रांचीः झारखंड विधानसभा की 81 सीटों के लिए मतदान का काम पूरा होने के बाद आई एक्जिट पोल की रिपोर्ट ने राजनीतिक दलों की नींद उड़ा दी है. इसकी वजह है नौ एजेंसियों की अलग-अलग सर्वे रिपोर्ट. एनडीए के पक्ष में सबसे ज्यादा पांच एजेंसियों ने रिपोर्ट जारी किया है. तीन एजेंसियों की दलील है कि इंडिया ब्लॉक की सरकार बनेगी. जबकि एक मात्र एजेंसी सी-वोटर्स का अनुमान है कि किसी भी गठबंधन या दल को बहुमत नहीं मिलेगा. आलम ये है कि ऑन द रिकॉर्ड दोनों गठबंधन के नेता सरकार बनाने के दावे कर रहे हैं लेकिन ऑफ द रिकार्ड वाले मोड में आते ही चेहरे की रंगत बदल जा रही है.
टाइम्स नाउ जेवीसी ने एनडीए के पक्ष में 40-44 सीटें, चाणक्या ने 45-50 सीटें, मैट्रिज ने 42-47 सीटें, पीपल्स पल्स ने 44-53 सीटें और पोल ऑफ पोल्स ने 33-42 सीटें मिलने की संभावना जतायी है. इंडिया ब्लॉक के लिए एक्सिस-माई इंडिया ने 49-59 सीटें, जी टीवी ने 39-44 सीटें और पी मार्क ने 37-47 सीटें मिलने की उम्मीद जतायी है. नौ सर्वे रिपोर्ट में एनडीए का पलड़ा भारी दिखाई दे रहा है. लेकिन यह भी समझना जरुरी है कि एग्जिट पोल हमेशा सटीक नहीं होता. छत्तीसगढ़ और हरियाणा चुनाव में एक्जिट पोल का हाल दिख चुका है.
राजनीति के जानकारों की राय
वरिष्ठ पत्रकार चंदन मिश्रा के मुताबिक इस चुनाव में 2019 रिपीट होता नहीं दिख रहा है. एनडीए के प्रति लोगों का रुझान दिखा है. भाजपा पिछली बार कोल्हान में सिफर थी. इस बार आजसू के साथ मिलकर भाजपा ने कोल्हान में जगह बनाई है. संथाल में भी एनडीए को बढ़त मिलता दिख रहा है. भाजपा 30-35 तक जा सकती है. इंडिया ब्लॉक में कांग्रेस कमजोर कड़ी के रुप में दिखी है. 30 सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद अगर कांग्रेस को सिंगल डिजीट आ जाए तो आश्चर्य नहीं होगा. वरिष्ठ पत्रकार चंदन मिश्रा के मुताबिक अगर झामुमो 50 सीटों पर चुनाव लड़ा होता तो तस्वीर कुछ और हो सकती थी. वैसे अंतिम फैसला तो जनता जनार्दन का ही होगा. लेकिन जमीनी तौर पर जो दिखा है, उससे लग रहा है कि झारखंड में एनडीए की सरकार बन सकती है.
वरिष्ठ पत्रकार मधुकर के मुताबिक इंडिया ब्लॉक को बहुमत मिलता दिख रहा है. इसके कई फैक्टर हैं. दोनों गठबंधन में कुर्मी वोट बंटता था. लेकिन जयराम ने इसमें सेंधमारी की है. इसका खामियाजा सुदेश महतो को उठाना पड़ेगा. दूसरा तर्क ये है कि हेमंत सोरेन को बेल देते हुए हाईकोर्ट ने जो टिप्पणी की है, उससे यह मैसेज गया है कि उनके साथ गलत हुआ है. तीसरा फैक्टर यह रहा कि हेमंत ने हर तबके की महिलाओं को मंईयां सम्मान योजना के तहत रेवड़ियां दीं. इसका असर भी दिखा. इस चुनाव में महिलाओं का वोट प्रतिशत बढ़ा है. लिहाजा, इंडिया ब्लॉक की सरकार बनने की ज्यादा संभावना दिख रही है.