हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

हिमाचल में घर बनाने को मिलेगी 3 बिस्वा जमीन, 3 लाख रुपये अलग से मिलेगी वित्तीय सहायता, ये होंगे पात्र - SUKH AASHRAY SCHEME

‘चिल्ड्रन ऑफ दि स्टेट’ का दर्जा प्राप्त बच्चों के लिए सुक्खू सरकार बड़ा सहारा है. डिटेल में पढ़ें खबर...

सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश
सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश (फाइल फोटो)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 5, 2025, 7:38 PM IST

शिमला:हिमाचल में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में चल रही कांग्रेस सरकार निराश्रित बच्चों के लिए एक बड़ा सहारा बनी है. प्रदेश सरकार ने इन बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ दि स्टेट’ का दर्जा प्रदान कर अभिभावक के रूप में अपनाया है. मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभालते ही सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बेसहारा बच्चों को अपनाने का संकल्प लिया. सरकार की इस पहल से प्रदेश के 6 हजार अनाथ बच्चों को अन्य बच्चों के समान उचित देखभाल और बेहतर शिक्षा एवं स्वास्थ्य की सुविधाएं मिल रही हैं.

इस तरह से हिमाचल देश का पहला राज्य बना है जिसने अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए कानून के अंतर्गत यह योजना शुरू की है. इस योजना के तहत 101 करोड़ रुपये का मुख्यमंत्री सुख-आश्रय कोष भी गठित किया गया है. हिमाचल सरकार ने इस योजना का विस्तार करते हुए परित्यक्त बच्चों को भी इस योजना के दायरे में शामिल किया है.

योजना में ये भी है प्रावधान

सरकार ने इस योजना के अंतर्गत इन बच्चों को देश के विभिन्न दर्शनीय और ऐतिहासिक स्थलों के भ्रमण पर भेजने का प्रावधान किया है जिसके तहत हाल ही में मुख्यमंत्री ने ‘चिल्ड्रन ऑफ दि स्टेट’ के पहले दल को 13 दिवसीय भ्रमण पर रवाना किया. इस दल में 22 बच्चों को भ्रमण पर भेजा गया है जिसमें 16 लड़कियां और 6 लड़के शामिल हैं. सभी बच्चे चंडीगढ़, दिल्ली और गोवा का भ्रमण करेंगे. भ्रमण पर भेजे गए बच्चों के लिए सरकार ने विशेष प्रबंध किए हैं. उनकी आरामदायक यात्रा के लिए शताब्दी ट्रेन और हवाई यात्रा की व्यवस्था की गई है. रात्रि ठहराव के दौरान इन बच्चों को उन कमरों में ठहराया जा रहा है जिनमें मंत्री, विधायक और वरिष्ठ अधिकारी ठहरते हैं.

बच्चों के इस दल ने 2 जनवरी से 4 जनवरी तक चंडीगढ़ का भ्रमण किया. 5 जनवरी को ये बच्चे शताब्दी ट्रेन से दिल्ली पहुंचे और 8 जनवरी तक वहीं रह कर विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों का दौरा करेंगे. 9 जनवरी को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट हवाई जहाज से गोवा के लिए रवाना होंगे. इस दौरान वे 13 जनवरी तक गोवा में एक थ्री-स्टार होटल में ठहरेंगे और गोआ के विभिन्न पर्यटन स्थलों का भ्रमण करेंगे. 14 जनवरी को ये सभी बच्चे गोवा से हवाई जहाज के माध्यम से चंडीगढ़ पहुंचेंगे.दी जा रही ये सुविधाएं

मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के अंतर्गत लाभार्थी बच्चों को पढ़ाई के खर्च के अलावा, जेब खर्च के लिए 4 हज़ार रुपये प्रतिमाह प्रदान किए जा रहे हैं. बाल-बालिका संस्थानों के 14 वर्ष तक की आयु के बच्चों के खाते में हर महीने 1000 रुपये और 15 से 18 वर्ष तक की आयु वर्ग के बच्चों एवं एकल महिलाओं के खाते में हर माह 2500 रुपये की धनराशि जमा की जा रही है. निराश्रित बच्चों को स्टार्टअप शुरू करने के लिए 2 लाख रुपये की वित्तीय सहायता का प्रावधान किया गया है.

इन बच्चों को घर बनाने के लिए 3 बिस्वा भूमि के प्रावधान के साथ-साथ 3 लाख रुपये की वित्तीय सहायता भी प्रदान की जा रही है. अनाथ आश्रमों और वृद्धाश्रमों में रहने वालों, निराश्रित महिलाओं और मूक-बधिर बच्चों को सर्दी व गर्मी के कपड़े और जूते खरीदने के लिए 10-10 हज़ार रुपये वस्त्र अनुदान के रूप में दिए जा रहे हैं. इसके साथ-साथ विवाह अनुदान के रूप में दो लाख रुपये का प्रावधान भी सरकार ने किया है.

मानवीय संवेदनाओं को अधिमान देते हुए अनाथ आश्रम में रहने की उम्र को 26 वर्ष से बढ़ाकर 27 वर्ष किया गया है. वहीं, प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के अंतर्गत 14 अनाथ बच्चों का प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में दाखिला दिलवाया है, जिनकी पढ़ाई का खर्च सरकार वहन कर रही है. कांगड़ा ज़िले के लुथान में करीब 93 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम सुख-आश्रय परिसर का शिलान्यास किया गया है. यहां 400 आश्रितों के लिए आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details