आगरा :देश के आलू उत्पादन में यूपी की अहम हिस्सेदारी है. यूपी में आलू की खेती और पैदावार की बात करें तो आगरा मंडल टॉप पर है. यूपी और आसपास के राज्यों में बार-बार बिगड़े मौसम और बारिश की वजह से आलू की बुवाई में देरी हो रही है. जिससे किसान बेहद चिंतित हैं. इस साल आलू की बुवाई से पहले किसान आलू बीज की प्रजाति के चयन पर ज्यादा जोर दे रहे हैं. आगरा की बात करें तो किसानों ने सरकार से सबसे अधिक कुफरी बहार बीज की डिमांड की है. आइए, जानते हैं किसान आलू की बुवाई से पहले जिस कुफरी बहार बीज की डिमांड कर रहे हैं. उसकी खासियत क्या है. पैदावार कितनी रहती है?
आगरा में उद्यान विभाग के मुताबिक, सब्जियों के राजा आलू का रकबा जिले में 74-75 हजार हेक्टेयर है. आगरा मंडल में सबसे अधिक आलू का उत्पादन आगरा जिले में होता है. आगरा के विकास खंड खंदौली, एत्मादपुर, शमसाबाद, फतेहाबाद, बिचपुरी, बरौली अहीर में आलू उत्पादन सबसे अधिक होता है.
आगरा मंडल में अच्छी पैदावार : उद्यान विभाग के उपनिदेशक डॉ. धर्मपाल यादव बताते हैं कि, जिस तरह से बार-बार मौसम बिगड़ रहा है. उससे आलू की फसल में रोग-बीमारी आने की संभावना अधिक है. खेतों की मिट्टी में इस बार ज्यादा नमी है. इस वजह से आलू प्रजातियों में रोग-बीमारियां आने की संभावना ज्यादा है. जिन प्रजातियों में पानी की मात्रा ज्यादा है. उनके अंकुरण से लेकर कंद बनने तक रोग-बीमारी की चपेट का डर बना रहता है. कुफरी बहार में पानी कम होता है. छिलका भी मजबूत होता है. इसकी आगरा मंडल में अच्छी पैदावार है इसलिए किसान कुफरी बहार आलू के बीज की डिमांड कर रहे हैं. जिससे मिट्टी में सड़ने का खतरा कम है. इसका अंकुरण ठीक होता है.
ये भी आलू की अच्छी प्रजातियां :हर साल की तरह इस बार भी आगरा के किसानों के लिए कुफरी बहार आलू की प्रजाति, ख्याति आलू की प्रजाति, मोहन आलू की प्रजाति, गंगा आलू की प्रजाति, पुखराज आलू की प्रजाति, नीकंठ आलू की प्रजाति, सूर्या आलू की प्रजाति, गरिमा आलू की प्रजाति, चिप्सोना आलू की प्रजाति अच्छी है.
किसानों की डिमांड पर आएगा आलू का बीज :जिला उद्यान विभाग अनीता सिंह ने बताया कि जिले में आलू के बीज के लिए किसान 5 अक्टूबर तक आवेदन कर सकते हैं. अभी करीब 800 आवेदन आ चुके हैं. किसान अपना आवेदन संजय प्लेस कार्यालय से लें और वहां पर ही जमा कराएं, जितने किसानों के आवेदन आएंगे उतने ही किसानों की डिमांड के मुताबिक मुख्यालय से आलू के बीज प्रजाति की डिमांड की जाएगी. मुख्यालय से आवंटन के बाद ही किसानों को आलू का बीज वितरित किया जाएगा.
किसान करा रहे सिफारिशी कॉल :बता दें कि उद्यान विभाग ने जिले के किसानों के लिए लगभग आठ हजार कुंतल आलू के बीज की डिमांड शासन से की है. किसानों की डिमांड डबल है. उन्हें ज्यादा से ज्यादा बीज विभाग से चाहिए. जिले के किसान जिस तरह से आलू के बीज की डिमांड कर रहे हैं, उससे उद्यान विभाग के अधिकारियों पर प्रेशर है. अभी से किसान अपने लिए आलू के बीज कुफरी बहार के लिए सिफारिशी कॉल करा रहे हैं.
मौसम ने बदल दिया किसानों का मन :किसानों ने बताया कि, जिस तरह से मौसम का मिजाज है उससे आलू की फसल में नुकसान की संभावना अधिक है. ऐसे में कुफरी बहार ही आलू की एक ऐसी प्रजाति है जो ऐसे मौसम में सही है. इसकी वजह ये है कि आलू की अन्य प्रजातियों की इस नमी वाले मौसम में बुवाई करने से कंद सड़ने की संभावना अधिक है. जबकि, कुफरी बहार की बुवाई से ये दिक्कत नहीं आएगी.