किसान आंदोलन को लेकर फरीदाबाद में सुरक्षा के कड़े इंतजाम. फरीदाबाद: किसान अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर से एकजुट नजर आ रहे हैं. किसान एक बार फिर से दिल्ली कूच करने की कोशिश कर रहे हैं. किसान आंदोलन को देखते हुए पंजाब और दिल्ली से लगने वाले हरियाणा के सभी बॉर्डर सील कर दिए गए हैं. हरियाणा के 7 जिलों में इंटरनेट सेवा पर पाबंदी भी बढ़ा दी गई है. इसके साथ ही फरीदाबाद स्थित हरियाणा-दिल्ली के सभी बॉर्डर पर पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. यही वजह है कि फरीदाबाद स्थित हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर दिल्ली और हरियाणा की पुलिस एक्टिव मोड में नजर आ रही है.
फरीदाबाद पुलिस एक्टिव:हालांकि पुलिस प्रशासन किसी भी सूरत में दिल्ली में किसानों को घुसने नहीं देने को लेकर अलर्ट है. उधर किसान संगठन दिल्ली कूच करने की तैयारी में हैं. किसान आंदोलन को लेकर फरीदाबाद पुलिस एक्टिव नजर आ रही है. हालांकि, फरीदाबाद पुलिस के पास चुनौती है कि किसी भी सूरत में किसान फरीदाबाद होते हुए दिल्ली में ना घुस जाएं. यही वजह है कि पलवल में भी पुलिस का सख्त पहरा लगा दिया है, क्योंकि पलवल के बाद उत्तर प्रदेश शुरू हो जाता है. ऐसे में हो सकता है कि उत्तर प्रदेश से भी किसान पलवल होते हुए फरीदाबाद में घुसें और फरीदाबाद होते हुए दिल्ली में प्रवेश करें.
फरीदाबाद में स्थिति नियंत्रण में: पिछले किसान आंदोलन में भी किसानों ने इस मार्ग का प्रयोग किया था, लेकिन फिलहाल पुलिस एक्टिव मोड में नजर आ रही है. वहीं, फरीदाबाद में अभी स्थिति शांत है. किसी भी तरह से फरीदाबाद स्थित हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर कोई हलचल नहीं है. लोग बेखौफ होकर दिल्ली हरियाणा आ जा रहे हैं. हालांकि, बॉर्डर पर दिल्ली और हरियाणा पुलिस एक्टिव मोड में नजर आ रहे हैं ताकि किसी भी सूरत में कहीं से भी किसान का जत्था दिल्ली में प्रवेश न कर सके.
हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर धारा- 144: बता दें कि किसान आंदोलन को देखते हुए फरीदाबाद स्थित हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर धारा- 144 भी लगा दी गई है. बॉर्डर पर तैनात पुलिस लगातार लोगों से धारा-144 का पालन करने के लिए हिदायत दे रही है.
चार दौर की बातचीत में नहीं बन पाई सहमति: गौरतलब है कि सरकार और किस संगठनों में चार दौर की बातचीत हुई लेकिन हल नहीं निकाला. इसके बाद किसान संगठनों ने ऐलान किया है कि वे किसी भी कीमत पर दिल्ली जाएंगे. किसानों का आरोप है कि सरकार उन्हें दिल्ली में घुसने नहीं दे रही है.
दिल्ली जा रहे किसानों को पुलिस ने हिरासत में लिया: वहीं, किसानों और सरकार के बीच चले आ रहे विवाद की आंच मंगलवार, 20 फरवरी को गुरुग्राम में भी पहुंच गई. मानेसर क्षेत्र में जमीन अधिग्रहण को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों ने अब पंजाब के किसानों को समर्थन दे दिया और यहां आज पंचायत के बाद दिल्ली कूच करना शुरू कर दिया. मानेसर के किसानों ने आंदोलन को लेकर पहले ही चेतावनी दी थी जिसको लेकर गुरुग्राम पुलिस पहले ही सतर्क दिखाई दी और सुबह से ही पूरे मानेसर क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया था.
जमीन अधिग्रहण के विरोध में किसानों का प्रदर्शन: वहीं, किसानों की मानें तो सरकार ने उनकी 1810 एकड़ जमीन को अधिग्रहित किया था. जमीन के मुआवजे को लेकर लंबे समय से विवाद चला आ रहा है. इन विवाद को सुलझाने के लिए वह सरकार के साथ कई दौर की वार्ता भी कर चुके हैं. किसानों का आरोप है "सरकार ने उनकी मांगों को जायज बताते हुए मान तो लिया है, लेकिन आज तक उन्हें लागू नहीं किया है. इसी को लेकर वह पिछले काफी समय से सरकार को चेतावनी देते आ रहे थे, लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी और उन्होंने एमएसपी सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे पंजाब के किसानों को समर्थन देते हुए उनके साथ ही दिल्ली कूच करने का ऐलान किया था. मंगलवार सुबह किसान मानेसर तहसील के बाहर धरना स्थल पर एकत्र हुए और अपनी मांगों को लेकर पंचायत की. यहां से रणनीति तैयार करने के बाद किसानों ने दिल्ली का रुख कर लिया. जैसे ही किसान तहसील परिसर से बाहर निकले वैसे ही पुलिस ने उन्हें काबू कर लिया."
गुरुग्राम में दिल्ली बॉर्डर सुरक्षा के कड़े इंतजाम: फिलहाल पुलिस ने दिल्ली कूच कर रहे किसानों को हिरासत में लेकर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है. क्षेत्र में भारी पुलिस बल को तैनात किया गया है. वहीं, दिल्ली बॉर्डर पर भी पुलिस ने अपनी पैनी नजर जमाए रखी. हालांकि यहां कोई नाकाबंदी नहीं की गई और वाहनों का आवागमन दिल्ली-गुड़गांव के बीच सामान्य रूप से हो रहा है. पुलिस के अनुसार गुरुग्राम में अभी स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है.
रोहतक में किसानों का धरना: 13 फरवरी से रोहतक जिले के टीटोली गांव में धरने पर बैठे किसान की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. आसपास के करीबन 20 से अधिक गांवों के किसान सैकड़ों ट्रैक्टर लेकर टीटोली गांव के धरना स्थल पर पहुंचे हैं. इस दौरान किसानों के लिए खाने-पीने का भी यहां पर इंतजाम किया गया है. वहीं, किसान नेता और कुंडू खाप के प्रधान जयवीर कुंडू ने कहा है "किसान अपनी मांगों को हर हाल में मांग मनवाकर रहेंगे. उन्होंने कहा कि किसानों की मांग जायज है और वह पंजाब के किसानों का इंतजार कर रहे हैं, जिनके साथ वह दिल्ली कूच करेंगे. उन्होंने कहा कि जब भी कोई आंदोलन होता है तो कुर्बानियां तो दी जाती है, किसान हर कुर्बानी के लिए तैयार है और वह हर हाल में अपना अधिकार लेकर रहेंगे."
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