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यूपी में बाढ़ से हाहाकार: वाराणसी में घर के अंदर तक पहुंची गंगा नदी, मिर्जापुर के रास्तों पर चल रहीं नाव - Devastation due to flood in UP

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 17, 2024, 12:16 PM IST

Updated : Sep 17, 2024, 2:48 PM IST

यूपी में नदियां उफान पर हैं. बाढ़ का कहर लाखों लोगों को झेलना पड़ रहा है. वाराणसी में गंगा और वरुणा अपने रौद्र रूप में आ गई हैं. इसी तरह गोंडा और बरेली में लोगों के सामने बाढ़ ने परेशानी खड़ी कर दी है.

यूपी में बाढ़ से हाहाकार.
यूपी में बाढ़ से हाहाकार. (Photo Credit; ETV Bharat)

वाराणसी में गंगा का पानी रिहाइशी इलाकों तक पहुंच गया है. (Video Credit; ETV Bharat)

वाराणसी/गोंडा/बरेली/अंबेडकरनगर: यूपी में नदियां उफान पर हैं. बाढ़ का कहर लाखों लोगों को झेलना पड़ रहा है. वाराणसी में गंगा और वरुणा अपने रौद्र रूप में आ गई हैं. बाढ़ का पानी कॉलोनियों तक पहुंच गया है. वहीं गोंडा में घाघरा खतरे के निशान 77 सेमी ऊपर बह रही है.करनैलगंज व तरबगंज तहसील के 35 गांव बाढ़ की जद में आ गए हैं. जबकि बरेली में किच्छा, बहगुल और भाखड़ा नदियों का पानी रामगंगा में मिलने से बाढ़ आ गई है. कई सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं, वहीं हजारों एकड़ फसल भी बर्बाद हो गई है.

गोंडा और बरेली में बाढ़ ने लोगों को परेशानी में डाल दिया है. (Video Credit; ETV Bharat)

वाराणसी के कई इलाकों तक पहुंचा बाढ़ का पानी :वाराणसी में गंगा के बढ़ रहे जलस्तर से हजारों लोग प्रभावित हैं. वाराणसी के सामने घाट, मारुति नगर समेत कई इलाकों में घरों तक पानी पहुंच गया है. वहीं वरुण के इलाके भी सरैया से लेकर नक्खी घाट, पुराना पुल और अन्य बाढ़ की चपेट में है. प्रशासन की तरफ से बढ़ रहा चौकियों का निर्माण किया जा चुका है और बाढ़ प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों तक ले जाने की कवायत तेज कर दी गई है. वाराणसी में मंगलवार सुबह 6 बजे तक गंगा का जलस्तर 70.82 मीटर रिकॉर्ड किया गया. जो वार्निंग लेवल से 56 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है. वाराणसी में खतरे का निशान 71.26 मीटर है. इससे गंगा कुछ ही मीटर की दूरी पर है. गंगा का जलस्तर इस वक्त स्थिर बताया जा रहा है. लगातार चार दिनों से गंगा के जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी की वजह से लगभग 20000 से ज्यादा लोग प्रभावित माने जा रहे हैं. सबसे ज्यादा असर सामने घाट और उससे सटे इलाकों में देखने को मिल रहा है. यहां पर बनाए गए एक नए बांध में लीकेज की वजह से पानी कॉलोनी तक पहुंच गया है. वाराणसी के जिला अधिकारी एसराज लिंगम का कहना है कि जनपद में कुल 46 बाढ़ राहत शिविर स्थापित किए गए हैं. जिनमे से 14 बाढ़ राहत शिविर क्रियाशील हैं. जहां भी लोग घरों में फंसे हैं, उन्हें सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए लगभग दो दर्जन से ज्यादा नावों को लगाया गया है.

