वाराणसी/गोंडा/बरेली/अंबेडकरनगर: यूपी में नदियां उफान पर हैं. बाढ़ का कहर लाखों लोगों को झेलना पड़ रहा है. वाराणसी में गंगा और वरुणा अपने रौद्र रूप में आ गई हैं. बाढ़ का पानी कॉलोनियों तक पहुंच गया है. वहीं गोंडा में घाघरा खतरे के निशान 77 सेमी ऊपर बह रही है.करनैलगंज व तरबगंज तहसील के 35 गांव बाढ़ की जद में आ गए हैं. जबकि बरेली में किच्छा, बहगुल और भाखड़ा नदियों का पानी रामगंगा में मिलने से बाढ़ आ गई है. कई सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं, वहीं हजारों एकड़ फसल भी बर्बाद हो गई है.
वाराणसी के कई इलाकों तक पहुंचा बाढ़ का पानी :वाराणसी में गंगा के बढ़ रहे जलस्तर से हजारों लोग प्रभावित हैं. वाराणसी के सामने घाट, मारुति नगर समेत कई इलाकों में घरों तक पानी पहुंच गया है. वहीं वरुण के इलाके भी सरैया से लेकर नक्खी घाट, पुराना पुल और अन्य बाढ़ की चपेट में है. प्रशासन की तरफ से बढ़ रहा चौकियों का निर्माण किया जा चुका है और बाढ़ प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों तक ले जाने की कवायत तेज कर दी गई है. वाराणसी में मंगलवार सुबह 6 बजे तक गंगा का जलस्तर 70.82 मीटर रिकॉर्ड किया गया. जो वार्निंग लेवल से 56 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है. वाराणसी में खतरे का निशान 71.26 मीटर है. इससे गंगा कुछ ही मीटर की दूरी पर है. गंगा का जलस्तर इस वक्त स्थिर बताया जा रहा है. लगातार चार दिनों से गंगा के जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी की वजह से लगभग 20000 से ज्यादा लोग प्रभावित माने जा रहे हैं. सबसे ज्यादा असर सामने घाट और उससे सटे इलाकों में देखने को मिल रहा है. यहां पर बनाए गए एक नए बांध में लीकेज की वजह से पानी कॉलोनी तक पहुंच गया है. वाराणसी के जिला अधिकारी एसराज लिंगम का कहना है कि जनपद में कुल 46 बाढ़ राहत शिविर स्थापित किए गए हैं. जिनमे से 14 बाढ़ राहत शिविर क्रियाशील हैं. जहां भी लोग घरों में फंसे हैं, उन्हें सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए लगभग दो दर्जन से ज्यादा नावों को लगाया गया है.
ये हैं राहत कैम्प
- प्राथमिक विद्यालय सालारपुर
- प्राथमिक विद्यालय सरैया
- प्राथमिक विद्यालय ढेलवरिया
- चित्रकूट कान्वेंट स्कूल नखीघाट
- सिटी गर्ल्स स्कूल, बड़ी बाजार
- दीप्ती कान्वेंट स्कूल, हुकुलगंज
- नवोदय पब्लिक स्कूल, दानियालपुर
- रामजानकी मंदिर, ढेलवरिया
- तुलसी निकेतन, हुकुलगंज
- नवयुग विद्या मंदिर, ढेलवरिया
- प्राथमिक विद्यालय रामपुर ढाब
- जे पी मेहता इंटर कॉलेज
- सुभाष इंटर कॉलेज, कोनिया
- सरस्वती इंटर कॉलेज, हुकुलगंज
बाढ़ राहत शिविरों में 299 परिवार:इस समय बाढ़ बाढ़ राहत शिविरों में 299 परिवारों के 1601 लोग निवास कर रहे हैं. अवश्यकतानुसार और बाढ़ राहत शिविर को क्रियाशील कर दिया जाएगा. उक्त बाढ़ राहत शिविरों में रह रहे व्यक्तियों एवं परिवारों के लिए भोजन, फल, दूध, पेयजल के साथ साथ समस्त मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा बाढ़ राहत शिविर में मेडिकल कैम्प स्थापित किया गया है. जिसमें बाढ़ पीड़ितों का स्वास्थ्य परिक्षण किया जा रहा है. नगर निगम द्वारा शिविरो में फॉगिन कराई जा रही है.
