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पुरुषों में बढ़ रही सांस लेने की समस्या, अस्पतालों की ओपीडी में बढ़े मरीज; ये लक्षण हैं तो हो जाएं सचेत - COPD problem - COPD PROBLEM

सीओपीडी यानी क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज फेफड़ों (COPD problem) का वह रोग है, जिसमें हमारी सांस लेने की क्षमता पर असर पड़ता है. आमतौर पर सर्दियों के दिनों में सीओपीडी के मरीज बढ़ते हैं. लेकिन, इस मौसम में अधिक संख्या में मरीज बढ़े हैं.

अस्पतालों में मरीज
अस्पतालों में मरीज (फोटो क्रेडिट : Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 29, 2024, 9:51 AM IST

लखनऊ : सीओपीडी एक क्रोनिक डिजीज है. लगातार प्रदेश भर में इससे पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. विशेषज्ञों के मुताबिक, आमतौर पर सर्दियों के दिनों में सीओपीडी के मरीज बढ़ते हैं. लेकिन, इस मौसम में अधिक संख्या में मरीज बढ़े हैं. ओपीडी में आने वाले 250 मरीजों में आधे मरीज सीओपीडी की चपेट में आ रहे हैं. इसके अलावा अस्थमा के मरीजों में सीओपीडी के लक्षण आ रहे हैं. इस मौसम में सीओपीडी के मरीज नहीं आते हैं. लेकिन, इस बार प्रचंड गर्मी के कारण मरीज भारी संख्या में मिल रहे हैं.

केजीएमयू क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. वेद प्रकाश ने कहा कि अक्सर लोग अस्थमा और सीओपीडी को एक ही बीमारी समझ लेते हैं क्योंकि इन दोनों के लक्षण एक समान होते हैं. इन दोनों ही बीमारियों में एक समान लक्षण जैसे खांसी, कफ और सांस लेने में दिक्कत शामिल है. लेकिन ये दोनों ही रोग एक-दूसरे से भिन्न हैं. उन्होंने कहा कि आम तौर पर यह बीमारी सर्दियों के मौसम में अधिक होती है और इससे पीड़ित मरीजों की समस्या भी सर्दियों के मौसम में अधिक बढ़ती है लेकिन, जब तापमान 32 डिग्री या इससे अधिक होता है तो या फिर नमी के कारण सीओपीडी से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ जाती है. ऐसे मौसम में उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगती है और एलर्जी, इन्फेक्शन तमाम चीज समस्या बनकर उभरने लगते हैं.

सीओपीडी का प्रभाव
- पुरानी खांसी
- सांस लेने में तकलीफ
- घरघराहट
- सीने में जकड़न
- थकान
- बार-बार श्वसन संक्रमण होना
- अनपेक्षित वजन घटना
- दैनिक गतिविधियां करने में कठिनाई.

उन्होंने बताया कि केजीएमयू की सभी ओपीडी में इस समय 50 प्रतिशत मरीज सीओपीडी के आ रहे हैं. हर 10 में से दो मरीज सीओपीडी के निकल रहे हैं, जबकि आमतौर पर ऐसा होता नहीं है. इस बार भीषण गर्मी के चलते सीओपीडी से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि इस समय जैसे मौसम में परिवर्तन हो रहे हैं, कभी अत्यधिक गर्मी अत्यधिक उमस हो रही है. इससे सीओपीडी के मरीज को सांस लेने में समस्या हो रही है और ऐसे मरीज जब कभी बाहर निकल जाते हैं तो उन्हें तुरंत से एलर्जी हो जाती है. इस समय इमरजेंसी में भी कई गंभीर मरीजों को भी लाया जा रहा है. जरूरी है कि इस मौसम में लोग अपनी सेहत का ख्याल रखें. जरूरत नहीं होने पर अनावश्यक बाहर न निकलें और बाहर निकलते समय कुछ बातों का ख्याल रखें. सिर को ढककर निकलें. नाक मुंह को अच्छे से ढककर निकलें ताकि एलर्जी न हो.


