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प्रेमिका की हत्या कर टुकड़े करने वाले दोषी को आजीवन कारावास की सजा, सह दोषी को भी हुई 7 की जेल - RUDRAPUR GEETA MURDER CASE

ट्रांजिट कैंप क्षेत्र में प्रेमिका की हत्या करने वाले दोषी को आजीवन कारावास और सहदोषी को 7 साल की सजा सुनाई गई है.

Court Sentenced to Life Imprisonment
जिला एवं सत्र न्यायालय उधमसिंह नगर (फोटो- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 25, 2024, 9:56 PM IST

रुद्रपुर:जिला एवं सत्र न्यायालय रुद्रपुर की कोर्ट ने प्रेमिका की हत्या के मामले में मुख्य दोषी को आजीवन कठोर कारावास और 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है. जबकि, सह अभियुक्त यानी सह दोषी को 7 साल की कठोर सजा सुनाई गई है. उसे 20 हजार रुपए का जुर्माना भी भरना होगा. इस दौरान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ने कोर्ट के समक्ष 11 गवाह पेश किए.

रिक्शा चालक की पत्नी का प्रेमपाल के साथ चल रहा था प्रेम प्रसंग:सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता लक्ष्मी नारायण पटवा ने बताया कि रुद्रपुर के ट्रांजिट थाना कैंप के रेशम बाड़ी निवासी रिक्शा चालक हेतराम ने ट्रांजिट कैंप थाने में एक तहरीर दी थी. जिसमें उन्होंने बताया था कि उसकी पत्नी का पड़ोसी प्रेमपाल से प्रेम प्रसंग था. जिसके चलते 10 महीने पहले वो (पत्नी) उसे छोड़ कर चली गई थी और वो प्रेमपाल के साथ रहने लगी थी.

बोरे में मिला था महिला का शव:बीती 22 सितंबर 2019 को पता चला कि उसकी पत्नी की हत्या कर शव के तीन टुकड़े कर बोरे में रखा गया है. जबकि, उसका प्रेमी प्रेमपाल फरार है. मामले में 23 सितंबर को ट्रांजिट कैंप पुलिस ने आरोपी प्रेमपाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. जिसके बाद पुलिस ने कुछ दिनों बाद ही मुख्य आरोपी प्रेमपाल सिंह को पंजाब के होशियारपुर के बुल्लोवाल से गिरफ्तार किया.

चापड़ से किए थे तीन टुकड़े, सुरेंद्र कुमार ने भी की थी मदद:पूछताछ में आरोपी प्रेमपाल ने बताया कि महिला की गला दबाकर हत्या करने के बाद चापड़ से तीन टुकड़े किए थे. इस वारदात में उत्तर प्रदेश के शहजादनगर के जादोपुर धमौडा सुरेंद्र कुमार ने भी उसकी मदद की थी. जिस पर पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया. तब से मामला जिला न्यायालय की तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायालय न्यायाधीश मुकेश चंद्र आर्य की कोर्ट में चल रहा था.

अदालत में पेश किए गए 11 गवाह पेश:वहीं, पूरी सुनवाई के दौरान एडीजीसी लक्ष्मी नारायण पटवा ने अदालत के सामने 11 गवाह पेश किए. जिसके बाद दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद अदालत ने दोषी प्रेमपाल को आजीवन कठोर कारावास और पचास हजार रुपए की सजा सुनाई. इसके साथ ही सह दोषी सुरेंद्र कुमार को सात साल कठोर कारावास और बीस हजार रुपए का अर्थदंड देने की सजा सुनाई है.

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