कानपुर: हर साल देश में लाखों किसानों के माथे पर इस बात को लेकर चिंता की लकीरें आ जाती थीं, कि अगर वह समय से सरसों की बुआई न कर सके तो उनका क्या होगा? ऐसे किसानों की समस्याओं का हमेशा के लिए समाधान करने को चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि (सीएसए विवि) के कृषि वैज्ञानिकों ने 11 सालों तक लगातार शोध के बाद सरसों की एक ऐसी नई प्रजाति- गोवर्धन तैयार कर दी है. जिसे किसान अब नवंबर के आखिरी हफ्ते तक बुआई कर सकेंगे. जिसे किसानों को सरसों की फसल का पूरा लाभ मिल सकेगा. सीएसए के कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि इस नई प्रजाति का लाभ देशभर के वह गन्ना किसान भी ले सकेंगे, जो नवंबर के बाद खेतों पर खाली बैठे रहते थे.
किसानों के लिए खुशखबरी; सरसों की नई किस्म तैयार, बंपर होगी पैदावार, 20 नवंबर तक कर सकेंगे बुआई - Mustard New Variety - MUSTARD NEW VARIETY
कानपुर स्थित चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि ने सरसों की एक नई प्रजाति तैयार की है. जिसकी पैदावार अधिक होने के साथ कई फायदे हैं. आइए जानते हैं सरसों की नई प्रजाति के बारे में...
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Jul 18, 2024, 10:32 PM IST
120-130 दिनों में पककर होगी तैयार: सीएसए विवि के शोध निदेशक डॉ. पीके सिंह ने बताया कि सरसों की नई प्रजाति गोवर्धन को लखनऊ में कुछ दिनों पहले हुई स्टेट वैराइटी कमेटी ने अपनी अनुमति दे दी है. अब इस प्रजाति का नोटिफिकेशन हो सके, इसके लिए कृषि मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा जाएगा. नई प्रजाति गोवर्धन 120 से 130 दिनों में पककर तैयार हो जाएगी. साथ ही इस प्रजाति से अब 39 प्रतिशत तेल मिल सकेगा. किसानों को इस प्रजाति से यह एक बड़ा लाभ होगा.
माहू कीट से गोवर्धन पूरी तरह रहेगी सुरक्षित: डॉ. पीके सिंह ने बताया कि सरसों की खेती करने वाले किसान माहू कीट से बहुत अधिक परेशान रहते थे. लेकिन उन्हें गोवर्धन प्रजाति की पैदावार को लेकर इस तरह की कोई फिक्र नहीं करनी होगी. क्योंकि, जब किसान नवंबर के अंत में इस फसल को बोएंगे और जब तक फसल तैयार होगी तब तक माहू कीट लगने का खतरा पूरी तरह से खत्म हो चुका होगा. डॉ. पीके सिंह बताया कि पहले इस प्रजाति का नोटिफिकेशन होगा. इसके बाद किसानों को हम जल्द से जल्द बीज उपलब्ध करा देंगे. देशभर के किसानों को बीज दिए जाने के लिए खाका खींचा जा रहा है.