नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली के दयालपुर इलाके में 16 साल के नाबालिग लड़के की हत्या की गुत्थी को दयालपुर थाना पुलिस सुलझा लिया है. हत्याकांड में शामिल तीन नाबालिग लड़कों को पकड़ लिया है. पुलिस के मुताबिक, दिवाली की रात मृतक और आरोपियों में कहासुनी हो गई थी, जिसका बदला लेने के लिए उन्होंने नाबालिग की चाकू से गोदकर निर्मम हत्या कर दी थी.
मंगलवार रात दयालपुर थाना इलाके के नेहरू विहार गली नंबर 18 में झगड़ा और चाकू बाजी की सूचना मिली. सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची. तब तक घायल को शास्त्री पार्क के जग प्रवेश अस्पताल ले जाया जा चुका था. पुलिस की टीम अस्पताल पहुंची तो डॉक्टरों ने बताया कि घायल की मौत हो चुकी है. मृतक की उम्र 16 साल थी. वह नेहरू विहार का ही रहने वाला था. शव पोस्टमार्टम के लिए भेज कर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया.
राकेश पवारिया, उत्तर पूर्वी दिल्ली के डीसीपी
ऐसे पकड़े गए आरोपी
मामले की जांच के लिए दयालपुर थाना के एस एच ओ अतुल त्यागी और इंस्पेक्टर पंकज के डायरेक्शन में एस आई जुगनू, हेड कांस्टेबल संदीप मलिक, हेड कांस्टेबल पुष्पेंद्र ,कांस्टेबल अमित और बीट स्टाफ हेड कांस्टेबल विकास, हेड कांस्टेबल सचिन और हेड कांस्टेबल सुंदर की एक टीम का गठन किया गया .
इस टीम ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले, जिससे तीन आरोपी का पता चला. आरोपियों की तस्वीर को इलाके में सर्कुलेट किया गया जिससे तीनों नाबालिग आरोपियों की पहचान हो गई और उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स और लोकेशन को ट्रैक कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि 31 अक्टूबर दिवाली की रात मृतक का आरोपियों में से एक से किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई थी. इसी का बदला लेने के लिए उन्होंने पीड़ित की चाकू मारकर हत्या कर दी. पुलिस से बचने के लिए वह लगातार अपना ठिकाना बदल रहा था लेकिन पुलिस ने उन्हें दबोच लिया .
इंद्रपुरी में हुए मर्डर का मोस्ट वांटेड अरेस्ट
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच इंद्रपुरी इलाके में हुए एक हत्याकांड में शामिल वांटेड आरोपी को उत्तराखंड के हल्द्वानी से गिरफ्तार किया. आरोपी पुलिस से बचने के लिए अपनी पहचान छुपा कर रह रहा था. आरोपी की पहचान इंद्रपुरी निवासी 30 वर्षीय विक्रम के तौर पर हुई है.
डीसीपी सतीश ने बताया कि क्राइम ब्रांच ने दिल्ली के इंद्रपुरी थाना में हत्या के मामले में शामिल विक्रम को हल्द्वानी, उत्तराखंड से गिरफ्तार किया है. आरोपी को 2022 में भगोड़ा घोषित किया गया था. घटना 25 अप्रैल 2022 की है. शिकायतकर्ता किशन राजौरा, एयरटेल के एक संग्रह एजेंट हैं जो इंद्रपुरी में किशन मंदिर पार्क में पहुंचे, जहां उनकी मुलाकात उनके परिचितों प्रदीप और परवेश से हुई. तीनों रात करीब 11:30 बजे पार्क में थे, जब यश राजौरा भागकर आया और बताया कि उसका अजय, सूरज, उसके भाई विक्रम और डी ब्लॉक, इंदरपुरी के उनके दोस्तों के साथ झगड़ा हुआ था. किशन, प्रदीप, परवेश और यश पार्क के गेट पर गए, जहाँ यश ने उन्हें कुछ देर रुकने का सुझाव दिया. इस दौरान उन्होंने मोंटी और गौतम को भी बुलाया है। थोड़ी देर बाद, मोंटी और गौतम आ गए. इस बीच, अजय, सूरज, विक्रम और उनके साथी मुख्य सड़क से होते हुए जेजे कॉलोनी पहुंचे. बहस शुरू हुई, जिसके कारण किशन ने अजय को गालियां दीं, फिर कहासुनी हाथापाई में बदल गई. विवाद के दौरान अजय, विक्रम, सूरज और उनके साथियों ने परवेश पर डंडे से हमला कर दिया, जिससे वह सड़क पर गिर गया.
हमलावरों ने परवेश को लात-घूंसों से पीटना शुरू कर दिया. गौरव ने उसके सीने पर चाकू से वार किए, जिससे काफी खून बह गया. किसी ने पुलिस को फोन किया और किशन ने परवेश को इलाज के लिए आरएमएल अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. थाना इंद्रपुरी मुकदमा स्थानीय पुलिस ने पांच संदिग्धों को गिरफ्तार किया और मास्टरमाइंड आरोपी विक्रम 2022 से फरार चल रहा था. आरोपी विक्रम को भगोड़ा भी घोषित किया जा चुका था.
पिछले कुछ महीनों से, एजीएस, क्राइम ब्रांच की एक समर्पित टीम गंभीर अपराधों में शामिल कुख्यात अपराधियों को ट्रैक करने और पकड़ने के लिए अथक प्रयास कर रही थी. पुलिस टीम ने अपराधी के रिश्तेदारों, दोस्तों और सहयोगियों से जुड़े लगभग 100 मोबाइल नंबरों से कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) का विश्लेषण किया। कृष्ण कुमार को वांछित और फरार अपराधी विक्रम के ठिकाने के बारे में विशेष जानकारी मिली, जो एक हत्या के मामले में शामिल था और माना जाता है कि वह उत्तराखंड में है. टीम उत्तराखंड गई और आगे की जांच के बाद, हल्द्वानी में विक्रम के स्थान को चिन्हित किया. वह एक आभूषण की दुकान पर काम करता हुआ पाया गया. पकड़े जाने पर उसकी पहचान दिल्ली के इंद्रपुरी निवासी 30 वर्षीय विक्रम के रूप में हुई है. विक्रम के सहयोगियों और उसके भाई को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था, और वह 2022 से फरार था.