जयपुर. महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-11, महानगर द्वितीय ने पीएम नरेंद्र मोदी पर जातिगत टिप्पणी करने को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ पेश परिवाद पर परिवादी को 30 मार्च को अपना साक्ष्य पेश करने को कहा है. अदालत ने यह आदेश अधिवक्ता विजय कलंदर के परिवाद पर दिए.
परिवाद में कहा गया कि उसने गत 9 फरवरी को अखबार में पढ़ा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा छत्तीसगढ़ पहुंची है. इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी जन्म से ओबीसी वर्ग के नहीं है, बल्कि गुजरात की भाजपा सरकार ने मोदी को ओबीसी बनाया है और वे पिछड़ों के हक और हिस्सेदारी के साथ न्याय नहीं कर सकते. परिवाद में कहा गया कि भाजपा ने जब राहुल गांधी के इस बयान को झूठा बताया तो उन्होंने कहा कि मेरे सच पर मुहर लगाने के लिए धन्यवाद. राहुल गांधी का सार्वजनिक तौर पर दिया ऐसा बयान भारतीय नागरिकों के विभिन्न वर्गों और समुदाय के प्रति अपराध करने के लिए उकसाने के लिए दिया गया है. यह बयान देश में अशांति पैदा करने वाला व देश की सुरक्षा को खतरे में डालने के साथ ही देश की अखंडता के खिलाफ भी है.