प्रयागराज: संगमनगरी में महाकुंभ को लेकर साधु संतों और अखाड़ों के हजारों शिविर बनने शुरू हो गए हैं. 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाले मेले की समाप्ती के बाद शिविर उखड़ने भी शुरू हो जाते हैं. लेकिन मेला क्षेत्र में एक ऐसा शिविर है जो पिछले 17 सालों से स्थापित है इसके साथ ही वहां बने एक मचान में 11 सालों से अखंड ज्योति भी जल रही है. ये शिविर प्रसिद्ध संत देवराहा बाबा का है. उनको ही समर्पित ये मचान और कुटिया सालों भर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना रहता है. बाबा के भक्त मचान का ही आशीर्वाद लेते हैं.
धर्म और आस्था की नगरी प्रयागराज में कुंभ के दौरान देश और दुनिया के सैकड़ों संतों का जमावड़ा लगाता है. सभी के भक्त भी उनसे आशीर्वाद लेने और उनका प्रवचन सुनने कुंभ में खास तौर पर आते हैं. लेकिन कुंभ मेला क्षेत्र में एक ऐसे संत का शिविर मौजूद है जो सालों भर श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र बना रहता है. ये शिविर 17 साल पहले तैयार हुआ लेकिन आज तक हटा नहीं.
गंगा के किनारे 50 फीट की ऊंचाई पर मचान है, जहां 11 वर्षों से अखंड ज्योति जल रही है. ये कोई साधारण अखंड ज्योति नहीं, बल्कि श्रीराम नाम की अखंड ज्योति है जो पिछले 11 साल से मचान पर जल रही है. गंगा में बाढ़ आए या फिर तूफान, इस ज्योति की लौ कम नहीं हुई. शास्त्री ब्रिज से ये ज्योति साफ दिखाई देती है.
बता दें कि, अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए ये ज्योति आज से 11 वर्ष पहले जलाई गई थी. ऐसे में यह स्थान इसलिए भी खास हो जाता है, क्योंकि यहां देवरहा बाबा बैठकर साधना करते थे और श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते थे. यहीं से उन्होंने राम मंदिर आंदोलन का समर्थन किया था.