चंडीगढ़: हरियाणा की सियासत में अपने बेबाक और दबंग अंदाज की वजह से मशहूर "गब्बर" कहलाने वाले परिवहन और ऊर्जा मंत्री अनिल विज सुर्खियों में हैं. इस बार उनके निशाने पर विपक्ष का कोई नेता नहीं, बल्कि प्रदेश के मुखिया यानी सीएम नायब सैनी है. विज करीब पांच दिनों से लगातार ऐसे बयान दे रहे हैं, जिसकी वजह से हरियाणा की सियासत में घमासान मचा हुआ है. उन्होंने अपने ही सीएम के खिलाफ कुछ इस तरह झंडा बुलंद किया हुआ है कि सभी हैरान हैं. अब उनके इस अंदाज से आगे क्या होगा ? इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं.
गब्बर की दहाड़, निशाने पर अपनी ही सरकार: हरियाणा की सियासत में गब्बर के नाम से मशहूर अनिल विज बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं. पिछले दो टर्म मनोहर लाल सरकार में भी वे अपने बेबाक अंदाज की वजह से सरकार के सामने कई बार खड़े होते थे. फिर चाहे सीआईडी विभाग तत्कालीन सीएम मनोहर लाल के अपने पास रखने का मामला हो, आईपीएस के तबादलों की बात हो, या फिर दूसरे टर्म में स्वास्थ्य विभाग की वजह से अपनी ही सरकार से टकराव रहा हो. वहीं, नायब सैनी के पहली बार सीएम बनने पर बैठक छोड़कर जाने का मुद्दा रहा हो. फिर मंत्री पद न लेकर उन्होंने अपने तेवर भी साफ कर दिए थे. ऐसे कई वाकये हैं, जो अनिल विज के दबंग स्वभाव को व्यक्त करते हैं.
गब्बर के निशाने पर सीएम नायब सैनी: अनिल विज के तीखे तेवर का ताजा मामला सोशल मीडिया एक्स पर उनके लिखे गए वो शब्द हैं, जो अप्रत्यक्ष रूप से सीएम नायब सैनी पर ही सवाल उठा रहे हैं. उन्होंने अंबाला से पार्टी के एक स्थानीय नेता की उनके खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ीं चित्रा सरवारा के साथ फोटो शेयर करते हुए गद्दार टाइटल लिखा है. विज ने इसे शेयर करते हुए लिखा - "आशीष तायल जो खुद को नायब सैनी का मित्र बताते हैं, उनकी फेसबुक पर नायब सैनी के साथ अनेक चित्र मौजूद हैं. आशीष तायल के साथ विधानसभा चुनाव के दौरान जो कार्यकर्ता नजर आ रहे हैं, वो ही कार्यकर्ता चित्रा सरवारा भाजपा की विरोधी उम्मीदवार के साथ भी नजर आ रहे हैं. ये रिश्ता क्या कहलाता है..? तायल आज भी नायब सैनी के परम मित्र बने हुए हैं तो फिर प्रश्न उठता है, भाजपा उम्मीदवार की मुखालफत किसने करवाई ?" यानी वे सीधे सीधे सीएम नायब सैनी पर वार कर रहे हैं.
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सब छीन लो, विधायक पद नहीं छीन सकते - विज : इतना ही नहीं, इससे पहले बीते रविवार को रोहतक में अनिल विज ने पत्रकारों से बात करते हुए अपने तेवर फिर साफ कर दिए. इस बार उन्होंने अपने बयान से स्पष्ट कर दिया कि वे शांत बैठने वाले नहीं हैं. उन्होंने यहां तक कहा कि हम चाहते हैं कि हमारी पार्टी और सरकार ढंग से काम करे. सीएम साहब मंत्रियों और विधायकों की बात सुने. उन्होंने आगे कहा कि सैनी चाहे मेरा सब कुछ छीन सकते हैं. मेरी सीनियरिटी नहीं छीन सकते. मंत्री पद छीना जा सकता है, लेकिन विधायक का पद कोई नहीं छीन सकता. यानी उन्होंने अपने तेवर से बता दिया कि वे आसानी से रुकने वाले नहीं हैं.
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पुष्पा के स्टाइल में कह चुके अपनी बात : वहीं, साउथ की फिल्मों से प्रभावित होने वाले अनिल विज ने पुष्पा स्टाइल में भी इससे पहले अपनी बात सामने रखी थी. अधिकारियों की मनमानी और सीएम नायब सैनी से नाराजगी पर विज ने साउथ फिल्मों के सुपर स्टार अल्लू अर्जुन के पुष्पा फिल्म वाले अंदाज में कहा था कि "मैं जो बोलता हूं आत्मा से बोलता हूं, और आत्मा की आवाज को दबाया नहीं जा सकता."
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सीएम को बता चुके उड़नखटोले में सवार:अनिल विज सीएम को चुनौती देकर सीधे-सीधे सरकार से टकराने का मन बना चुके हैं. अंबाला में उनके मुताबिक जिले के प्रमुख अधिकारियों पर कार्रवाई न होने से नाराज अनिल विज ने अपनी नाराजगी को दर्शाते हुए शनिवार को कहा था कि सीएम उड़नखटोले में सवार है. उन्होंने कहा था कि काम न होने से मंत्री और विधायक भी परेशान है. हालांकि उनके इस बयान के कुछ घंटों बाद ही सरकार ने अंबाला के डीसी का तबादला कर दिया, जिसको अनिल विज की नाराजगी को कम करने के तौर पर देखा जाने लगा. फिर लगा कि शायद अनिल विज अब शांत हो जाएंगे. लेकिन सरकार के इस कदम के बाद भी अनिल विज की सीएम से नाराजगी दूर होती नजर नहीं आई. इसके बाद भी अनिल विज और तीखे तेवर के साथ सामने आ गए हैं.
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नायब सैनी से पहले से ही खफा दिखते हैं विज: गाहे बगाहे अपनी बात को गानों के जरिए भी पेश करने वाले विज नायब सैनी से हाल में ही नाराज नहीं हुए हैं. जब पहली बार नायब सैनी का नाम सीएम पद के लिए सामने आया था, उस वक्त भी अनिल विज अपना लव लश्कर हरियाणा निवास चंडीगढ़ में छोड़कर अंबाला चले गए थे. उसके बाद जब नायब सैनी के मंत्रिमंडल में उनका नाम जोड़ा गया था तो उन्होंने मंत्री पद नहीं लिया था. यानी यह टकराव आज का दिखाई नहीं देता. इनमें कुछ पुरानी बातें भी शामिल है.