जयपुर. राम भक्त हनुमान के जन्मोत्सव पर छोटी काशी के प्रमुख हनुमान मंदिरों में देर रात से विशेष पूजा-पाठ का जो दौर शुरू हुआ, वो पूरे दिन चलता रहा. खोले के हनुमान जी से लेकर चांदपोल हनुमान जी और काले हनुमान जी से लेकर संकट मोचन हनुमान जी, सभी मंदिरों में भक्त अपने भगवान के दर्शन करने के लिए उमड़ते दिखे. इस दौरान बजरंगबली का कहीं 108 दिव्य औषधियों से अभिषेक किया गया, तो कहीं पंचामृत अभिषेक किया गया. साथ ही मंदिरों में हनुमानजी को 56 भोग भी लगाए गए.
चार साल बाद भगवान हनुमान का जन्मोत्सव मंगलवार के दिन रहा. साथ ही गजलक्ष्मी योग का संयोग भी बना. इन योग संयोग के बीच जयपुर के प्रमुख चांदी की टकसाल स्थित काले हनुमान जी मंदिर में भगवान का सबसे पहले मध्यरात्रि में दिव्यद्रव्यों से सहस्त्रधाराभिषेक किया गया. इसके बाद हवन शुरू हुआ. वहीं, दोपहर में भक्तों की ओर से सामूहिक संगीतमय सुंदरकांड का पाठ किया गया. वहीं, शाम को विशेष झांकी सजाते हुए काले हनुमान जी के समक्ष छप्पन भोग लगाया गया.
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मंदिरों में सजाई गई मनोरम झांकियां : दिल्ली रोड स्थित श्री खोले के हनुमान मंदिर में चल रहे पांच दिवसीय हनुमान जन्मोत्सव के तहत मंगलवार को भगवान का विभिन्न औषधीय और पंचामृत अभिषेक किया गया. श्री नरवर आश्रम सेवा समिति के महामंत्री बृजमोहन शर्मा ने बताया कि ब्रह्मलीन राधेलाल चौबे की प्रेरणा से औषधि युक्त द्रव्यों और विभिन्न तीर्थों के जल से मंत्रोच्चारण के साथ हनुमान जी का अभिषेक किया गया. साथ ही विशेष पूजा-अर्चना कर नवीन चोला धारण करवा कर चांदी की पोशाक भी धारण कराई गई. इसी तरह चांदपोल हनुमान मंदिर में माता अंजनी के लाल का अभिषेक कर मनोरम झांकी सजाई गई. इस दौरान भगवान के एक झलक पाने के लिए भक्तों में होड़ लगी रही.
उधर, अंबाबाड़ी स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर में भगवान हनुमान के जन्मोत्सव के तहत मंदिर प्रांगण में गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ की झांकियां सजाई गई. झांकियां को देखने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. इसके अलावा दरबार में केवट श्री राम संवाद, माता शबरी के भगवान राम को बेर खिलाने और कमल कुंज की झांकी आकर्षण का केंद्र रही. इस मौके पर पवनसुत की फूल बंगला झांकी सजाकर विशेष पूजा-अर्चना की गई.
मोती डूंगरी से निकली ध्वज पदयात्रा : शाम को मोती डूंगरी गणेशजी मंदिर से ध्वज पदयात्रा रवाना हुई. ध्वज पदयात्रा में भक्त मोती डूंगरी गणेशजी मंदिर से ध्वज लेकर रवाना हुए और अल्बर्ट हॉल होते हुए चौड़ा रास्ता, त्रिपोलिया बाजार, बड़ी चौपड़, हवामहल बाजार के सामने से चांदी की टकसाल स्थित काले हनुमानजी मंदिर पहुंचे. यहां हनुमानजी को ध्वज अर्पित की गई.