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रहमान खेड़ा के जंगल में डीएफओ ने सुनी बाघ की दहाड़, ड्रोन और सीसीटीवी से धरपकड़ की कोशिश - REHMANKHEDA FOREST IN LUCKNOW

लखनऊ में बाघ को पकड़ने के लिए एक्सपर्ट टीम और डब्लूटीआई वन विभाग के कार्यालय पहुंचे.

टाइगर
टाइगर (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 5 hours ago

लखनऊ: राजधानी से कुछ दूरी पर ही स्थित रहमान खेड़ा का हरा भरा सुरम्य जंगल बाघ (टाइगर) को रास आ रहा है. बाघ की वजह से ग्रामीण दहशत में हैं. शनिवार को जंगल में बाघ को पकडऩे के लिए कॉबिंग कर रहे डीएफओ ने बाघ की दहाड़ सुनी. इसके बाद वह टीम के साथ लौट आए. वहीं, दहशतजदा लोग अपने घरों में कैद हो गये है.

डीएफओ सितांशु पांडेय ने बताया कि बाघ को पकड़ने में एक्सपर्ट टीम और डब्लूटीआई दुबग्गा स्थित वन विभाग के कार्यालय पहुंच गए है, जो जल्द ही बाघ को पकड़ने के लिए काम शुरू कर देंगे. इसके लिए जंगल के आस-पास खेतों में एक और पिंजरा लगाया गया है.

शनिवार सुबह पिंजरे से करीब 50 फीट की दूरी के आस पास के खेतों में नए पग चिन्ह दिखाए पड़े हैं. सुरक्षा के दृष्टिगत संस्थान के चतुर्थ ब्लॉक को सील कर दिया गया है. अब वहां पर किसी को भी जाने की अनुमति नहीं है. सिर्फ वन विभाग कि टीम ही अंदर जाएगी. पहले से लगाए गये कैमरों में बाघ के कैद नहीं हुआ, जबकि नीलगाय सहित अन्य जानवरो की चहल कदमी कैद हुई है.


बता दें कि एक माह से वन विभाग के अधिकारी जिसे बड़ी बिल्ली बता रहे थे वह आखिरकार बाघ ही निकला. बाघ ने 4 दिसंबर को दोपहर रहमान खेड़ा में एक नील गाय को अपना शिकार बना लिया था. इस घटना के बाद वन विभाग के अधिकारियों ने 5 दिसंबर को दो पिंजड़े और पांच कैमरे और लगाने का निर्णय लिया था.

इस घटना से काकोरी से लेकर मलिहाबाद और आसपास के इलाकों में दहशत फैल गई थी. ग्रामीणो की मानें तो टाइगर ने अभी तीन से चार नील गायों का शिकार किया है. बाघ होने के कारण मीठे नगर में दहशत का माहौल है. लोगों ने खेतों में जाना बंद कर दिया है. ऐसे में परिजन अपने बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे है.

डीएफओ शीतांशु पांडेय का कहना है कि शनिवार को जंगल की कांबिंग के दौरान बाघ की दहाड़ सुनी थी. बाघ की दहाड़ सुनने के बाद टीम लौट आई. क्षेत्र में किसी का भी प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है. शनिवार को 5 और कैमरे लगाए गए है. अब कुल 12 कैमरे टाइगर की गतिविधियों को कैद करने के लिए लग गए है जिन्हें संस्थान में पगचिन्ह मिलने वाले खेतों के आस पास लगाया गया है. वहीं, एक थर्मल ड्रोन भी लाया गया है. ड्रोन चलाने के लिए एक्सपर्ट को बहराइच से बुलाया गया है. जिसके आने के बाद ड्रोन से भी निगरानी शुरू हो जाएगी.

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