ये हैं राहत कैम्प

  • प्राथमिक विद्यालय सालारपुर
  • प्राथमिक विद्यालय सरैया
  • प्राथमिक विद्यालय ढेलवरिया
  • चित्रकूट कान्वेंट स्कूल नखीघाट
  • सिटी गर्ल्स स्कूल, बड़ी बाजार
  • दीप्ती कान्वेंट स्कूल, हुकुलगंज
  • नवोदय पब्लिक स्कूल, दानियालपुर
  • रामजानकी मंदिर, ढेलवरिया
  • तुलसी निकेतन, हुकुलगंज
  • नवयुग विद्या मंदिर, ढेलवरिया
  • प्राथमिक विद्यालय रामपुर ढाब
  • जे पी मेहता इंटर कॉलेज
  • सुभाष इंटर कॉलेज, कोनिया
  • सरस्वती इंटर कॉलेज, हुकुलगंज

बाढ़ राहत शिविरों में 299 परिवार:इस समय बाढ़ बाढ़ राहत शिविरों में 299 परिवारों के 1601 लोग निवास कर रहे हैं. अवश्यकतानुसार और बाढ़ राहत शिविर को क्रियाशील कर दिया जाएगा. उक्त बाढ़ राहत शिविरों में रह रहे व्यक्तियों एवं परिवारों के लिए भोजन, फल, दूध, पेयजल के साथ साथ समस्त मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा बाढ़ राहत शिविर में मेडिकल कैम्प स्थापित किया गया है. जिसमें बाढ़ पीड़ितों का स्वास्थ्य परिक्षण किया जा रहा है. नगर निगम द्वारा शिविरो में फॉगिन कराई जा रही है.

वरुणा में जल प्रवाह उल्टा:गंगा का जलस्तर बढ़ने से वरुणा नदी में जल का उल्टा प्रवाह हो रहा है, जिसके कारण बाढ़ की स्थित उतपन्न हो गई है. जनपद में बाढ़ से कुल 4461 लोग प्रभावित हैं. मोकलपुर में कटान से प्रभावित 3 परिवारों को राहत शिविर में शिफ्ट किया गया है. बाढ़ में बचाव के लिए 22 नावें लगाई गई हैंं. जनपद में NDRF की 01 टीम एवं जल पुलिस द्वारा भी मोटर बोट लगा कर राहत एवं बचाव कार्य किया जा रहा है.

ये इलाके प्रभावित:वर्तमान समय में तहसील सदर के 08 वार्ड सलारपुर, सरैया, हुकुलगंज, दानियालपुर, कोनिया, सिकरौल, जैतपुरा व चौकाघाट एवं 05 ग्राम रामपुर ढाब, गोबरहा, लुठा कला, रामचंदीपुर एवं मोकलपुर प्रभावित हैं. बाढ़ के दृष्टिगत अधिकारीगण द्वारा लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में भमण किया जा रहा है. बाढ़ कंट्रोल रूम एक्टिव है. किसी भी तरह की जरूरत एवं जानकारी के लिए इन नंबर्स को डायल कर सकते हैं.

  • 05422508550
  • 05422504170
  • 9140037137

बरेली में बाढ़ से कई सड़कें और पुलिया डूबीं, हजारों एकड़ फसल बर्बाद:बरेली में किच्छा, बहगुल और भाखड़ा नदियों का पानी रामगंगा में मिलकर बाढ़ की भयावह स्थिति पैदा कर रहा है. मोहम्मदगंज के पास इन नदियों का पानी रामगंगा में समाहित हो रहा है, जिससे रामगंगा का जलस्तर बढ़ गया है. इसका असर यह है कि बहगुल और भाखड़ा नदियों का बहाव धीमा पड़ गया है और आसपास के गांव जलमग्न हो गए हैं. पिपरिया और सहसा गांव चारों तरफ से पानी से घिर गए हैं, जिससे ग्रामीणों का जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है. बाढ़ के कारण तातारपुर रोड का पुल पूरी तरह से जलमग्न हो गया है. वहीं, कैलाश गिरि घाट की ओर जाने वाली सड़क पर भी पानी का तेज बहाव है, जिसके चलते सड़क कई स्थानों पर कट गई है और आवागमन ठप हो गया है. कपूरपुर से कैलाश गिरी होते हुए आंवला, बदायूं, सिरौली और शाहबाद को जोड़ने वाला मार्ग भी बाढ़ के कारण कई जगह कट चुका है, जिससे इस मार्ग पर आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया है. स्थिति तब और बिगड़ गई जब गोरा से गुलड़िया जाने वाली सड़क भी बाढ़ की चपेट में आ गई. इस सड़क पर सवारियों से भरा एक टेंपो पानी में पलट गया, लेकिन ग्रामीणों की सूझबूझ और तत्परता से सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया.

