नई दिल्लीःदिल्ली हाईकोर्ट ने कोर्ट की सुनवाई के दौरान ऑस्ट्रेलिया से जुड़ी महिला की कोर्ट के प्रति की गई अभद्र टिप्पणी पर संज्ञान लेते हुए संबंधित महिला के खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया है. जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने यह आदेश दिया.
हाईकोर्ट ने ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में रह रही आरोपी अनिता गुप्ता को 16 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के फॉरेनर्स रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (एफआरआरओ) को आरोपी महिला के भारत में आते ही उसका पासपोर्ट और वीजा जब्त कर लेने का आदेश दिया.
हाईकोर्ट ने कहा कि अनिता गुप्ता को भारत आने के बाद कोर्ट की अनुमति के बिना देश छोड़ने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. कोर्ट ने ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा स्थित भारतीय उच्चायोग को भी निर्देश दिया कि वो अदालत के इस आदेश की जानकारी अनीता कुमारी गुप्ता को दे.
दरअसल, 10 जनवरी को जस्टिस नीना बंसल कृष्णा मामलों की सुनवाई कर रही थी. उस दौरान एक मामले में आरोपी अनिता कुमारी गुप्ता भी अपने 10वें नंबर के मुकदमे की सुनवाई के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़ी थी. जब उनके मामले की सुनवाई का नंबर आया तो तकनीकी गड़बड़ी की वजह से कोर्ट ने 10वें की बजाय 11वें नंबर के मामले की सुनवाई करनी शुरू कर दी. उस दौरान भी इस महिला का माइक चालू था. जब उसके मामले की बजाय अगले मामले की सुनवाई होने लगी तो महिला बोल पड़ी कि ऐसा कैसे हो गया. दस से पहले ग्यारह कैसे आ गया. उसने कोर्ट को लेकर अभद्र टिप्पणी की.
अनीता की पूरी बात जज समेत उस समय मौजूद सभी लोगों सुन रहे थे. इसके बाद कोर्ट ने अदालत की गरिमा का हनन करने वाले ऐसे बयान पर स्वत: संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया. अब महिला को सिडनी से आकर कोर्ट में हाजिर होकर कोर्ट के सवालों का जवाब देना होगा.