जयपुर:यहां कलेक्ट्रेट में गुरुवार को जिलास्तरीय जनसुनवाई जिला कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी की अध्यक्षता में हुई. इसमें जयपुर जिले के जनप्रतिनिधि और विभागों के अधिकारी मौजूद रहे. जयपुर जिला कलेक्टर का पदभार संभालने के बाद जितेंद्र कुमार सोनी की यह पहली जनसुनवाई थी. इस जनसुनवाई में मुख्य सचिव सुधांश पंत भी जुड़े और उन्होंने निर्देश दिए कि स्थानीय निकायों के इलाके तय कर दिए जाए, जिससे विकास कार्य सही तरीके से हो सके और जनता के काम भी नहीं रुके. उन्होंने फरियादियों की शिकायत के निपटारे के लिए आवश्यक कार्रवाई के निर्देश जिला कलक्टर को दिए.
जनप्रतिनिधि भी आए जनसुनवाई में:इस कार्यक्रम में जयपुर शहर सांसद मंजू शर्मा, जयपुर ग्रामीण सांसद राव राजेंद्र सिंह, सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा, चाकसू विधायक रामावतार बैरवा, जमवारामगढ़ विधायक महेंद्र पाल मीणा, चोमू विधायक शिखा मील मौजूद रही. इस जनसुनवाई में मुख्य सचिव सुधांश पंत भी जुड़े. उन्होंने सभी जिला कलेक्टरों से जनसुनवाई का फीडबैक लिया. जिला कलेक्टर ने जनसुनवाई में अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि जनसुनवाई को गंभीरता से लें और कोशिश करें कि ब्लॉक स्तर पर ही फरियादी की समस्या का समाधान हो जाए.
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मुख्य सचिव ने की तारीफ: जनप्रतिनिधियों को साथ लेकर जनसुनवाई करने पर सुधांश पंत ने जयपुर जिला कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी की तारीफ भी की. उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐसा कहीं भी देखने को नहीं मिला कि जनसुनवाई में जनप्रतिनिधि बैठे हो. जनप्रतिनिधियों के साथ रहने पर जनसुनवाई प्रभावी रहती है.
स्थानीय निकायों के इलाके तय हों: विधायक गोपाल शर्मा और सांसद मंजू शर्मा के सुझाव पर उन्होंने जयपुर जिला कलेक्टर को निर्देश दिए कि स्थानीय निकाय नगर निगम, जेडीए हाउसिंग बोर्ड और पंचायत के इलाके तय करें, जिससे कि यह विभाग अपना काम दूसरे विभाग पर न डाल कर सके. निकायों की सीमाएं तय कर इसका आदेश भी जारी करें. उन्होंने कहा कि स्थानीय निकायों के एरिया तय होने पर विकास कार्य भी जल्द होंगे और आम जनता को परेशान भी नहीं होना पड़ेगा. इस पर जिला कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी ने कहा कि स्थानीय निकायों के इलाके तय करने के लिए जल्द ही कवायद शुरू कर दी जाएगी.
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जेडीए पर नाराज हुए विधायक राव:जयपुर ग्रामीण सांसद राव राजेंद्र सिंह ने जनसुनवाई के दौरान जयपुर विकास प्राधिकरण की कार्यशैली को लेकर नाराजगी जताई. जेडीए की ओर से सेक्टर रोड में किए जाने वाले बदलाव को लेकर उन्होंने नाराजगी जताई. राव राजेंद्र सिंह ने कहा कि ग्राम पंचायत तक कॉलोनिया बस गई है और वहां विकास कार्य करवाने के लिए जेडीए के पास पर्याप्त बजट नहीं है. कॉलोनी में सड़क ,सीवरेज, पेयजल की शिकायतों में कोई सुधार नहीं हो रहा.
यह प्रकरण आए सामने
सात बार आए जनसुनवाई में, नहीं हुई कार्रवाई:कालवाड़ में जमीन के एक मामले को लेकर बुजुर्ग व्यक्ति राम सिंह जनसुनवाई में पहुंचे. राम सिंह ने पुलिस पर एक तरफा कार्रवाई का आरोप लगाया और कहा कि बार-बार उनके मामले में एफआर लगा दी जाती है. पहले भी वे करीब सात बार जनसुनवाई में आ चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.
परिजन घर में जगह नहीं दे रहे:जनसुनवाई में एक युवक अपनी पत्नी और बच्चे के साथ पहुंचा. उसने बताया कि उसने अपनी मर्जी से इंटर कास्ट मैरिज की है और उसकी शादी को 4 से 5 साल हो चुके हैं. वह अपने घर में परिजनों के साथ रहना चाहता है, लेकिन परिजन उसे घर में नहीं घुसने दे रहे. उसने फरियाद लगाई कि उसे घर में एक कमरा दिला दिया जाए ताकि वह अपने बच्चे और पत्नी के साथ वहां रह सके.
गोचर भूमि पर पार्किंग:गोविंदगढ़ पंचायत समिति की हाड़ोता पंचायत में गोचर भूमि पर पार्किंग का ठेके देने का मामला भी कुछ ग्रामीण जनसुनवाई में लेकर आए. इस पर कलेक्टर ने एसडीएम से बात की तो उन्होंने कहा कि वर्तमान में गोचर भूमि पर कोई पार्किंग का ठेका नहीं दिया गया है. इससे पहले जो ठेका दिया गया था वह जरूर गोचर भूमि पर था. इस पर विधायक गोपाल शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि यदि गोचर भूमि पर कोई भी पार्किंग ठेका दिया गया है तो उसे निरस्त किया जाए.
बेटा आईएएस, पिता फरियाद करने आया: जयपुर के आगरा रोड से एक बुजुर्ग व्यक्ति अपनी पीड़ा लेकर कलेक्टर के पास पहुंचा. उसने कहा कि उनके घर के रास्ते में बबूल के पेड़ आ रहे हैं उन्हें हटाया जाए. इन पेड़ों के कारण उन्हें घर में आने जाने में दिक्कत हो रही है. बुजुर्ग ने बताया कि उनके तीन बेटे हैं एक आईएएस ऑफिसर है, एक बैंक में अधिकारी है और तीसरा डॉक्टर है.
40 साल से नहीं मिला पट्टा:सांगानेर तहसील के गांव झालाना चौड़ में आवासीय कॉलोनी को जेडीए पट्टा देने का प्रकरण भी सामने आया. इसमें फरियादी ने तहसील के कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कॉलोनी को बसे हुए 40 साल हो चुके हैं लेकिन अभी तक हमें पट्टे जारी नहीं किए गए. यह जमीन पूर्व राज परिवार की है और पूर्व राज परिवार की ओर से अनापत्ति प्रमाण पत्र भी जारी किया जा चुका है फिर भी जमीन का नामांतरण नहीं खोला जा रहा. तहसील के कर्मचारी भी टालमटोल कर रहे हैं.