जयपुर: नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों की एनओसी से राजस्थान में बड़े पैमाने पर वाहनों के फर्जी रजिस्ट्रेशन हुए हैं. प्रदेश में ऐसे 2,394 फर्जी तरीके से रजिस्टर्ड वाहन सरपट दौड़ रहे हैं. इस मामले में कार्रवाई करते हुए एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने 21 वाहन (बस और ट्रक) को जब्त किया है. साथ ही परिवहन विभाग को पत्र लिखकर ऐसे वाहनों पर कार्रवाई के लिए कहा गया है.
एटीएस के एडीजी वीके सिंह ने बताया कि नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों की एनओसी के जरिए बड़ी संख्या में वाहनों के फर्जी रजिस्ट्रेशन को लेकर एक गोपनीय शिकायत मिली थी. इस पर एटीएस के डीआईजी अंशुमान भौमिया के नेतृत्व में एक टीम जांच में जुटी थी.
पढ़ें: परिवहन विभाग के लिए बड़ी चुनौती, पांच दिन में एक लाख वाहनों पर लगानी है हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट
कंपनियों के रिकॉर्ड में नहीं इंजन-चेचिस नंबर: पड़ताल में सामने आया कि 2010 से 2022 तक असम, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर से 41 कैटेगरी के 3,446 वाहन राजस्थान में रजिस्टर्ड हुए हैं. इनमें से 3,159 वाहनों के इंजन और चेचिस नंबर वाहन निर्माता कंपनियों को भेजे गए. इनमें से महज 765 वाहनों के इंजन और चेचिस नंबर कंपनियों के डाटा से मिले हैं, जबकि 2,394 वाहनों के इंजन और चेचिस नंबर का रिकॉर्ड कंपनियों में नहीं मिला. इन वाहनों के मालिकों का कहना है कि उन्होंने ये वाहन दलालों के जरिए 15-20 लाख रुपए में खरीदे हैं.
इस तरह होता है फर्जी रेजिस्ट्रेशन का खेल:एटीएस की पड़ताल में सामने आया है कि अंतरराज्यीय गिरोह चोरी और फाइनेंस के वाहनों का असम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश के परिवहन कार्यालयों में फर्जी रजिस्ट्रेशन करवाते हैं. वहां से एनओसी लेकर इन वाहनों का राजस्थान में रजिस्ट्रेशन करवा लिया जाता है. इसके फर्जी रजिस्ट्रेशन वाले वाहनों को बेच दिया जाता है. रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया के दौरान वाहनों का इंजन-चेचिस नंबर बदल दिए जाते हैं.