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अरबों रुपये के जीएसटी फर्जीवाड़े में दिल्ली के तीन कारोबारियों की संपत्ति कुर्क करने की तैयारी - Noida GST fraud Case

Noida GST fraud Case: कागजों पर तीन हजार से अधिक फर्जी कंपनी और फर्म बनाने के बाद हजारों करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट लेकर सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचाने वाले गिरोह के तीन कारोबारियों के खिलाफ नोएडा पुलिस ने कुर्की की तैयारी कर ली है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 16, 2024, 8:26 PM IST

Updated : Apr 16, 2024, 10:29 PM IST

जीएसटी फर्जीवाड़े में दिल्ली के तीन कारोबारियों की संपत्ति कुर्क करने की तैयारी

नई दिल्ली/नोएडा:जीएसटी फर्जीवाड़े में नोएड़ा पुलिस ने तीन कारोबारियों के खिलाफ कुर्की की तैयारी कर ली है. तीनों की चल और अचल संपत्ति की पहचान की जा रही है. पुलिस को जानकारी मिली है कि कारोबारियों के पास एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है. इस संबंध में 82 की कार्रवाई पूरी करने के बाद पुलिस इनकी संपत्ति को कुर्क करेगी. मुनादी कराने के बाद आरोपियों के घरों पर नोटिस चस्पा किया जाएगा और इसके बाद कुर्की की कार्रवाई शुरू होगी.

डीसीपी क्राइम शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि बीते दिनों सेक्टर-20 पुलिस ने कारोबारी तुषार गुप्ता को गिरफ्तार किया था. उसके बाद पता चला कि दिल्ली के पंजाबी बाग के संजय ढींगरा, कनिका ढींगरा और मयंक ढींगरा ने कई करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा किया है. तीनों ने फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट लेकर सरकार के राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाया है. अब इन आरोपियों के खिलाफ न्यायालय ने 82 की कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है. जल्द इनकी संपत्ति को कुर्क किया जाएगा.

अबतक 33 आरोपी गिरफ्तार:जीएसटी फर्जीवाड़े में नोएडा पुलिस की ओर से अब तक 33 आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. कई अन्य आरोपी अभी भी पुलिस के राडार पर हैं. इसमें कई कारोबारियों का नाम भी शामिल है. संजय, कनिका और मयंक ने कारोबार की आड़ में कई फर्जी कंपनियां बनाई और अवैध तरीके से आईटीसी लिया. पुलिस ने बीते साल जून में 2,600 से अधिक फर्जी कंपनी खोलकर भारत सरकार के राजस्व को अरबों रुपये का नुकसान पहुंचाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था.

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तरह से करते थे ठगी:आरोपी देश के विभिन्न जगहों पर रहने वाले लाखों लोगों के पैन कार्ड और आधार कार्ड का डाटा हासिल करने के बाद फर्जी कंपनी और फर्म खोलने थे. इस कंपनियों और फर्मों का अस्तित्व महज कागजों पर होता था, धरातल पर कोई भी कंपनी नहीं होती थी. इसके बाद आरोपी जीएसटी नंबर लेकर फर्जी बिल बनाकर जीएसटी रिफंड प्राप्त कर सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचाते थे.

जांच में पता चला कि जालसाज फर्जी कंपनियों को जीएसटी नंबर के साथ ऑन डिमांड बेच भी देते थे. इन कंपनियों के नाम पर पैसे जमा कर काले धन को सफेद करने का भी काम भी व्यापक स्तर पर होता था. इस फर्जीवाड़े में शामिल कई आरोपियों की चल और अचल संपत्ति को कुर्क भी किया जा चुका है.

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Last Updated : Apr 16, 2024, 10:29 PM IST

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