मेरठ: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में धर्मग्रंथों का खास संग्रह है, जहां दस, बीस धर्मग्रंथ नहीं, बल्कि 6000 हजार से ज्यादा धार्मिक पुस्तकें हैं. खास बात ये है, कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स हों या अन्य छात्र छात्राएं, ये पुस्तकें उनके पथ प्रदर्शक की भूमिका निभा रही हैं. वहीं, सीनियर सिटीजन भी यहां आकर इनका अध्ययन कर सकते हैं.
ईटीवी भारत से बातचीत में केंद्रीय पुस्तकालय के अध्यक्ष प्रोफेसर जमाल अहमद सिद्दीकी ने बताया, कि ऐसे युवा जिन्हें किताबों से बेहद लगाव है और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, ऐसे सैकड़ो बच्चे हर दिन यहां लाइब्रेरी में अध्ययन करने आते हैं. उन्होंने बताया, कि इसके साथ ही ऐसे छात्र-छात्राओं को जब पढ़ते पढ़ते काफी देर हो जाती है और उनका मन उछठने लगता है, तो फिर उस वक्त आध्यात्मिक सेक्शन ऐसे स्टैंड्स के लिए बेहद ही पसंदीदा जगह बन गया है. स्टूडेंट्स यहां कुछ समय गुजारते हैं और मानो जैसे उनका स्ट्रेस लेवल सिर्फ कम नहीं हो जाता, बल्कि उनमें फिर से ऊर्जा का संचार हो जाता है. स्टूडेंट्स का भी मानना है, कि पढ़ते पढ़ते जब वह ऊबने लगते हैं, तो इस सेक्शन में आकर वह धार्मिक पुस्तकें पढ़ते हैं. इससे उनके जीवन में कई बड़े बदलाव भी आ रहे हैं.
लाइब्रेरी अध्यक्ष प्रोफेसर जमाल अहमद सिद्दीकी कहते हैं, कि इस सेक्शन को सभी बेहद ही खास स्थान मानते हैं. जहां ओशो का पूरा कलेक्शन, रामायण, गीता, कुरान से जुड़ी अलग अलग धार्मिक पुसतकों की रेंज उपलब्ध है. इस खास संग्रह में 1913 की प्रकाशित भगवद गीता भी उपलब्ध है. वह बताते हैं, कि मकसद ये है, कि स्टूडेंट्स शिक्षा के साथ- साथ अपने देश की संस्कृति को जानें कि किस तरह हमारे पूर्वजों और धर्मगुरूओं ने अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रयत्न किये. उन सभी को इस खास स्थान पर इकठ्ठा किया गया है.