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महाकुंभ में श्रद्धालुओं को मिल रही वर्ल्ड क्लास स्वास्थ्य सुविधा, अब तक 7 लाख से अधिक मरीजों का इलाज - MAHA KUMBH 2025

एलोपैथी के 23 अस्पताल के साथ ही आयुष विभाग की 10 आयुर्वेदिक और 10 होमियोपैथी अस्पताल मेला क्षेत्र में स्थापित

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श्रद्धालुओं को मिल रही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 8, 2025, 10:27 PM IST

प्रयागराज: महाकुम्भ मेला क्षेत्र में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के स्वास्थ के देखभाल के लिए योगी सरकार की तरफ से बेहतरीन व्यस्थाएं की गयी हैं. पूरे मेला क्षेत्र में एक सेंट्रल हॉस्पिटल के साथ ही 23 अस्पताल बनाये गए हैं. अभी तक मेले में बने इन अस्पतालों में सात लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं का इलाज किया जा चुका है. इन अस्पतालों में नेशनल लेवल के विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ ही कनाडा, रूस, जर्मनी और दिल्ली एम्स तक के एक्सपर्ट डॉक्टर्स की टीम तैनात रही है.

7 लाख से अधिक मरीजों का इलाज
संगम नगरी में यूपी सरकार की तरफ से स्वास्थ विभाग ने एलोपैथी के 23 अस्पताल के साथ ही आयुष विभाग की तरफ से 10 आयुर्वेदिक और 10 होमियोपैथी अस्पताल पूरे मेला क्षेत्र में स्थापित किये गए हैं. एलोपैथी के 23 हॉस्पिटल में साढ़े चार लाख मरीजों का इलाज किया गया है जबकि 3 लाख 71 हजार मरीजों की पैथोलॉजी जांच की जा चुकी है. जिसमें 3800 छोटे ऑपरेशन और 12 बड़े ऑपरेशन भी शामिल हैं.

आयुष विभाग ने किया 2.18 लाख मरीजों का इलाज

वहीं आयुष चिकित्सा पद्धति के जरिये अब तक दो लाख अठारह हजार से ज्यादा मरीजों का इलाज किया जा चुका है. सीएम योगी अदित्यनाथ ने भी मेला क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने को लेकर कड़े निर्देश दे रखे हैं. सीएम चाहते हैं कि महाकुंभ में आने वाले किसी भी गंगा भक्त को स्वास्थ्य से जुड़ी किसी प्रकार की परेशानी न हो.

पंचकर्म और जड़ी बूटी से मरीजों का इलाज

महाकुंभ में अब तक कुल 7 लाख से ज्यादा लोगों को इलाज की सुविधा मिल चुकी है. इसके साथ साथ ही विशेषज्ञ डॉक्टरों ने दो लाख 18 हजार मरीजों का आयुर्वेद और होम्योपैथी के जरिए भी इलाज किया गया है. महाकुंभ मेला क्षेत्र में आयुष मंत्रालय की तरफ से 20 आयुष अस्पताल मेला क्षेत्र में दिन रात चल रहे हैं. जिसमें आयुर्वेद के 10 और होम्योपैथ के 10 अस्पताल शामिल हैं. आयुर्वेद पद्धति के जरिये पंचकर्म और जड़ी बूटी के जरिये मरीजों का इलाज किया गया है.

बच्चों के लिए औषधि स्वर्णप्राशन

यही नहीं इसके साथ ही यहां से बच्चों के लिए विशेष औषधीय गुणों वाला स्वर्णप्राशन दिया जा रहा है. महाकुम्भ में आये हुए एक से 12 साल तक के जो बच्चे पुष्य नक्षत्र के दौरान बनाया गया विशेष आयुर्वेदिक औषधि स्वर्णप्राशन खाएंगे उनकी एकाग्रता, बुद्धि कौशल, रोग प्रतिरोधक क्षमता और शारीरिक विकास में वृद्धि होगी.

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