शिमला:हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज सुबह मॉर्निंग वॉक करते-करते अचानक आईजीएमसी शिमला का निरीक्षण करने पहुंच गए. इस दौरान उन्होंने डिपार्टमेंट ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन और ट्रॉमा सेंटर का निरीक्षण किया. साथ ही उन्होंने वार्ड में जाकर मरीजों से बात की और उनका कुशलक्षेम पूछा. इस दौरान सीएम ने मरीजों को आईजीएमसी में मिल रही सुविधाओं के बारे में फीडबैक भी लिया.
मॉर्निंग वॉक के बाद सीएम ने किया IGMC का निरीक्षण:आईजीएमसी शिमला के एमएस डॉक्टर राहुल राव ने कहा, "आज सुबह मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आईजीएमसी में ट्रामा सेंटर और इमरजेंसी का औचक निरीक्षण किया. कल से ट्रामा सेंटर और इमरजेंसी का विधिवत शुभारंभ किया जा रहा है. इसी के मद्देनजर आज मुख्यमंत्री औचक निरीक्षण के लिए अस्पताल में आए. सीएम ने इमरजेंसी वार्ड और ट्रामा सेंटर की हर मंजिल का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने कुछ दिशा निर्देश भी दिए. सीएम ने इमरजेंसी ओपीडी, ऑपरेशन थिएटर, आईसीयू, जो भी नए भवन में व्यवस्थाएं दी जाएगी, उसको लेकर व्यापक निरीक्षण किया. सीएम के साथ मुख्य सांसद संसदीय सचिव संजय अवस्थी भी मौजूद रहे".
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने किया IGMC का निरीक्षण (ETV Bharat) मरीजों को मिलेगा ट्रामा सेंटर का लाभ:एमएस डॉ. राहुल राव ने कहा, "अब ट्रामा सेंटर की सुविधा मिलने से लोगों को फायदा मिलेगा. मरीजों का आधुनिक तरीके से इलाज किया जाएगा. नए ट्रामा सेंटर में बर्न यूनिट भी तैयार की गई है. मौजूदा समय में आईजीएमसी में बर्न यूनिट नहीं है. ऐसे में अधिकांश मरीजों को आईजीएमसी से पीजीआई रेफर किया जाता है, लेकिन अब यूनिट बनने के बाद यहां पर मरीजों को काफी सुविधा मिलेगी. बर्न यूनिट के साथ-साथ यहां पर सघन चिकित्सा इकाई भी स्थापित की जाएगी. वहीं, यहां पर अलग से स्पेशलिस्ट डॉक्टर, नर्स, वार्ड ब्वाय भी रखे जाएंगे. न्यूरो सर्जन, फिजियोथैरेपिस्ट भी ट्रामा सेंटर में तैनात किए जाएंगे".
मॉर्निंग वॉक के बाद IGMC पहुंचे सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (ETV Bharat) आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा ट्रामा सेंटर: आईजीएमसी के ट्रामा सेंटर में सभी सुविधाएं आधुनिक होगी. इसमें अलग स्टाफ तैनात किया गया है. इसके अलावा यहां पर अलग-अलग मेजर माइनर ओटी चलेगी. ऑक्सीजन कंट्रोल यूनिट, इमरजेंसी केयर यूनिट, वेंटिलेटर, ब्लड बैंक, सीटी स्कैन, एमआरआई, डिजिटल एक्स-रे, कॉलर डॉप्लर, माइक्रोबायोलॉजी लैब सहित सभी इमरजेंसी सुविधाएं मौजूद होंगी. इसके अलावा यहां पर कई बैड भी लगाए जाएंगे, जहां पर मरीजों को दाखिल किया जाएगा. ट्रॉमा सेंटर में तीन शिफ्ट में काम होगा. काम डिवाइड होने से न सिर्फ डॉक्टर और पैरा-मेडिकल कर्मचारियों पर काम का बोझ कम होगा, बल्कि उनके लिए काम करना और भी आसान हो जाएगा. मरीजों को सही समय पर पूरा इलाज मिलेगा.
IGMC अधिकारियों से बात करते सीएम सुक्खू (ETV Bharat) गौरतलब है कि शिमला में ट्रामा सेंटर बनाने का मामला पिछले 10 सालों से लटका हुआ था. नेशनल हेल्थ मिशन ने इसके लिए बजट मंजूर किया था, लेकिन इसके लिए शिमला में जगह ही चयनित नहीं हो पाई थी. पहले रिपन अस्पताल, इंडस अस्पताल सहित शहर के कुछ अन्य स्थानों पर ट्रामा सेंटर बनाने के लिए जगह चिन्हित की गई थी, लेकिन इसे अप्रूवल नहीं मिली. इसके बाद आईजीएमसी के न्यू ओपीडी में इसे बनाने की मंजूरी मिली.
ट्रामा सेंटर क्या होता है:किसी भी अस्पताल में ट्रामा सेंटर एक प्रकार का आपातकालीन विभाग है. यहां केवल आपातकालीन मामलों की ही जांच होती है. ट्रामा सेंटर आपातकालीन मामलों के लिए पूरी सुविधा से लैस होते है. यहां नियुक्त किए गए स्टाफ की किसी अन्य विभाग में अतिरिक्त ड्यूटी नहीं लगाई जा सकती. डॉक्टरों के अलावा अन्य स्टाफ की भी अलग नियुक्ति की जाती है. ट्रामा सेंटर तीन प्रकार के होते है। जिसमें लेवल-1, लेवल- 2 और लेवल-3 ट्रामा अस्पताल शामिल है. आईजीएमसी फिलहाल लेवल-1 का ट्रामा सेंटर चलाएगा.
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