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नवरात्रि से पहले गंगरेल में मां अंगारमोती का सजा दरबार, जगमगाएंगे 4 हजार से अधिक मनोकामना ज्योत - Maa Angarmoti temple on Navratri - MAA ANGARMOTI TEMPLE ON NAVRATRI

धमतरी के गंगरेल बांध के तट पर विराजमान मां अंगारमोती के दरबार में नवरात्रि की तैयारियां पूरी हो चुकी है. इस बार मां के दरबार में 4 हजार से अधिक ज्योति कलश प्रज्जवलित किए जाएंगे.

Dhamtari Maa Angarmoti temple
मां अंगारमोती का सजा दरबार (ETV Bharat)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Oct 2, 2024, 9:28 PM IST

धमतरी: शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू हो रही है.नवरात्रि से पहले देवी मंदिरों में खास तैयारियां की जा रही है. देशभर में नवरात्र को लेकर धूम है. पंडालों में देवी मां की प्रतिमाएं विराजमान की जाएंगी. इसके अलावा प्रसिद्ध देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने वाली है. छत्तीसगढ़ के धमतरी में वन देवी मां अंगारमोती मंदिर में भी नवरात्रि को लेकर खास तैयारियां की गई है. मंदिर परिसर को भक्तों के लिए तैयार किया गया है.

अलग-अलग राज्यों से पहुंचते हैं भक्त: स्थानीय लोगों की मानें तो गंगरेल में 52 गांव डूबने के बाद मां अंगारमोती माता की स्थापना की गई थी. माता के चरण पादुका मंदिर में अभी भी विराजमान हैं. इस बार के नवरात्रि में अंगारमोती मंदिर में करीब 4000 मनोकामना ज्योत जगमगाएंगे. प्रसिद्ध अंगारमोती मंदिर में छत्तीसगढ़ सहित अलग-अलग राज्यों से भक्त माता के दर्शन के लिए पहुंचते हैं.

गंगरेल में मां अंगारमोती का सजा दरबार (ETV Bharat)

गंगरेल बांध के तट पर विराजमान हैं मां:इस बारे में मां अंगारमोती माता मंदिर ट्रस्ट सदस्य मानसिंह मरकाम ने बताया कि धमतरी के गंगरेल में मां अंगारमोती माता की प्राण प्रतिष्ठा साल 1975 में हुई थी. गंगरेल बांध बनने से उसमें 52 गांव डूब गए, उसके बाद गंगरेल बांध के तट पर माता को विराजमान किया गया है. पहले माता को चंवरधाप वाली माता के नाम से जाना जाता था. उस दौर के बुजुर्गों की ओर से मां अंगारमोती दाई की स्थापना की गई थी. कहा जाता है कि मां अंगारमोती माता की चरण पादुका अभी मंदिर में है और बुजुर्गों के बताए हुए स्वरूप जैसा ही स्वरूप मां अंगारमोती माता को दिया गया है. यहां अंगारमोती माता, भैरव बाबा, भवानी मां, मतवार डोकरा और भंगाराम बाबा भी विराजमान हैं, जो आदिवासी समाज के आराध्य देवी-देवता हैं.

शारदीय नवरात्र को लेकर ट्रस्ट के द्वारा जोर शोर से तैयारी की गई है. हर साल लगभग 4000 ज्योति कलश स्थापना की जाती है. इस साल मनोकामना ज्योति कलश की संख्या बढ़ सकती है.माता के दरबार में 4 ज्योति कलश केंद्र बनाया गया है. इस साल मात्र 750 घी के ज्योति कलश स्थापना की जाएगी. इसके अलावा तेल से भी ज्योत जगमगाएंगे. -मानसिंह मरकाम, मंदिर ट्रस्ट सदस्य

नवरात्रि में रहता है भक्तिमय माहौल:धमतरी में अंगारमोती मां के दरबार में पूरे देश से भक्त अपनी मनोकामना लेकर आते हैं. भक्तों के लिए रुकने और भोजन की व्यवस्था की जाती है. नवरात्र में देवी भजन मंडलियों की ओर से भजन गाया जाता है. इस दौरान भक्तिमय माहौल रहता है. मां अंगारमोती माता मंदिर में नवरात्रि के समय विशेष चढ़ावा चढ़ाया जाता है. इस नवरात्र में एकम के दिन माता का श्रृंगार विशेष रूप से किया जाता है. पंचमी के दिन श्रृंगार के बाद महाआरती की जाती है. अष्टमी के दिन श्रृंगार, हवन पूजन के साथ महाआरती की जाती है.

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