बुरहानपुर: इस आधुनिक युग में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं जहां महिलाओं ने अपने हुनर का लोहा न मनवाया हो, महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं. अब महिलाओं ने घर की चार दीवारी से बाहर निकलकर इतिहास रच दिया है. मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले की महिलाएं आत्मनिर्भर बन रहीं हैं. दरअसल, फतेहपुर गांव में महिलाएं केले के तने से ईको फ्रेंडली राखियां बना रही हैं. मार्केट में इन राखियों की खासी डिमांड है.
विधायक अर्चना चिटनिस ने बढ़ाया हौसला
बुरहानपुर व आसपास के 7 स्व सहायता समूहों की 150 महिलाओं ने अब तक करीब 5 हजार राखियां बनाई हैं. इससे न केवल महिलाओं को रोजगार मिला है, बल्कि उन्हें अच्छी खासी आमदनी भी हो रही हैं. इस बार महिलाओं ने 10 हजार राखियां बनाने का लक्ष्य रखा है. इस काम में प्रशासन भी सहयोग दे रहा है. राखियों की बिक्री प्रशासनिक स्तर पर स्टॉल लगाकर की जा रही है. अधिकारियों ने कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए ईको फ्रेंडली राखियों के ऑर्डर भी दिए हैं. वहीं विधायक अर्चना चिटनिस ने सेंटर पर जाकर महिलाओं का हौसला बढ़ाया है.
10 हजार राखियां बनाने का रखा लक्ष्य
इन राखियों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये बच्चों के लिए बेहतर हैं, क्योंकि आमतौर पर केमिकल युक्त राखियां बच्चे मुंह में लेते हैं. इससे उनके स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ता है, लेकिन ईको फ्रेंडली राखियों से बच्चों और पर्यावरण को फायदा मिलेगा. समूहों की महिलाओं को जिला पंचायत सीईओ सृष्टि देशमुख, निगमायुक्त संदीप श्रीवास्तव, विधायक अर्चना चिटनिस ने प्रोत्साहित किया हैं. इन्होंने बड़े पैमाने पर राखियों के ऑर्डर दिए हैं. महिलाओं ने रक्षाबंधन के पहले 10 हजार राखियां बनाने का लक्ष्य रखा है.