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हरियाणा में कैबिनेट मंत्री राव नरबीर के बयान से भड़के 9 गांवों के किसान, बोले- हम झुकेंगे नहीं - FARMERS PROTEST IN NUH

कैबिनेट मंत्री राव नरबीर के बयान से नाराज हुए 9 गांवों के किसानों ने दो टूक कहा है कि वे किसी कीमत पर झुकेंगे नहीं.

Farmers protest in Nuh
मंत्री राव नरबीर के बयान से नाराज हुए किसान (ETV Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 26, 2024, 6:28 PM IST

नूंह:बुधवार को ग्रीवेंस कमेटी की बैठक के दौरान कैबिनेट मंत्री राव नरबीर ने कहा था कि किसानों को धरने से उठाया जाए. आईएमटी रोजका भूमि अधिग्रहण मुआवजे को लेकर धरने पर बैठे किसानों को जबरन उठाने के आदेश से किसानों में भारी रोष है. किसानों ने गुरुवार को धरना स्थल पर कैबिनेट मंत्री राव नरबीर द्वारा कही गई बात का जमकर विरोध किया और दो टूक कहा कि जब तक किसानों को उनका हक नहीं मिलेगा, तब तक वो नहीं हटेंगे. अगर इसके लिए सैंकड़ों किसानों को जान की बाजी लगानी पड़ी तो भी पीछे नहीं हटेंगे.

किसान नेता बोले- हम झुकने को तैयार नहीं : किसानों ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि बुधवार को उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने ग्रीवेंस कमेटी की बैठक के दौरान अधिकारियों से कहा था कि किसान काफी समय से आईएमटी सोहना की जमीन पर धरना दे रहे हैं, काम रुकवाया हुआ है. लिहाजा उन्हें जबरन उठाया जाए. कई-कई बार उनको मुआवजा दे दिया गया है. अब उनकी मांग जायज नहीं है. जैसे ही ये बात किसानों को पता लगी तो किसानों ने इसका विरोध किया और अगले ही दिन गुरुवार को धरना स्थल पर पत्रकार वार्ता बुलाकर साफ कर दिया कि किसान इस मामले में झुकने को तैयार नहीं है.

मंत्री राव नरबीर के बयान से नाराज हुए किसान (ETV Bharat)

क्या किसान और सरकार होगी आमने-सामने : दरअसल किसान पिछले कई महीने से धीरधोका गांव में मुआवजा राशि बढ़ाने की मांग को लेकर धरनारत है. प्रशासन के अधिकारियों से किसान प्रतिनिधिमंडल की कई बार बातचीत भी हुई है. किसानों ने कहा कि कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह के द्वारा दिए गए बयान की बात उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा और भारतीय किसान यूनियन के नेताओं तक पहुंचा दिया है. कुल मिलाकर अब इस मामले में किसान और सरकार आमने-सामने होती हुई दिखाई पड़ रही है.

इस वजह से दे रहे धरना : बता दें कि आईएमटी रोजका मेव, धीरधोका, महरौला, खेड़ी कंकर, कंवरसिका, बड़ेलाकी सहित नौ गांव की 1600 एकड़ भूमि का वर्ष 2009 में प्रति एकड़ 25 लाख रुपए की मुआवजा राशि देकर अधिग्रहण किया गया था. बाद में इसे बढ़ाकर करीब 46 लाख रुपए प्रति एकड़ कर दिया गया, लेकिन किसानों का आरोप है कि उनको उचित मुआवजा नहीं दिया गया. उनकी जमीनों को सस्ते दामों पर ले लिया गया और उनसे हलफनामा लेकर कानूनी अधिकार छीन लिए गए. ऐसा प्रदेश के किसी भी जिले में नहीं हुआ है. लिहाजा उन्हें उनका हक मिलना चाहिए. इसको लेकर किसान लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से किसानों ने आईएमटी सोहना का कामकाज रोका हुआ है. अब देखना ये है कि जिला प्रशासन इस मामले से कैसे निपटेगा, क्योंकि किसान भी इस मामले में आर-पार के मूड में दिखाई दे रहे हैं.

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