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सरायकेला के ईचागढ़ प्रखंड में हथिनी की मौत, सूचना पर भी नहीं पहुंचे वन विभाग के अधिकारी - Elephant Died

Death of female elephant in Seraikela.सरायकेला में संदेहास्पद परिस्थितियों में एक मादा हाथी की मौत हो गई है. हालांकि हथिनी की मौत के पीछे की वजह का पता नहीं चल सका है. वन विभाग के अधिकारियों को घटना की सूचना दी गई है.

Death Of Elephant In Jharkhand
सरायकेला में मृत हाथी और ग्रामीणों की भीड़. (फोटो-ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 18, 2024, 2:02 PM IST

सरायकेला-खरसावांः जिले के ईचागढ़ प्रखंड क्षेत्र के कुटाम टोला चोगाटांड़ गांव में एक हथिनी की संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गई है. रविवार की सुबह हथिनी की मौत की सूचना मिलते ही मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जुट गई. इस दौरान ग्रामीण मृतक हथिनी की पूजा करते नजर आए.

वन विभाग को दी गई घटना की सूचना

ग्रामीणों ने घटना की सूचना तुरंत वन विभाग को दी, लेकिन वन कर्मियों की हड़ताल के कारण अब तक वन विभाग का कोई कर्मी या अधिकारी घटनास्थल पर नहीं पहुंचे हैं. हालांकि जानकारी मिलने पर क्षेत्रीय वन रक्षी कैलाश महतो घटनास्थल पर पहुंचे और मृत हथिनी का मुआयना कर वन विभाग के अधिकारियों को सूचित किया है.

हथिनी की मौत का कारण स्पष्ट नहीं

इस संबंध में क्षेत्रीय वन रक्षी कैलाश महतो ने कहा कि हथिनी की उम्र करीब 15 से 20 वर्ष हो सकती है. हालांकि उन्होंने हथिनी की मौत का कारण बताने में असमर्थता जाहिर की. उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम के बाद ही इस संबंध में कुछ भी कहा जा सकता है.

चोगाटाड़ गांव ने देखे गए थे कई हाथी

ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार रात 10-12 हाथियों का झुंड चोगाटाड़ गांव में विचरण करते देखा गया था और सुबह एक हथिनी की संदिग्ध हालात में शव मिला है.

वर्ष 2000 से अब तक 150 हाथियों की मौत

बताते चलें कि वर्ष 2000 से अब तक करीब 150 से भी अधिक हाथियों की मौत विभिन्न घटनाओं में हो चुकी है.जिसमें करीब 4 वर्ष पूर्व पिलीद जंगल में भी एक हाथी की मौत हो गई थी. उसके बाद डेढ़ साल पहले कुटाम जंगल में एक हाथी मृत अवस्था में पाया गया था. वहीं इसी साल नौ जून को कुकड़ु के लेटेमदा में रेल हादसे में एक हाथी की मौत हो गई थी. जुगीलोंग में एक नवजात हाथी,सापारूम में एक हाथी और सीरूम जंगल में एक हाथी की मौत हो चुकी है. वहीं नीमडीह के अंडा गांव में कुआं में गिरने से एक हाथी की मौत हो गई थी.

नहीं थम रहा हाथियों के मरने का सिलसिला

जिले में हाथियों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. राज्य और केंद्र सरकार की ओर से इस दिशा में अब तक कोई साकारात्मक पहल नहीं की गई है. जरूरत इस दिशा में जल्द से जल्द पहल करने की है, ताकि हाथियों के मृत्यु दर को कम किया जा सके.

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