रुद्रप्रयाग: केदारघाटी में भारी बारिश के बाद आई आपदा से बाद से राहत और बचाव का कार्य जारी है. मंगलवार 6 अगस्त को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी रुद्रप्रयाग पहुंचे. यहां उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया और केदारनाथ यात्रा को दोबारा से शुरू करने के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा भी की. इससे पहले सीएम धामी ने प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी किया.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समीक्षा बैठक के दौरान यात्रा मार्ग से जुड़े सभी विभागों की समीक्षा करते हुए बारिश के चलते हुई क्षति की जानकारी ली. वहीं, सभी विभागों को यात्रा शुरू करने के लिए उनके स्तर से किए जा रहे प्रयासों और तैयारियों की जानकारी ली.
29 स्थानों सड़क मार्ग कट गया: मीडिया से बातचीत करते हुए सीएम धामी ने कहा कि अतिवृष्टि से 29 स्थानों पर भूस्खलन की चपेट में आने से पैदल और सड़क मार्ग कट हुआ है. इसके अतिरिक्त पेयजल व विद्युत की लाइनों सहित बड़ी मात्रा में सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचा. कुछ स्थानों पर दूरसंचार की सेवाएं भी बाधित हुई हैं.
उन्होंने बताया कि अतिवृष्टि की घटना के बाद से ही जिला प्रशासन, आपदा प्रबंधन, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ और एनडीआरएफ सहित अन्य संस्थाओं व जनप्रतिनिधियों, पंडा समाज, तीर्थ पुरोहित, धार्मिक व सामाजिक सरोकारों से जुड़े संगठनों ने मिलकर इस आपदा में पूरे मनोयोग से अभिनव प्रयास करते हुए इस रेस्क्यू अभियान में फंसे हुए श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने का कार्य किया है.
12 हजार से अधिक लोगों को किया गया रेस्क्यू: उन्होंने यात्रा शुरू करने के लिए किए जाने वाले कार्यों में भी स्थानीय लोगों के सुझाव और सहायता लेने के निर्देश जिलाधिकारी को दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि रिकॉर्ड समय में 12 हजार से अधिक यात्री और स्थानीय लोगों को रेस्क्यू किया गया है. रेस्क्यू अभियान लगभग पूर्ण हो चुका है.
वैकल्पिक मार्गों पर भी फोकस: इसके बाद सरकार व जिला प्रशासन का अतिवृष्टि से प्रभावित हुए जनजीवन, प्रभावित क्षेत्र, सड़क मार्ग और भूस्खलन की चपेट में आए हैं, उन्हें दुरुस्त करने पर है. इसके साथ-साथ वैकल्पिक मार्गों पर भी फोकस किया जा रहा है. साथ ही राज्य सरकार भी पूरे घटनाक्रम पर पैनी नजर रखे हुए है.