जींद: जिले की पांचों विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रहे 77 उम्मीदवारों का भाग्य शनिवार को ईवीएम में कैद हो चुका है. रविवार को सारे उम्मीदवार अपने समर्थकों के साथ बैठक कर हार-जीत पर मंथन करते नजर आए. आंकड़ों की गोटियां फिट कर जीत को लेकर खुद को दिलासा देते दिखाई दिए. हालांकि, जिस हिसाब से समीकरण बने हुए हैं, उम्मीदवारों के हालात ऐसे हैं कि दिन कयामत में कट रही है तो रात बेचैनी में कट रही है. हार का भूत साफ तौर से उम्मीदवारों के साथ साये की तरह चल रहा है, लेकिन आशंकाओं के बाच समर्थक जीत का दिलासा दिलाकर कुछ बेचैनी को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि समर्थकों के दिलासा के बीच जीत और हार की सफेद चादर 8 अक्टूबर को निकल कर सामने आएगी.
ये है जातीय समीकरण: हरियाणा विधानसभा चुनाव में इस बार मतदाताओं की चुप्पी और बिगड़ते जातीय चुनावी समीकरण उम्मीदवारों के आकलन में लगातार खलल पैदा कर रही है, लेकिन फिर भी आंकड़ों की गोटियां फिट बैठाकर अपनी जीत को पक्का मान कर खुद के दिल को दिलासा दे रहे हैं. मतदान के बाद पार्टी उम्मीदवारों ने हर बूथ पर खुद से भी सर्वे कराया है. जीत हार का मंथन इसी आंकड़े के आधार पर किए जा रहे हैं. किस पार्टी को कितना सीट मिलेगा और जीत हार का फासला कितना होगा सारे पहलुओं पर बहस की जा रही है.