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आदत-अधिकार को लेकर सदन में नोकझोंक, जूली और वन मंत्री भिड़े - Rajasthan Budget Session - RAJASTHAN BUDGET SESSION

Rajasthan Vidhansabha Proceeding, विधानसभा का बजट सत्र शुक्रवार को प्रश्नकाल के साथ शुरू हुआ. सदन में कई बार सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच हंगामा देखने को मिला. इतना ही नहीं, इस बार तो सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आदत और अधिकार को लेकर तीखी नोकझोंक देखने को मिली. वन मंत्री संजय शर्मा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली आमने दिखे.

BUDGET SESSION OF ASSEMBLY
सदन में नोकझोंक, जूली और वन मंत्री भिड़े (विधानसभा)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 12, 2024, 2:53 PM IST

प्रश्नकाल में सदन में नोकझोंक (विधानसभा)

जयपुर. जैसा कि उम्मीद थी कि विधानसभा का बजट सत्र आज भी हंगामेदार होगा, ठीक वैसा ही हुआ. प्रश्नकाल के दौरान कई बार सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नोकझोंक दिखी. खास तौर पर वन मंत्री संजय शर्मा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली की बीच. शर्मा और जूली के बीच आदत और अधिकार को लेकर इस कदर बहस हुई कि विधानसभा अध्यक्ष को बीच में बोलना पड़ा. इसके साथ ही सदन में प्रश्नकाल के दौरान भजनलाल सरकार के मंत्री अपनी पार्टी के विधायकों के सवालों से घिरे दिखाई दिए.

आदत और अधिकार पर नोकझोंक : दरअसल, प्रश्नकाल के दौरान प्रताप लाल भील ने वृक्षारोपण को लेकर सवाल उठाया. प्रताप लाल ने कहा कि जो सवाल का जवाब दिया गया है उसमें कहीं 50 फीसदी और कहीं 61 फीसदी पौधों के जीवित होने की संख्या बताई गई है. इसका क्या कारण है जो पौधारोपण किया गया था, वहां पौधे नहीं मिलते. क्या वास्तविकता में पौधे लगाए जाते हैं ? लगाए गए हैं तो उनकी संख्या बताएं ? प्रताप लाल के जवाब में वनमंत्री संजय शर्मा खड़े हुए और उन्होंने कहा कि पौधारोपण को लेकर के एक रेंज से दूसरे रेंज के अधिकारी के द्वारा जांच की जाती है. इसके साथ थर्ड पार्टी के द्वारा भी जांच कराई जाती है. साथ-साथ भारत सरकार द्वारा सेटेलाइट के माध्यम से हर वर्ष कितना पौधे लगाए गए, उसकी जांच भी कराई जाती है. फिर जो चिंता विधानसभा सदस्य ने जताई है उसकी जांच तीन सदस्य कमेटी बना कर करवा लेंगे.

इसके बाद नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जुली खड़े हुए और उन्होंने कहा कि सरकार ने जो सदन में आंकड़े दिए वो राउंड फिगर में है, इनकी जांच होनी चाहिए. इसके बाद मंत्री संजय शर्मा खड़े हुए और उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष की हर प्रश्न पर खड़े होने की आदत हो गई है. इसके बाद जुली खड़े हुए. उन्होंने कहा कि यह गलत बयान है, आदत नहीं है. यह हमारा अधिकार है. इस तरह से नहीं बोला जा सकता. इसके बाद सदन में पक्ष विपक्ष में नोकझोंक शुरू हो गई. बढ़ती नोंकझोंक को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी खड़े हुए और मामले को शांत कराया. हालांकि इस बीच काफी देर हंगामा चलता रहा. देवनानी ने कहा कि व्यवस्था की जिम्मेदारी मेरी है. मैंने व्यवस्था दे दी है. विपक्ष के साथियों के साथ खड़े होने की जरूरत नहीं है. ज्यादा करेंगे तो अगले प्रश्न की अनुमति नहीं दूंगा. उसके बाद सब शांत हुए.

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इन्होंने भी लगाए प्रश्न : प्रश्नकाल के दौरान निर्दलीय विधायक चंद्रभान सिंह चौहान ने कॉलेजों में शिक्षओं का मुद्दा उठाया. विधायक संजीव कुमार ने भादरा में पेयजल आपूर्ति को लेकर सवाल लगाया. कांग्रेस विधायक जुबेर खान ने सिलीसेढ़ बांध भराव क्षेत्र में अतिक्रमण का सवाल लगाया. इसके साथ ही प्रश्नकाल के दौरान जल समझौते के MOU से जुड़ा सवाल भी लगा. बीजेपी विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने सवाल उठाया. बीजेपी विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी ने प्रदेश में आयुर्वेद कॉलेज की स्थापना को लेकर सवाल लगाया. माहेश्वरी ने पूछा 3 साल में आयुर्वेद, योग व प्राकृतिक चिकित्सा होम्योपैथिक यूनानी की कॉलेज कहां-कहां खोले गए. उच्च शिक्षा मंत्री आयुर्वेद मंत्री प्रेमचंद बैरवा ने जवाब देते हुए कहा कि जहां औषधालय खुल गए हैं, योग नेचरोपैथी आयुर्वेद के चिकित्सक लगाए जाएंगे.

कांग्रेस विधायक इंदिरा मीणा ने विदेश में पढ़ाई करने वाले छात्रों की छात्रवृत्ति से जुड़ा सवाल उठाया, जिसके जवाब में सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने जवाब देते हुए कहा कि विदेश में पढ़ने वाले छात्रों की छात्रवृत्ति बंद करने का कोई विचार नहीं है. पूर्व में इस योजना का नाम राजीव गांधी स्कॉलरशिप योजना थी, हमारी सरकार ने इसका नाम स्वामी विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना रखा है. पहले इसमें 500 छात्र लाभार्थी होते है, हमने इसमें थोड़ा संशोधन किया है.

उन्होंने कहा कि इसमें आम गरीब का छात्र नहीं पहुंच पाता, रसूखदार के लोग ही इसका फायदा उठाते हैं. 300 छात्रों को विदेश भेजने के नाम पर 8 लाख छात्रों का भविष्य खराब नहीं कर सकते. इस योजना में और संशोधन होना चाहिए. मेट्रो के विस्तार पर बीजेपी विधायक गोपाल शर्मा ने सवाल लगाया. इस पर UDH मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने जवाब देते हुए कि मेट्रो में सलाहकार लगेगा. 6 जुलाई को सलाहकार लगाने की निविदा आई है. सही तरीके से सर्वे कराएंगे. उसके बाद जनता के हित में सही फैसला लेंगे.

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