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बिहार में वज्रपात से 21 लोगों की मौत, मुख्यमंत्री ने मुआवजा राशि की घोषणा करते हुए सतर्कता बरतने की अपील की - DEATH DUE TO LIGHTNING - DEATH DUE TO LIGHTNING

CM NITISH CONDOLENCES मानसून की सक्रियता के बाद से ही बिहार में वज्रपात से लोगों की मौत का सिलसिला शुरू है. सरकार की ओर से वज्रपात से संबंधित दी जा रही सूचना के बावजूद मौत रुक नहीं रहा है. पिछले 24 घंटे में वज्रपात से 12 जिलों में 21 लोगों की मौत हो गई. मुख्यमंत्री ने मृतक के परिजनों को चार-चार लाख रुपये अनुग्रह अनुदान देने के निर्देश दिये हैं.

नीतीश कुमार.
नीतीश कुमार.(फाइल फोटो) (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 12, 2024, 7:17 PM IST

पटना: बिहार में पिछले 24 घंटे में वज्रपात से 12 जिलों में 21 लोगों की मौत हो गई. मुख्यमंत्री ने वज्रपात से हुई लोगों की मौत पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है. मुख्यमंत्री ने आज ही मृतक के परिजनों को चार-चार लाख रुपये अनुग्रह अनुदान देने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में वे प्रभावित परिवारों के साथ हैं. मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि सभी लोग खराब मौसम में पूरी सतर्कता बरतें.

किन-किन जिले में कितने मौतःवज्रपात से 12 जिलों में 21 लोगों की मौत हुई है. जिन जिलों में घटना हुई है उसमें मधुबनी में 06, औरंगाबाद में 04, पटना में 02, रोहतास में 01, भोजपुर में 01, जहानाबाद में 01, सारण में 01, कैमूर में 01, गोपालगंज में 01, लखीसराय में 01, मधेपुरा में 01 और सुपौल में 01 व्यक्ति की मौत शामिल है. इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग जख्मी हैं.

मुख्यमंत्री ने लोगों से की अपीलः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी लोगों से खराब मौसम में पूरी सतर्कता बरतने की अपील की है. उन्होंने कहा कि खराब मौसम होने पर वज्रपात से बचाव के लिये आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किये गये सुझावों का अनुपालन करें. खराब मौसम में घरों में रहें और सुरक्षित रहें. बता दें कि बिहार में मानसून की सक्रियता के बाद से अबतक वज्रपात से केवल जुलाई महीने में मौत का आंकड़ा 100 के करीब पहुंचने वाला है.

इन बातों का रखें ध्यान:अगर बादल गरज रहे हों, तो ये इस बात का संकेत है कि बिजली गिर सकती है. ऐसे में पानी, बिजली के तारों, खंभों, हरे पेड़ों और मोबाइल टॉवर आदि से दूर हट जाएं. नीचे दुबक कर पैरों के बल बैठ जाएं. यानी अपनी दोनों एड़ियों को जोड़कर उकड़ू होकर बैठ जाएं. छतरी या मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करें. छतरी या सरिया जैसी कोई चीज हैं तो अपने से दूर रखें. पुआल आदि के ढेर से दूर रहें, उसमें आग लग सकती है.


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