लोहरदगा: भारतीय जनता पार्टी ने लोहरदगा लोकसभा सीट के लिए अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी है. पिछले तीन लोकसभा चुनाव जीतने वाले बीजेपी के सुदर्शन भगत को इस बार पार्टी ने टिकट नहीं दिया. इस बार बीजेपी ने लोहरदगा लोकसभा सीट से राज्यसभा सांसद समीर उरांव को अपना उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में लोगों के बीच यह चर्चा शुरू हो गई है कि क्या कांग्रेस पार्टी इस बार भारतीय जनता पार्टी के विजय रथ को रोक पाएगी. इसके अलावा एक सवाल यह भी चल रहा है कि लोहरदगा लोकसभा सीट को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा की क्या योजना है.
कांग्रेस की ओर से सुखदेव भगत का नाम सबसे आगे
कांग्रेस पार्टी ने अभी तक लोहरदगा लोकसभा सीट के लिए अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की है, लेकिन लोहरदगा लोकसभा सीट से कांग्रेस पार्टी की ओर से उम्मीदवार के तौर पर सुखदेव भगत का नाम सबसे आगे चल रहा है. इसके पीछे कारण यह है कि सुखदेव भगत कांग्रेस पार्टी के लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र के प्रभारी भी हैं. वह लगातार इलाके में सक्रिय रहे हैं. सुखदेव भगत दो साल से अधिक समय से लोहरदगा लोकसभा सीट पर सक्रिय हैं. जहां तक 2019 के चुनाव की बात है तो लोहरदगा लोकसभा सीट पर सुखदेव भगत ने भारतीय जनता पार्टी के सुदर्शन भगत को कड़ी टक्कर दी थी.
2019 में ये रहा था नतीजा
2019 के चुनाव में लोहरदगा लोकसभा सीट से सुदर्शन भगत को 371595 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी सुखदेव भगत को 361232 वोट मिले थे. इस चुनाव में सुदर्शन भगत ने करीब 10363 वोटों से जीत हासिल की थी. ये बेहद करीबी मुकाबला था. इसके बाद से ही यह चर्चा शुरू हो गई थी कि क्या लोकसभा सीट पर सुदर्शन भगत का जनाधार कम हो रहा है.
राजनीति से जुड़े सूत्रों की मानें तो भारतीय जनता पार्टी के आंतरिक सर्वे में भी यह बात सामने आई है कि इस सीट पर सुदर्शन भगत के मुकाबले समीर उरांव मजबूत उम्मीदवार हैं. जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने लोहरदगा लोकसभा सीट से समीर उरांव को अपना उम्मीदवार बनाकर सभी को चौंका दिया. कांग्रेस की ओर से सुखदेव भगत लगातार क्षेत्र में काम कर यह संदेश देने में जुटे हैं कि वह लोहरदगा लोकसभा सीट से कांग्रेस पार्टी के सबसे मजबूत दावेदारों में से एक हैं.