देहरादून: उत्तराखंड सचिवालय में टाटा ट्रस्ट के पदाधिकारी के साथ मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने एक महत्वपूर्ण बैठक की. इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों में राज्य की जरूरत के लिहाज से टाटा ट्रस्ट की मदद लिए जाने पर विचार किया गया. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने टाटा ट्रस्ट के सामने उत्तराखंड सरकार की प्राथमिकताएं और ट्रस्ट एरिया रखा.
उत्तराखंड सरकार टाटा ट्रस्ट से शिक्षा, स्वास्थ्य समेत कौशल विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में सहायता की दरकार रखती है. प्रदेश में युवाओं के लिए राज्य की परिस्थितियों के अनुसार टाटा ट्रस्ट के मुंबई सहित देश के विभिन्न स्किल डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट में कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था पर भी इस दौरान बातचीत की गई है. साथ ही राज्य में विभिन्न सेक्टर के तहत गैप फिलिंग के तहत टाटा ट्रस्ट की मदद लिए जाने का फैसला लिया गया.
उत्तराखंड सचिवालय में टाटा ट्रस्ट के साथ हुई बैठक के दौरान टाटा ट्रस्ट के द्वारा राज्य में हेल्थकेयर सेक्टर, टेली मेडिसिन, महिलाओं और बच्चों के कुपोषण से बचाव, युवाओं के कौशल विकास, बालिकाओं की शिक्षा और महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने समेत ग्रामीण आजीविका, पलायन, स्मार्ट क्लासेस, वाइब्रेंट विलेज और नशा मुक्ति जैसे क्षेत्र के लिए मदद लिए जाने पर बातचीत हुई.
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि टाटा ट्रस्ट से किन-किन क्षेत्रों में सहायता ली जा सकती है, इसकी एक रिपोर्ट अगली बैठक तक तैयार की जाए. इस दौरान टाटा ट्रस्ट द्वारा राज्य के 13 जिलों की कमजोर सामाजिक आर्थिक पृष्ठभूमि वाली 13 टॉपर बालिकाओं को आर्थिक अनुदान की कार्य योजना के संबंध में बात की गई.
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा की नीति आयोग के द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार SDG इंडेक्स 2023-24 में उत्तराखंड देश में पहले स्थान पर है. इस स्थिति को बनाए रखने के लिए राज्य सरकार का लक्ष्य सभी हित धारकों के साथ सहयोग करना है, जिससे समावेशी विकास सुनिश्चित किया जा सके.
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