कानपुर : पीएम मोदी ने पिछले साल मोटे अनाज को लेकर भारत में मोटा अनाज वर्ष घोषित करने का जो फैसला किया था, उसका दूरगामी परिणाम यह हुआ कि अब देश के अंदर अधिकतर लोगों की थाली में मोटे अनाज को जगह मिलने लगीं. फिर क्या था, लोगों ने मोटे अनाज को तलाशना शुुरू किया, तो लाखों किसानों ने दूसरी फसलों के बजाय मोटे अनाज की खेती को प्रमुखता दी. यह कवायद देखते हुए योगी सरकार ने उप्र के अंदर चार कृषि विश्वविद्यालयों में मिलेट्स सेंटर खोलने का फैसला किया है, जिसमें पहला केंद्र सीएसए विवि के अंतर्गत खुलेगा. सरकार ने केंद्र के लिए 95 लाख रुपये की राशि विवि को भेज दी है.
यहां जानिए, मिलेट्स सेंटर से किसानों को कैसे मिलेगा फायदा : इस पूरे मामले पर ईटीवी संवाददाता से विशेष बातचीत में सीएसए के निदेशक बीज एवं प्रक्षेत्र डा. वीके यादव ने बताया कि मिलेट्स सेंटर से सीधे उन किसानों को हम जोड़ेंगे, जो मुख्य रूप से उन मोटे अनाजों कोदो, सांबा, मड़ुआ, कुतकी, काकुन आदि की खेती कर रहे हैं और उनकी फसलों को बहुत अच्छा बाजार नहीं मिल पाता. हम ऐसे किसानों की फसलों को इस सेंटर में प्रोसेस्ड करेंगे. इस प्रोसेस्ड मेटीरियल से किसान चाहें तो डोसा, केक, बर्गर समेत अन्य खानपान की वस्तुएं (रेसिपीस) तैयार करा सकते हैं. इसके अलावा, अगर किसान चाहेंगे तो वह अपनी फसलों को इस सेंटर में दे सकते हैं, जिसके एवज में उन्हें उनका अच्छा खासा मूल्य दिया जाएगा. केंद्र में इन फसलों से उत्पाद तैयार कराए जाएंगे, जिससे सूबे का कोई भी आमजन आकर खरीद सकता है. फिलहाल रावतपुर बस अड्डा से कंपनी बाग की ओर जाने वाली सड़क पर यह केंद्र बनेंगे.