वरुणा में जल प्रवाह उल्टा:गंगा का जलस्तर बढ़ने से वरुणा नदी में जल का उल्टा प्रवाह हो रहा है, जिसके कारण बाढ़ की स्थित उतपन्न हो गई है. जनपद में बाढ़ से कुल 4461 लोग प्रभावित हैं. मोकलपुर में कटान से प्रभावित 3 परिवारों को राहत शिविर में शिफ्ट किया गया है. बाढ़ में बचाव के लिए 22 नावें लगाई गई हैंं. जनपद में NDRF की 01 टीम एवं जल पुलिस द्वारा भी मोटर बोट लगा कर राहत एवं बचाव कार्य किया जा रहा है.
ये इलाके प्रभावित:वर्तमान समय में तहसील सदर के 08 वार्ड सलारपुर, सरैया, हुकुलगंज, दानियालपुर, कोनिया, सिकरौल, जैतपुरा व चौकाघाट एवं 05 ग्राम रामपुर ढाब, गोबरहा, लुठा कला, रामचंदीपुर एवं मोकलपुर प्रभावित हैं. बाढ़ के दृष्टिगत अधिकारीगण द्वारा लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में भमण किया जा रहा है. बाढ़ कंट्रोल रूम एक्टिव है. किसी भी तरह की जरूरत एवं जानकारी के लिए इन नंबर्स को डायल कर सकते हैं.
- 05422508550
- 05422504170
- 9140037137
बरेली में बाढ़ से कई सड़कें और पुलिया डूबीं, हजारों एकड़ फसल बर्बाद:बरेली में किच्छा, बहगुल और भाखड़ा नदियों का पानी रामगंगा में मिलकर बाढ़ की भयावह स्थिति पैदा कर रहा है. मोहम्मदगंज के पास इन नदियों का पानी रामगंगा में समाहित हो रहा है, जिससे रामगंगा का जलस्तर बढ़ गया है. इसका असर यह है कि बहगुल और भाखड़ा नदियों का बहाव धीमा पड़ गया है और आसपास के गांव जलमग्न हो गए हैं. पिपरिया और सहसा गांव चारों तरफ से पानी से घिर गए हैं, जिससे ग्रामीणों का जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है. बाढ़ के कारण तातारपुर रोड का पुल पूरी तरह से जलमग्न हो गया है. वहीं, कैलाश गिरि घाट की ओर जाने वाली सड़क पर भी पानी का तेज बहाव है, जिसके चलते सड़क कई स्थानों पर कट गई है और आवागमन ठप हो गया है. कपूरपुर से कैलाश गिरी होते हुए आंवला, बदायूं, सिरौली और शाहबाद को जोड़ने वाला मार्ग भी बाढ़ के कारण कई जगह कट चुका है, जिससे इस मार्ग पर आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया है. स्थिति तब और बिगड़ गई जब गोरा से गुलड़िया जाने वाली सड़क भी बाढ़ की चपेट में आ गई. इस सड़क पर सवारियों से भरा एक टेंपो पानी में पलट गया, लेकिन ग्रामीणों की सूझबूझ और तत्परता से सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया.
हजारों एकड़ फसलें जलमग्न:रामगंगा, किच्छा और बहगुल नदियों की बाढ़ के कारण हजारों एकड़ फसल डूब गई है. करनपुर इलाके में नदी किनारे लगातार कटान हो रही है, जिससे आसपास के खेतों को भी खतरा बना हुआ है. स्थिति का जायजा लेने के लिए एसडीएम तृप्ति गुप्ता और बाढ़ खंड के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया. बाढ़ खंड की टीम ग्रामीणों के साथ मिलकर कटान को रोकने की कोशिश में लगी है. एसडीएम ने बताया कि पानी का स्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है, लेकिन प्रशासन की ओर से हालात पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है.