नई दिल्ली:राजधानी दिल्ली में बस मार्शलों की नौकरी नियमित करने को लेकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच सियासी घमासान जारी है. बीजेपी जहां एक तरफ बस मार्शलों की नौकरी नियमित करने को लेकर आतिशी सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही है. दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने एक पेपर दिखाते हुए कहा "यह 2023 का वह ऑर्डर है जिस पर केजरीवाल के साइन हैं जिसमें उन्होंने इन मार्शल को निकाला है. वहीं, आम आदमी पार्टी बीजेपी और एलजी वीके सक्सेना को बस मार्शलों के साथ गंदी राजनीति करने का आरोप लगा रही है.
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि "आज हम (दिल्ली की सीएम) आतिशी से एक सवाल पूछने आए हैं. हमारे पास अरविंद केजरीवाल के हस्ताक्षर हैं, जिसमें उन्होंने बस मार्शलों को हटाने का आदेश पारित किया है. अरविंद केजरीवाल ने उन्हें क्यों हटाया? अभी भी एलजी ने उन्हें 1 नवंबर से नियुक्त करने का निर्देश दिया है, लेकिन आपने उन्हें अभी तक वापस क्यों नहीं आने दिया?"
बीजेपी LG से प्रस्ताव को कराये पास: मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली भाजपा बस मार्शलों के नाम पर गंदी राजनीति कर रही है. एक भाजपा की दिल्ली पुलिस थी, जिसने बस मार्शलों पर बार बार लाठी चलाई, उन्हें गिरफ्तार किया. दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी थी जिसके मंत्री और विधायक इन बस मार्शलों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष कर रहे थे. पहले ग़रीब घरों के लड़के-लड़कियों को मार्शल की नौकरी से निकाल उनका रोजगार छीन लिया और अब राजनीति कर उन्हें गुमराह कर रही है. मैं BJP को चैलेंज करती हूं कि एक हफ्ते में हम बस मार्शलों को पक्का करने का प्रस्ताव एलजी के पास भेजेंगे, भाजपा उस प्रस्ताव को पास करवा कर दिखाये."
बीजेपी ने बस मार्शलों से छिन ली नौकरी: दिल्ली के लोग जानते हैं कि बसों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए केजरीवाल ने वर्ष 2018 में 10 हजार बस मार्शल को लगाया था. बस मार्शल के जरिए गरीब घर के लड़के लड़कियों को केजरीवाल ने रोजगार देने का काम किया था. लेकिन, बीजेपी के अधिकारियों ने अप्रैल 2023 से बस मार्शलों की तनख्वाह रोक ली. बार-बार फाइलों पर लिखा कि बस मार्शल को निकाल दो. लेकिन आम आदमी पार्टी ने लड़कर उन्हें तनख्वाह दिलाई. लेकिन बाद में नवम्बर 2023 में इन बस मार्शलों को नौकरी से निकाल दिया.