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उत्तराखंड के दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर थमा प्रचार, 10 जुलाई को होगी वोटिंग, जानिए समीकरण - Uttarakhand By Election

By Election in Uttarakhand उत्तराखंड के बदरीनाथ और मंगलौर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है. जिसके लिए प्रचार प्रसार 8 जुलाई की शाम 5 बजे थम गया है. इस उपचुनाव को जीतने के लिए बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं ने ताबड़तोड़ रैलियां की. खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दोनों विधानसभाओं के बीजेपी प्रत्याशी के लिए रैली को संबोधित किया. इसके साथ ही बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष समेत तमाम कार्यकर्ताओं ने जीत के लिए जी तोड़ मेहनत की. वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष समेत तमाम नेताओं ने दोनों ही विधानसभा सीटों पर चुनाव प्रचार प्रसार किया.

By Election in Uttarakhand
उत्तराखंड में उपचुनाव (फोटो- ईटीवी भारत ग्राफिक्स)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 8, 2024, 9:24 PM IST

देहरादून:उत्तराखंड की दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. जिसके तहत 10 जुलाई को मतदान और फिर 13 जुलाई को मतगणना किया जाएगा. ऐसे में मतदान प्रक्रिया के लिए तमाम पोलिंग पार्टियां दूरस्थ पोलिंग बूथों के लिए रवाना हो गई हैं. जबकि, उपचुनाव के मद्देनजर दोनों ही विधानसभा सीटों पर प्रचार-प्रसार सोमवार की शाम 5 बजे से थम गया है. ऐसे में दोनों विधानसभा सीटों के प्रत्याशी डोर टू डोर कैंपेनिंग कर रहे हैं. बदरीनाथ और मंगलौर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव को जीतने के लिए बीजेपी-कांग्रेस के तमाम दिग्गजों ने ताबड़तोड़ रैलियां की.

बदरीनाथ सीट पर बीजेपी के राजेंद्र भंडारी और कांग्रेस के लखपत बुटोला के बीच टक्कर:उत्तराखंड के चमोली जिले के बदरीनाथ विधानसभा सीट और हरिद्वार जिले के मंगलौर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है. दोनों विधानसभा सीट की राजनीतिक परिस्थितियां काफी अलग है. क्योंकि, बदरीनाथ विधानसभा सीट पर कांग्रेस से सिटिंग विधायक रहे राजेंद्र भंडारी ने इस्तीफा देकर अब बीजेपी से चुनाव लड़ रहे हैं तो वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता लखपत बुटोला बदरीनाथ सीट से उम्मीदवार हैं. ऐसे में दोनों नेताओं के बीच कड़ी टक्कर की संभावना है.

मंगलौर सीट पर एक बार भी नहीं जीती बीजेपी:वहीं, मंगलौर विधानसभा सीट की बात करें तो अभी तक का इतिहास रहा है कि बीजेपी ये विधानसभा सीट एक भी बार नहीं जीती है. ऐसे में बीजेपी के लिए मंगलौर विधानसभा सीट चुनौती बनी हुई है. जबकि, कांग्रेस के उम्मीदवार साल 2017 में हुए चुनाव के दौरान यहां से विधायक थे, लेकिन 2022 में ये सीट बसपा यानी बहुजन समाज पार्टी के झोली में चली गई. यह सीट बसपा विधायक सरवत करीम अंसारी के निधन से खाली हो गया था.

मंगलौर विधानसभा सीट का समीकरण:उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से ही ऐसा होता रहा है कि जिस भी पार्टी की सरकार होती है, वो पार्टी उपचुनाव को जीती है, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों ऐसी हैं कि मंगलौर विधानसभा सीट पर बीजेपी को कांग्रेस कड़ी टक्कर दे सकती है. दरअसल, मंगलौर विधानसभा सीट एक मुस्लिम बाहुल्य सीट है. यही वजह है कि बीजेपी अभी तक एक भी बार इस सीट को नहीं जीत पाई है. कांग्रेस और बसपा प्रत्याशी इस सीट पर चुनाव जीतते आ रहे हैं.

बदरीनाथ सीट पर बीजेपी के करतार सिंह भड़ाना और कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन के बीच मुकाबला:ऐसे में इस उपचुनाव के दौरान बीजेपी ने करतार सिंह भड़ाना पर भरोसा जताया है तो वहीं, कांग्रेस ने मंगलौर विधानसभा सीट पर विधायक रह चुके काजी निजामुद्दीन को उतारा है. हालांकि, बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां उपचुनाव को जीतने का दावा कर रहे हैं. बीजेपी को उम्मीद है कि जिस तरह से अभी तमाम मिथकों को भारतीय जनता पार्टी तोड़ती आई है, उसी तरह मंगलौर विधानसभा सीट को न जीतने का मिथक भी इस उपचुनाव में बीजेपी तोड़ेगी.

कांग्रेस का दावा, दोनों सीट जीतेगी:वहीं, कांग्रेस इस बात का दावा कर रही है कि मंगलौर और बदरीनाथ विधानसभा सीट को वो जीत रहे हैं. क्योंकि, मंगलौर विधानसभा सीट पर पहले भी वो चुनाव जीत चुके हैं और बदरीनाथ विधानसभा सीट पर साल 2022 में कांग्रेस से विधायक रहे राजेंद्र सिंह भंडारी ने पार्टी छोड़कर जनता के साथ धोखा किया है. ऐसे में उनके प्रत्याशी लखपत बुटोला वहां से चुनाव जीतेंगे.

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