सुकमा: छत्तीसगढ़ को भगवान राम का ननिहाल कहा जाता है. नियति देखिए कि इसी ननिहाल के क्षेत्र में प्रभु श्रीराम को अपने वनवास का बड़ा कालखंड गुजारना पड़ा था. दंडकारण्य के जंगल के नाम से मशहूर छत्तीसगढ़ के बस्तर में भगवान राम ने वनवास के तौर पर सुकमा के केरलापेंदा में समय गुजारे थे. वर्तमान दौर में सुकमा का यह इलाका काफी समय तक नक्सलवाद से जूझता रहा. आजादी के 7 दशक बाद यहां के लोगों ने वोटिंग की है.
छत्तीसगढ़ में जहां भगवान राम ने काटा था वनवास, वहां हुई वोटिंग - CG PANCHAYAT ELECTION 2025
सुकमा के केरलापेंदा में पहली बार पंचायत चुनाव के तहत वोटिंग हुई. यह वही जगह है जहां भगवान राम ने वनवास काटा था.
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Feb 23, 2025, 10:00 PM IST
नक्सली दहशत था हावी: इस इलाके में नक्सली दहशत हावी था. सुकमा के केरलापेंदा में पहली बार पंचायत चुनाव का आयोजन हुआ. केरलापेंदा के ग्रामीणों का यह कदम न केवल स्थानीय लोगों को अपने प्रतिनिधियों का चयन करने का अवसर प्रदान करता है, बल्कि यह भारतीय लोकतंत्र की मजबूती को भी दर्शाता है. पंचायत चुनाव में भाग लेने वाले लोगों को अपने क्षेत्र के विकास के लिए अपने मतों का उपयोग करने का मौका मिलता है. बताया जाता है कि यहां प्राचीन राम मंदिर था. जिसमें लोग पूजा करते थे. आज से 20 साल पहले इस मंदिर पर नक्सलियों ने ताला लगवा दिया. उसके बाद से यह इलाका और यहां स्थित मंदिर बंद था.
करीब 20 साल के बाद केरलापेंदा में सीआरपीएफ का कैंप खुला. उसके बाद यहां के लोगों में हिम्मत जगी. ग्रामीणों की मांग पर दोबारा मंदिर खुलवाया गया. जहां राम जी ने वनवास का कालखंड गुजारा था. वहीं केरलापेंदा में राम मंदिर के वनवास खत्म होने के लिए 20 वर्षों का इंतजार करना पड़ा और यहां लोगों ने इस बार वोटिंग की है.