सीओपीडी के मुख्य तथ्य

• वैश्विक प्रसार : दुनिया भर में लगभग 38 करोड़ 40 लाख लोग सीओपीडी से प्रभावित हैं.

• वैश्विक बोझ सीओपीडी वैश्विक स्तर पर मृत्यु दर का एक प्रमुख कारण हैं.

• अनुमानित रैंकिंग : एक अनुमान के हिसाब से 2030 तक सीओपीडी दुनिया भर में मौत का तीसरा प्रमुख कारण हैं.

• मृत्यु दर सीओपीडी सालाना बड़ी संख्या में मौतों के लिए जिम्मेदार है.

• सीओपीडी सभी उम्र के व्यक्तियों को प्रभावित कर सकता है, यह वृद्धावस्था में अधिक देखा जाता है.

• उम्र के साथ इसका प्रसार बढ़ता जाता है.

• एक अनुमान है कि भारत में 5 करोड़ 50 लाख से अधिक लोग सीओपीडी से पीड़ित हैं.

• भारत में सीओपीडी के लिए धूम्रपान एक प्रमुख कारक है. बताया गया है कि देश में सीओपीडी के मामले लगभग 40 प्रतिशत मामले तंबाकू धूम्रपान के सेवन के कारण होते हैं. जबकि दुनिया भर में एक तिहाई से अधिक मामले बिना धूम्रपान के भी होते हैं.

उपचार :इस बीमारी के लक्षण नजर आते ही सबसे जरूरी है कि तुरंत चिकित्सक से सलाह ली जाए तथा शीघ्र-अति शीघ्र उपचार शुरू किया जाए. दवाइयों के सेवन के अलावा बहुत जरूरी है कि इस रोग के पीड़ित कुछ विशेष सावधानियों का ध्यान बरतें, जिससे वह इस गंभीर रोग के असर से स्वयं का बचाव कर सकें.

• धूम्रपान बिलकुल छोड़ दें.

• ऐसे लोगों से दूरी बनाकर रखें जो धूम्रपान कर रहे हो.

• जहां तक संभव हो सके स्वयं को वायु प्रदूषण से बचाएं.

• अपने चिकित्सक से फुफ्फुसीय पुनर्वास के बारे में पता करें.

• किसी भी प्रकार के फेफड़ों संबंधी संक्रमण से स्वयं को बचाने का प्रयास करें.

• ऑक्सीजन की कमी महसूस होने पर पूरक ऑक्सीजन का उपयोग करें।


सीओपीडी का इलाज

ब्रोंकोडाईलेटर्स : वायुमार्ग के आसपास की मांसपेशियों को आराम देने, वायु प्रवाह में सुधार करने और सीओपीडी के लक्षणों को कम करने में मदद करने के लिए ब्रोंकोडाईलेटर्स जैसी दवाएं निर्धारित की जाती हैं.

इनहेल्ड कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स : कुछ मामलों में वायुमार्ग में सूजन को कम करने के लिए निर्धारित किया जा सकता है.

पल्मोनरी पुनर्वास : एक व्यापक कार्यक्रम जिसमें व्यायाम प्रशिक्षण, शिक्षा और जीवनशैली में संशोधन शामिल है. पल्मोनरी पुनर्वास का उद्देश्य सीओपीडी वाले व्यक्तियों की समग्र भलाई और कार्यात्मक क्षमता में सुधार करना है.

- ऑक्सीजन थैरेपी निम्न रक्त ऑक्सीजन स्तर वाले व्यक्तियों के लिए पूरक ऑक्सीजन निर्धारित की जा सकती है. यह हृदय और फेफड़ों पर कार्यभार को कम करने में मदद करती है.

- सर्जरी सीओपीडी के गंभीर मामलों में फेफडे़ की कार्यप्रणाली और जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए सर्जिकल हस्तक्षेप जैसे निष्क्रिय फेफड़े की मात्रा में कमी सर्जरी (एलवीआरएस) या फेफड़े के प्रत्यारोपण पर विचार किया जा सकता है.


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