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संपर्क संवाद और परिश्रम विधायक को बनाता है बेहतर: अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को रायपुर पहुंचे. शाह नवनिर्वाचित विधायकों के प्रबोधन कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. विधायकों के प्रबोधन कार्यक्रम में बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि प्रभावी विधायक वही होता है जो धैर्य के साथ सुनने की आदत रखता है और जनता में पूरा विश्वास रखता है. शाह ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मैं आज रामजी के ननिहाल में हूं आपने मुझे बुलाया ये मेरे लिए गौरव की बात है.

hard work makes a better MLA
परिश्रम विधायक को बनाता है बेहतर

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 21, 2024, 6:52 PM IST

रायपुर:प्रबोधन कार्यक्रम में बोलते हुए शाह ने कहा कि विधायक का काम फेमस होने के लिए नहीं होना चाहिए, विधायक का काम समस्या के समाधान के लिए होना चाहिए. शाह ने कहा कि हम लोकतंत्र की परंपरा के वाहक हैं. लोकतंत्र की जड़ें यहां पाताल तक गहरी हैं. भारत में त्रिस्तरीय लोकतांत्रिक व्यवस्था का फायदा जनता को दिलाना एक विधायक का कर्तव्य होना चाहिए. राजशाही के दौरान भी राजधर्म था लोकशाही के दौरान भी राजधर्म का पालन किया जाना चाहिए. सदन की चर्चा में भाग लेने से कभी बचना नहीं चाहिए. जब आप सदन की चर्चा में शामिल होते हैं तो अपने प्रदेश और देश की समस्या को समझ पाते हैं. विधायक को हर शुक्रवार के दिन अपने क्षेत्र का दौरा जरुर करना चाहिए. जब आप लोगों से मिलेंगे तो कनेक्ट होंगे. वोट आपको जनता नहीं दिलाती वोट आपको आपके काम दिलाते हैं.

विधायक का दायित्व: शाह ने विधायकों को बेहतर काम करने के कई टिप्स दिए. अमित शाह ने कहा कि विधायक का दायित्व होता है कि वो राजधर्म का पालन करते हुए काम करे. जनता तक जब योजनाएं पहुंचे तो उसमें किसी भी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए. विधायक को जनता के सुख दुख में साथ खड़ा होना चाहिए. एक जनप्रतिनिधि के भीतर जनसंवेदना जरूर होनी चाहिए. जब जनसंवेदना होगी तो वो दूसरों के दुखों अपना दुख मानकर काम करने की सोचेगा. शाह ने कहा कि जब खुशी मन से आप काम करेंगे उसका संतोष भी आपको मिलेगा. जनता ने जो दायित्व आपको दिया है उसे पार्टी का दायित्व समझकर पूरा करें. शाह ने कहा कि जनता के लिए बनाई गई स्कीम किसी पार्टी की नहीं होती. जो नेता जनता के पास स्कीम लेकर जाए स्कीम उसी की होती है. स्कीम से जनता को फायदा मिलता है तो उसे दलगत नीति से उठकर जनता तक पहुंचाना चाहिए बिना भेदभाव के.

शाह ने सुनाई अपनी कहानी:अमित शाह ने कहा कि जब में युवा था और सदन में पहुंचा तो तेजतर्रार तरीके से अपनी बात रखता था. धीरे धीरे मुझे समझ आया कि एक्टिव होना तो ठीक है लेकिन खुश होकर जो अपना काम करता है उससे काम और बेहतर होता है. शाह ने कहा कि एडमिनिस्ट्रेशन के साथ जब काम करते हैं तो लिखकर देने की आदत डालें. जब आप लिखकर देंगे तो आप भी मर्यादा में रहेंगे. अधिकारियों के साथ काम करने के तरीके में भी एक विधायक को बदलाव लाना चाहिए. जब जन प्रतिनिधि जवाबदेह होता है तभी वो जिले में बेहतर काम कर पाता है. प्रसिद्धि पाने वाले जो नेता वीडियो बनाने और तालियां बजवाने पर जोर देते हैं, ऐसे नेता आगे जाके सफल नहीं होते. शाह ने कहा कि ऐसे नेताओं को मैनें हारते भी देखा है.

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