राहत शिविर का निरीक्षण किया. साथ ही लोगों से उनके नुकसान के बारे में पूछा. कमिश्नर ने बाढ़ राहत शिविर में रह रहे लोगों को राहत सामग्री बांटी. साथ ही शिविर में कम्युनिटी किचन में बना खाना खाया, जिसकी गुणवत्ता से कमिश्नर संतुष्ट नजर आए.

अधिकारी राहत सामग्री बांटते हुए (Photo Credit- ETV Bharat)

वाराणसी में गंगा नदी खतरे के निशान के पास पहुंची:वाराणसी में गंगा नदी ने वार्निंग लेवल को क्रॉस कर लिया है. इस समय गंगा 70.34 मीटर पर बह रही है. गंगा खतरे के निशान से 92 सेंटीमीटर नीचे है. गंगा में अचानक बढ़े पानी के कारण जहां, घाटों का संपर्क टूट गया है. घाटों के किनारे रहने वाले लोग परेशान हैं. वरुणा नदी के इलाकों में भी पलट प्रवाह से अफतफरी मची हुई है. लोग राहत शिविरों की ओर पलायन कर रहे हैं. ऐसे में वाराणसी जिला प्रशासन भी एनडीआरएफ के साथ अलग-अलग क्षेत्र का निरीक्षण कर बाढ़ प्रभावित लोगों की सहायता में जुटा हुआ है.

मंत्री आशीष पटेल ने रविवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का भ्रमण किया (Photo Credit- ETV Bharat)

वहीं, मिर्जापुर में अपना दल एस के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष व प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने रविवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का भ्रमण किया. उन्होंने बाढ प्रभावित क्षेत्र कोन ब्लॉक के ग्राम मवैया, हरसिंगपुर का दौरा कर गंगा नदी से प्रभावित बाढ़ क्षेत्रों को देख कर स्थानीय लोगों से बात कर उनकी समस्याएं की जानकारी ली. उन्होंने बाढ़ आपदा से बचाव के लिए उपस्थित अधिकारी गण को आवश्यक निर्देश दिए.

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Last Updated : Sep 15, 2024, 10:31 PM IST

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