हजारों एकड़ फसलें जलमग्न:रामगंगा, किच्छा और बहगुल नदियों की बाढ़ के कारण हजारों एकड़ फसल डूब गई है. करनपुर इलाके में नदी किनारे लगातार कटान हो रही है, जिससे आसपास के खेतों को भी खतरा बना हुआ है. स्थिति का जायजा लेने के लिए एसडीएम तृप्ति गुप्ता और बाढ़ खंड के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया. बाढ़ खंड की टीम ग्रामीणों के साथ मिलकर कटान को रोकने की कोशिश में लगी है. एसडीएम ने बताया कि पानी का स्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है, लेकिन प्रशासन की ओर से हालात पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है.

गोंडा में 35 गांव बाढ़ की चपेट में:गोंडा में करनैलगंज व तरबगंज तहसील इलाके में घाघरा नदी तेज रफ्तार से बढ़ रही है. शनिवार को अर्जुन ब्रिज पर खतरे का निशान पार करके घाघरा ने करीब 77 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. धन तहसील क्षेत्र में सरयू नदी लाल निशान को पार कर गई है. तटवर्ती करीब 35 गांवों को अपनी जद में ले चुकी है. दोनों नदियों के रौद्र रूप को देखते हुए बाढ़ से प्रभावित गांवों के सभी ग्रामीण खौफजदा हैं. प्रशासन ने बाढ़ ग्रस्त इलाके में 135 नावें लगाई हैं. अपर अधिकारी आलोक कुमार ने बताया कि गिरजा शारदा और शारदा, सरयू बैराजों से छोड़े गए लाखों से पानी से घाघरा नदी ने नकाहरा,प्रतापपुर, घरकुइया काशीपुर रायपुर माझा और तरबगंज तहसील क्षेत्र में सरयू नदी के बढ़ते जलस्तर से दुर्गागंज, सनौली, मोहम्मदपुर, ऐली परसौली,परपटगंज,दत्त नगर साकीपुर,तुलसीपुर, गोकुला,इंदरापुर, जयतपुर माझा राठ और महेशपुर समेत करीब 35 गांव की से 35 हजार से अधिक की आबादी प्रभावित है. प्रशासन राहत बचाव कार्य में जुटा हुआ है.

अंबेडकर नगर में कई गांव चपेट में आए:अम्बेडकरनगर में घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ने से आलापुर तहसील के माझा कम्हरिया, अराजी देवारा,सिद्धनाथ गांव बाढ़ की चपेट मे आने लगे हैं. माझा कम्हरिया के बद्री का पुरवा, भागीरथी का पुरवा में कई घरों तक पानी पहुंच चुका है. माझा कम्हरिया व अराजी देवारा ग्राम पंचायत के दो दर्जन गांव की लगभग 25 हजार की आबादी घाघरा से एक बार फिर प्रभावित हुई है. नदी का जलस्तर सोमवार को खतरे के लाल निशान 85.56 मीटर के लगभग बराबर पहुंच गया माझा कम्हरिया ग्राम पंचायत का पटपरवा संपर्क मार्ग भी बाढ़ के पानी में डूब गया है. यहां लोगों की सुविधा के लिए नाव का संचालन शुरू करना पड़ा है. बाढ़ का पानी निषाद बस्ती के निकट तक भी आ पहुंचा है.

