हजारीबागः आम फलों का राजा होता है. अगर आपको देश का सबसे प्रसिद्ध और स्वादिष्ट अल्फांसो आम खाने की इच्छा है तो अब आपको महाराष्ट्र या फिर गुजरात पर आश्रित होने की जरूरत नहीं है. हजारीबाग में भी अल्फांसो आम की खेती की जा रही है.
हजारीबाग में इस बार आम के बगीचे में 100 से अधिक अल्फांसो आम तैयार हो रहा है. जिसे आप पैसा देकर खरीद सकते हैं. जिला के डेमोटांड़ स्थित कृषि अनुसंधान केंद्र में 3 अल्फांसो आम के पेड़ तैयार हैं. इस वर्ष एक पेड़ में आम भी हुआ है. जिसे लोग देखने के लिए भी पहुंच रहे हैं और किसानों ये यह कह रहे हैं कि जब यह तैयार हो जाए तो इसका स्वाद जरूर चखाइए.
हजारीबाग कृषि अनुसंधान केंद्र में 300 से अधिक आम के पेड़ हैं. जहां तरह तरह के आम के पेड़ लगाए गये हैं. इनमें से 3 आम के पेड़ बेहद खास हैं जो विशेष सुरक्षा में रखे जाते हैं. किसान और कृषि अनुसंधान केंद्र के पदाधिकारी भी इस आम के वृक्ष का विशेष ख्याल रखते हैं. 2007 में तीन अल्फांसो आम के पौधे कृषि अनुसंधान केंद्र में लगाए गए थे. इस वर्ष एक अल्फांसो आम के पेड़ में फल तैयार हो रहा है.
कृषि अनुसंधान केंद्र के फील्ड ऑफिसर सह किसान राजेश कुमार बताते हैं कि साल 2007 हजारीबाग में हापुस आम का एक प्रयोग किया गया था जो काफी सफल साबित हुआ. कृषि केंद्र में लगाए गए 3 अल्फांसो आम के पौधे अब फल दे रहे हैं. इससे अब सालाना 10 क्विंटल तक आम हो रहा है. पिछले साल की तुलना में इस वर्ष आम के उत्पादन में कमी आई है फिर भी लोग इसकी खरीदारी करने के लिए यहां पहुंच रहे हैं. फिलहाल आम पूर्ण रूप से तैयार नहीं है, जिस कारण से इसकी बिक्री पर अभी रोक लगाई गयी है.
अल्फांसो आम पूरी तरह से तैयार होने में करीब 10 से 15 दिन का और समय लगेगा, इसके बाद जब आम पक जाएंगे तब इसे व्यापारी को बुलाकर बेचा जाएगा. पेड़ में पके हुए आम की मांग बाजार में काफी अधिक रहती है. एक आम का वजन करीब 200 से 350 ग्राम तक होता है. पिछले वर्ष पांच हजार किलोग्राम तक आम बेची गयी थी. इस वर्ष 2500 हजार रुपये किलोग्राम तक बिकने का अनुमान है.