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तेजा दशमी और रामदेव जयंती पर मंदिरों में उमड़ा आस्था का सैलाब, आमेर में सर्प झांकी बनी आकर्षण का केंद्र - Snake Tableau In Amer - SNAKE TABLEAU IN AMER

Snake Tableau In Amer, राज्य में शुक्रवार को धूमधाम से रामदेव जयंती और तेजा दशमी का पर्व मनाया गया. वहीं, इस अवसर पर जयपुर वीर तेजाजी महाराज की जयकारों से गुंजायमान हो गई. साथ ही आमेर के जाजोलाई की तलाई स्थित तेजाजी मंदिर में सर्प की झांकी मुख्य तौर पर आकर्षण का केंद्र बनी.

Snake Tableau In Amer
मंदिरों में उमड़ा आस्था का सैलाब (ETV BHARAT JAIPUR)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 13, 2024, 5:17 PM IST

आमेर में सर्प झांकी बनी आकर्षण का केंद्र (ETV BHARAT JAIPUR)

जयपुर :प्रदेश भर में शुक्रवार को रामदेव जयंती और तेजा दशमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया. रामदेव जयंती और तेजा दशमी के मौके पर प्रदेश भर के सभी तेजाजी मंदिरों में तेजा दशमी के मेले आयोजित हुए. इस अवसर पर छोटी काशी जयपुर वीर तेजाजी महाराज की जयकारों से गुंजायमान हो गई. तेजाजी और रामदेव मंदिरों में आस्था का सैलाब उमड़ा. सभी वीर तेजाजी के मंदिरों में तेजाजी महाराज की पूजा-अर्चना कर उन्हें खीर, पुए, पुड़ी का भोग लगाया गया. वहीं, आमेर के जाजोलाई की तलाई स्थित तेजाजी मंदिर में साक्षात सर्प की झांकी आकर्षण का केंद्र बनी.

छोटी काशी जयपुर में भी रामदेव जयंती और तेजा दशमी का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. आमेर, जयसिंहपुरा खोर, सांगानेर, शास्त्री नगर समेत सभी तेजाजी मंदिरों में विशेष कार्यक्रम आयोजित हुए. तेजाजी महाराज के मंदिर और उनकी प्रतिमाओं को फूलों के विशेष श्रंगार से सजाया गया. साथ ही विभिन्न प्रकार की झांकियां भी सजाई गई. आमेर में जाजोलाई की तलाई स्थित प्राचीन तेजाजी मंदिर में सुबह से ही आस्था का सैलाब उमड़ता नजर आया. हजारों की संख्या में भक्तो ने यहा पहुचकर तेजाजी महाराज के प्रसाद चढ़ाकर परिवार के सुख समृद्धि की कामना की. आमेर के तेजाजी मंदिर में भव्य मेले का भी आयोजन किया गया. मेले में तेजाजी महाराज के दर्शन करने दूर-दराज से लोग पहुंचे. मेले के दौरान तेजाजी महाराज की साक्षात सर्प झाकिया निकाली गई.

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सर्प झांकी में तेजाजी महाराज का घोड़ला (सेवक) ने अपने गले मे सर्प को विराजमान कर घोड़े पर सवार होकर भक्तों को आशीर्वाद दिया. इस तेजाजी मंदिर की खासियत है कि प्रतिवर्ष तेजा दशमी को सर्प देवता स्वयं प्रकट होकर तेजाजी महाराज के सेवक के गले में विराजमान होते हैं. उसके बाद तेजाजी महाराज के सेवक इसे अपने गले में विराजमान कर पूरे मेले में घोड़े पर सवार होकर भक्तों को दर्शन देते हैं. मंदिर में मेले के दौरान निकाली जाने वाली सर्प झांकी भक्तों का आकर्षण का केंद्र बनी. यहां पर देसी ही नहीं विदेशी भक्त भी इस झांकी के दर्शन पाने पहुंचते हैं. तेजा दशमी के पर्व पर विशेष रूप से 2 बार यह झांकी निकाली जाती है.

बाबा रामदेव और वीर तेजाजी ने अपना पूरा जीवन लोक कल्याण के लिए समर्पित कर दिया था. तेजा दशमी का पर्व भाद्रपद शुक्ला की दशमी के दिन मनाया जाता है. तेजा दशमी पर्व से पहले 9 दिन तक तेजाजी महाराज की झांकियां और बिंदोरिया निकाली जाती है. वही तेजा दशमी के दिन यहां पर रात्रि जागरण का भी आयोजन किया जाता है. वीर तेजाजी महाराज की मान्यता है कि किसी भी प्रकार के जहरीले जानवर, सर्प, कीड़े-मकोड़े काटने पर यहां जहर को महाराज निकालते हैं. तेजाजी महाराज को लोक देवता के नाम से भी जाना जाता है.

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आमेर के साथ ही जयसिंहपुरा खोर तेजाजी मंदिर, सांगानेर तेजाजी मंदिर, शास्त्री नगर तेजाजी मंदिर सहित जयपुर के जयपुर में विभिन्न तेजाजी मंदिरों में भव्य मेलो का आयोजन हुआ. काफी संख्या में भक्त तेजाजी महाराज के धोक लगाने के लिए पहुंचे.

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