हिसार:हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है. इस हार को लेकर में लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिरकार हरियाणा में कांग्रेस की हार का कारण क्या है? कहां ऐसी कमी रह गई कि कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा? हरियाणा में चुनाव के दौरान ऐसा माना जा रहा था कि कांग्रेस पार्टी का पलड़ा भारी है. यहां कांग्रेस को भारी बहुमत से जीत हासिल होगी. हालांकि यहां भी कांग्रेस का छत्तीसगढ़ जैसा हाल हो गया. कांग्रेस को यहां हार का सामना करना पड़ा. अब काग्रेस हरियाणा में हार के कारणों पर मंथन कर रही है.
बनाई गई जांच कमेटी: हरियाणा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदयभान ने एक कमेटी का गठन किया है. ये कमेटी विधानसभा चुनाव में मिली हार के कारणों का पता लगाएगी. एक सप्ताह में ये कमेटी रिपोर्ट पेश करेगी. इस कमेटी का अध्यक्ष पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल को बनाया गया है, जो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समधी हैं. इसके साथ ही कमेटी के अन्य सदस्यों में पार्टी के लीगल सेल के अध्यक्ष केसी भाटिया और नूंह के विधायक आफताब अहमद शामिल हैं. 9 नंबर को कमेटी रिपोर्ट पेश करेगी.
दिल्ली में बुलाई गई बैठक:कांग्रेस कमेटी ने 9 नवंबर को दिल्ली में एक बैठक बुलाई है. बैठक में कांग्रेस पार्टी से जो प्रत्याशी हारे हैं, उनसे पूछताछ करके बनाया गया रिपोर्ट सौंपा जाएगा. हिसार जिले से कांग्रेस के नलवा से प्रत्याशी अनिल मान, हिसार से कांग्रेस के प्रत्याशी रामनिवास राडा और राहुल मक्कड़ की हार हुई थी. हिसार में हारे प्रत्याशियों से एक-एक करके पूछताछ की जाएगी. कमेटी अध्यक्ष एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान को सौंपेगी.
पहले भी हार को लेकर बनी है कमेटी:जानकारी के मुताबिक इससे पहले हार के कारणों को लेकर कांग्रेस ने कमेटी का गठन किया है. कमेटी की ओर से नेताओं से पूछताछ भी किए गए थे, जिसमें गुटबाजी या फिर तालमेल न होने पर जिम्मेदार नेताओं को आगामी समय में टिकट नहीं दिया जाता है. इससे पहले हार के कारणों को लेकर हाईकमान ने छतीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल और राजस्थान कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी की कमेटी बनाई थी. कमेटी ने हार के कारणों को लेकर नेताओ से बातचीत किया था.