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एक गोशाला ऐसी भी: गोवंश को गर्मी से बचाने के लिए लगाए गए हैं कूलर और पंखे - goshala in barmer - GOSHALA IN BARMER

बाड़मेर की पथमेड़ा गोशाला की ओर से संचालित गो चिकित्सालय में गायों को गर्मी से बचाने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं. गोशाला में कूलर व पंखे लगाए गए हैं. बीमार गायों की विशेष सेवा की जा रही है. बाड़मेर में कहीं भी निराश्रित और बीमार गोवंश हो, उसे यहां लाकर उसका उपचार किया जाता है.

Fans and coolers installed for cows in Barmer's cowshed
एक गोशाला ऐसी भी: गोवंश को गर्मी से बचाने के लिए लगाए गए हैं कूलर और पंखे (photo etv bharat barmer)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 17, 2024, 5:24 PM IST

गोवंश को गर्मी से बचाने के लिए लगाए गए हैं कूलर और पंखे (video etv bharat barmer)

बाड़मेर. राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके बाड़मेर में इन दिनों भीषण गर्मी का प्रकोप देखने को मिल रहा है. यहां दिन का तापमान 45 से 47 डिग्री तक पहुंच गया है. इसके चलते इंसानों के ही नहीं बेजुबान पशुओं के भी हाल बेहाल हैं. जिले के पथमेड़ा में बीमार व निराश्रित पशुओं के लिए संचालित की जा रही गोशाला में गायों को भीषण गर्मी से निजात दिलाने के लिए कूलर और पंखे लगाए गए हैं.

बाड़मेर में गर्मी पूरे परवान पर है. इसके चलते थार नगरी में दिन का पारा 47 डिग्री के पास पहुंच गया. लू के असर के चलते इंसानों के साथ-साथ पशुओं का भी हाल बेहाल है, लेकिन इस बीच अच्छी खबर यह है कि बाड़मेर जिले में पथमेड़ा गोशाला की ओर से बीमार निराश्रित पशुओं के लिए संचालित पथमेड़ा गोचिकित्सालय और गोशाला में इन पशुओं को भीषण गर्मी से निजात दिलाने के लिए बाकायदा कूलर पंखे लगाए गए हैं, ताकि इस भीषण गर्मी में गोवंश को बचाया जा सके. गर्मी के मौसम में गोवंश की पूरी देखरेख की जा रही है.

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पशुओं की सेवा करना उद्देश्य:गोशाला के व्यवस्थापक कवराज सिंह ने बताया कि पथमेड़ा गौ चिकित्सालय की 26 अक्टूबर 2012 में बाड़मेर में शुरू हुआ था. करीब 970 गोवंश वर्तमान में यहां पर है. इसमें 110 गोवंश बीमार है.उन्होंने बताया कि बीते 15 दिनों से गर्मी का असर तेज है. इसलिए गोशाला में 22 कूलर और करीब 50 पंखे लगाए गए है.

बीमार गायों की देखभाल के लिए अलग स्टाफ: उन्होंने बताया कि इन पशुओं से ना तो गोशाला को दूध मिल रहा है और ना ही इन पशुओं को कोई खरीदता है. ऐसे बीमार पशुओं का इलाज करके उनकी सेवा करना ही हमारा उद्देश्य है. बीमार गोवंश की देखभाल के लिए 28 लोगों का स्टाफ है. बाड़मेर में जहां भी बीमार और घायल गोवंश की सूचना मिलती है तो एंबुलेंस के जरिए उसे गोशाला में लाकर उसका उपचार किया जाता है.

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