रामपुर: पुरानी फिल्मों के मशहूर कलाकार अदाकार महमूद का एक गाना काफी चर्चित रहा था. जिसमें उनके गाने के बोल कुछ इस तरह के थे, कि हम काले हैं तो क्या हुआ मगर... दिलवाले हैं. उस वक्त महमूद की अदाकारी और गाने को सभी ने बहुत पसंद किया था. लेकिन, आज का दौर बदल गया है. वह दौर और था आज का दौरा अलग है. आज के दौर में दूल्हा को देखकर दुल्हन शादी से इनकार कर देती है और बारात को बिन दुल्हन के बेरंग वापस लौटना पड़ता है. मामला जनपद रामपुर का है. आइये बताते हैं क्या है पूरा मामला.
जनपद रामपुर की तहसील स्वार कोतवाली के एक गांव निवासी युवती का रिश्ता कुछ दिन पहले जनपद रामपुर के मौहल्ला पहाड़ी गेट निवासी भजनलाल के बेटे सोनू के साथ हुआ था. शुक्रवार की रात दूल्हा पक्ष के लोग बारात लेकर दुल्हन के गांव पहुंच गए थे. दुल्हन पक्ष के परिवार वालों ने बारातियों की खूब आव भगत और खातिरदारी की थी. बारात चढ़त भी धूमधाम से हुई और जयमाला भी डाली गई.
" ये दूल्हा तो बहुत काला है, नहीं करुंगी शादी", दुल्हन के इनकार पर शादी में मचा हड़कंप - bride refused to marry groom - BRIDE REFUSED TO MARRY GROOM
दूल्हे के काला होने पर दुल्हन पक्ष के लोगों ने हंगामा शुरु कर दिया. जिस पर बारात बिन दुलहन के घर वापस लौट गई. दोनों पक्षों में समझौते के प्रयास किये जा रहें हैं. मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हैं.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Apr 28, 2024, 1:37 PM IST
इसके बाद दुल्हन पक्ष की महिलाओं में दूल्हा के काला होने की काना फूसी शुरु हो गई. देखते ही देखते महिलाओं ने विरोध शुरु कर दिया. दूल्हा पक्ष के लोगों ने दुल्हन पक्ष के लोगों को काफी समझाने का प्रयास किया, लेकिन दुल्हन पक्ष के लोग मानने को तैयार नहीं हुए. जिसके चलते देर रात दूल्हा पक्ष के लोग बिना दुल्हन को लिए ही घर वापस लौट गए. जिसके कारण शादी की खुशी धरी की धरी रह गई.
यह खबर रामपुर में चर्चा का विषय बनी हुई है.बरहाल अभी भी दूल्हा शादी से ना उम्मीद नहीं हुआ है. दूल्हा पक्ष के लोग दुल्हन पक्ष के लोगों को अभी भी मनाने में लगे हुए हैं. अन्य भी कुछ ऐसे लोग हैं जो इस मामले में दुल्हन पक्ष को मनाने की कोशिश कर रहे हैं. अभी भी पंचायत का दौर जारी है. दूल्हा अभी भी दुल्हन की आस में पलके बिछाए उम्मीद लगाए घर में बैठा है कि शायद दुल्हन का दिल दूल्हा के लिए पसीज जाए और वह इस शादी से हां कर दे. लेकिन एक सवाल गांव वालों के मन अभी भी चल रहा है, कि क्या आज के दौर में काला होना एक शाप है? जो किसी की घर ग्रेसती के आड़े आये.