रायपुर : पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में कटौती के खिलाफ प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में कांग्रेस 15 जनवरी को एक दिवसीय धरना देकर विरोध प्रदर्शन करेगी. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के मुताबिक सरकार ने जानबूझकर प्रदेश में वर्ग संघर्ष फैलाने पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में कटौती करने का षड़यंत्र किया ताकि प्रदेश की बहुसंख्यक आबादी चुनाव लड़ने से वंचित रह जाए. पहले तो कहा गया पिछड़ा वर्ग के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण किया जाएगा. जब नियम बनाया तो पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण शून्य की स्थिति में पहुंच गया.पूरे प्रदेश में जिला पंचायत का एक भी अध्यक्ष पद पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित नहीं हुआ.
दीपक बैज के मुताबिक भाजपाई कहते हैं कि पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में कांग्रेस भ्रम फैला रही है, तो बीजेपी के नेता और सरकार ही बता दें उनके नए आरक्षण प्रावधान में पिछड़ा वर्ग के लिए क्या व्यवस्था हुई है?. पिछड़ा वर्ग का पंचायतों में आरक्षण कम क्यों हो गया? एक भी जिला पंचायत अध्यक्ष पद में पिछड़ा वर्ग के लिये क्यों आरक्षण नहीं हुआ? बीजेपी प्रदेश के आरक्षित वर्ग में वर्ग संघर्ष करवाने यह षड़यंत्र रचा है.
''ओबीसी वर्ग के लिए निकाय में कुछ नहीं बचा'' :दीपक बैज के मुताबिक बस्तर और सरगुजा संभाग में आरक्षित वर्ग को बड़ा नुकसान हुआ है. सरगुजा संभाग के पांच जिले अंबिकापुर, बलरामपुर, सूरजपुर, कोरिया, मनेंद्रगढ़, चिरमिरी, भरतपुर सोनहत, बस्तर के 7 जिले बस्तर, कांकेर, कोंडागांव, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, सुकमा, बीजापुर सहित मानपुर मोहला, जशपुर, गौरेला पेंड्रा मरवाही, और कोरबा जिले में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कुछ बचा ही नहीं है. इस सरकार ने स्थानीय निकाय (त्रिस्तरीय पंचायत और नगरीय निकाय) चुनाव में आरक्षण के प्रावधानों में जो षडयंत्र पूर्वक ओबीसी विरोधी परिवर्तन किया है उसके परिणाम सामने हैं. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 के लिए जिला पंचायत, जनपद पंचायत, सरपंच और पंचों के आरक्षण में ओबीसी के हक और अधिकारों में बड़ी डकैती इस सरकार ने की है.