धर्मशाला: डॉ. भीमराव आंबेडकर को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की विवादित टिप्पणी पर देशभर में विरोध हो रहा है. हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस विधायकों ने इस बयान के खिलाफ विधानसभा के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने "इसे संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर का अपमान बताते हुए गृह मंत्री से माफी मांगने या अपने पद से इस्तीफा देने की मांग की."उन्होंने कहा डॉ. आंबेडकर ने देश को एक ऐसा संविधान दिया है जो समानता, स्वतंत्रता और न्याय के सिद्धांतों पर आधारित है.
गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी ना केवल संविधान का, बल्कि दलितों और पिछड़े वर्गों का भी अपमान है. सीएम सुक्खू ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा यह घटना भाजपा की मानसिकता को दर्शाती है. भाजपा की कथनी और करनी में अंतर है. दलित और पिछड़े वर्गों के अधिकारों और सम्मान की रक्षा के प्रति उनकी असंवेदनशीलता बार-बार उजागर हो रही है. विधानसभा के बाहर प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी करते हुए गृह मंत्री अमित शाह से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की.
कांग्रेस नेताओं ने भाजपा को दलित विरोधी करार देते हुए कहा कि इस बयान से साफ है कि भाजपा को बाबा साहेब आंबेडकर के योगदान और उनके आदर्शों की कद्र नहीं है. देशभर में इस मुद्दे को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है. कांग्रेस ने इस बयान को लेकर संसद में भी सवाल उठाने की बात कही.