बाढ़ की चपेट में मिर्जापुर के 55 गांव, रास्तों पर चल रहीं नाव: पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर पूर्वांचल तक बाढ़ ने हाहाकार मचा रखा है. गंगा के तटवर्ती इलाके में हर तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है. मिर्जापुर में भी 4 दिन से गंगा रौद्र रूप में बह रही. गंगा का पानी फसलों को डूबाते हुए घरों तक पहुंच गया है. मिर्जापुर में गंगा नदी का चेतावनी जलस्तर 76.724 मीटर है, जबकि खतरे का जलस्तर-77.724 मीटर है. मंगलवार को सुबह 8 बजे गंगा का जलस्तर 76.53 मीटर पहुंच गया था. सदर और चुनार तहसील के कुल 55 गांव प्रभावित हैं. सदर तहसील के 24 गांव की फसल डूबी है तो चुनार के 19 गांव की फसल जलमग्न है. सदर तहसील के पांच गांव में आवागमन प्रभावित है. वहीं चुनार तहसील के भी पांच गांव में आवागमन प्रभावित हुआ है. गांव के रास्तों में नावें चल रही हैं. अब तक 42 लोगों को विस्थापित किया जा चुका है. हालांकि आज सुबह से ही गंगा का पानी 0.50 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से घटना शुरू हो गया है जिससे लोगों को राहत मिलेगी.

प्रयागराज में बाढ़ के बीच हो रही मुसीबत वाली बरसात: संगम नगरी प्रयागराज में एक तरफ गंगा यमुना में बाढ़ की वजह से लोग परेशान हैं तो वहीं सोमवार की रात को हुई बरसात के बाद मंगलवार की सुबह से तेज हवा के साथ हो रही बरसात से लोग बेहाल हो गए हैं. बाढ़ के बीच चल रही तेज हवा और बरसात सबसे ज्यादा परेशानी उन लोगों के लिए बन गई है. जिनका घर निचले इलाकों में है, वे लोग ग्राउंड फ्लोर छोड़कर ऊपरी मंजिल पर ठौर बनाए हुए हैं. हालांकि लोगों के लिए राहत की बात ये है कि सोमवार से गंगा यमुना का जलस्तर घटना शुरू हो गया है. जिससे लोगों के लिए जलस्तर बढ़ने का खतरा फिलहाल के लिए टल गया है. बीते 24 घंटे में नैनी में यमुना का जलस्तर 10 सेंटीमीटर घटकर 83.80 मीटर पर पहुँच गया है. इसी तरह से फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 9 सेंटीमीटर घटकर 83.98 मीटर तक पहुंच गया है जबकि छतनाग में गंगा का जलस्तर 40 सेंटीमीटर तक घटकर 83 मीटर तक पहुँच गया है. प्रयागराज में गंगा यमुना का खतरे का निशान का लेवल 84.734 मीटर है जिसके करीब तक पहुंच चुकी है.

बलिया में बाढ़ का कहर जारी: बलिया में गंगा नदी उफान पर है. नदी का पानी गांवों में घुस रहा है. बलिया उत्तर प्रदेश का अंतिम जिला है. सदर तहसील के दक्षिण तरफ से गंगा, उत्तर तरफ यानी बिल्थरारोड, सिकंदरपुर, बांसडीह की ओर बहते हुए सरयू नदी बैरिया तहसील के आगे बिहार के सरहद पूरब में पहुंच कर गंगा नदी में विलीन हो जाती है. दोनों नदियां लगातार बढ़ाव पर हैं. गंगा नदी की बात करें तो बाढ़ विभाग के आंकड़ों के अनुसार बलिया में गंगा खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही है. बाढ़ विभाग के कनिष्ठ अभियंता (JE ) के अनुसार गंगा में आई बाढ़ के कारण बैरिया तहसील के 16 से 17 गांव प्रभावित हैं. जिससे लगभग एक लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है. गंगा नदी के अचानक बढ़े जलस्तर से लोगों में रहन-सहन से लेकर भोजन तक का संकट उत्पन्न होने लगा है.

संतकबीरनगर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही सरयू नदी:संत कबीर नगर जिले में सरयू नदी खतरे के निशान से 10 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. जिले के धनघटा क्षेत्र के आधा दर्जन गावों में सरयू नदी ने तांडव मचाया हुआ है. घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ने से गायघाट, कटका, चकदहा भाऊवपार में बाढ़ जैसे हालत हैं. नदी के कटान करने के कारण लोग दहशत में हैं. कई गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है, जिसको लेकर संपर्क मार्ग भी बंद हो गए हैं. ऐसे गांव के लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचकर अपना ठिकाना बना रहे हैं.

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Last Updated : Sep 17, 2024, 2:48 PM IST

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