वाराणसी:अपनी ही नाबालिग बेटी के साथ रेप के दोषी पिता और चाचा को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट तृतीय) विनोद कुमार ने दोषी डॉक्टर पिता और उसके बड़े भाई पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि दोषी पीड़िता का पिता तथा उसका ताऊ है. पिता पर संतान की रक्षा का दायित्व होता है. यदि रक्षक ही भक्षक बन जाए तो समाज में व्यक्तियों का रिश्तों से विश्वास उठ जाएगा.
मां ने पति के खिलाफ दर्ज कराया था केस :एडीजीसी संदीप जायसवाल व पीड़िता की मां के वकील वरुण प्रताप सिंह ने बताया, वादिनी ने लंका थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. मां ने बताया था कि वह अपनी सात साल की बेटी के साथ अपने पिता के घर वाराणसी में रह रही थी.
हल्द्वानी में कार्डियोलॉजिस्ट पिता 23 मार्च 2018 को बेटी को बहला-फुसलाकर घुमाने के लिए ले गया. इस बीच डॉक्टर पिता बेटी को अपने नर्सिंग होम ले गया. मां ने बताया, बेटी से फोन पर बात करती तो वह काफी डरी-डरी सी रहती और रो-रोकर वापस बनारस घर आने को कहती थी.
मां से लिपटकर रोने लगी बेटी :30 मार्च 2018 को डॉक्टर पिता ने फोन किया और कहा कि आकर अपनी बच्ची को ले जाओ मैं इसे अब नहीं रखूंगा. मां जब बेटी से मिली तो वह लिपटकर रोने लगी और कहने लगी कि मुझे यहां से जल्दी ले चलो, अब मुझे पापा के साथ नहीं रहना है.
पीड़िता जब बनारस आई तो काफी डरी-डरी सी रहती थी तथा हाथ-पांव पटकने लगती थी. बहुत पूछने पर बेटी ने बताया कि उसके पिता बहुत गंदे हैं. वह कमरे में बैठकर कुछ पीते रहते थे. उसमें बहुत बदबू आती थी, बहुत मारते थे. मेरे साथ गंदा काम करते थे.