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जिस पर थी भ्रष्टाचार मिटाने की जिम्मेदारी उसी ने किया भ्रष्टाचार, एसीबी के तत्कालीन डीआईजी के खिलाफ रिश्वत का मामला दर्ज - IPS vishnukant in bribe case - IPS VISHNUKANT IN BRIBE CASE

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने आईपीएस विष्णुकांत के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है. आरोप है कि विष्णुकांत ने एसीबी में रहते हुए एक हेड कांस्टेबल से 9.50 लाख रुपए की रिश्वत ली. इस मामले में आठ माह पहले डीजीपी को शिकायत मिली थी. उन्होंने शिकायत की जांच के आदेश दिए थे. प्रारंभिक जांच के बाद अब मामला दर्ज किया गया है.

एसीबी के तत्कालीन डीआईजी के खिलाफ रिश्वत का मामला दर्ज
Bribery case registered against the then DIG of ACB in jaipur

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 2, 2024, 2:37 PM IST

जयपुर. गहलोत सरकार में जिस अधिकारी पर भ्रष्टाचार मिटाने की जिम्मेदारी थी, उस अधिकारी ने ही भ्रष्टाचार का बड़ा खेल कर दिया. ये अधिकारी हैं एसीबी के तत्कालीन डीआईजी और वर्तमान में आईजी पुलिस गृह रक्षा विष्णु कांत, जिनके खिलाफ एसीबी में रहते हुए रिश्वत लेने का मामला सामने आया है. एसीबी ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.

एसीबी के एडीजी हेमंत प्रियदर्शी के मुताबिक एसीबी के तत्कालीन डीआईजी विष्णु कांत ने भ्रष्टाचार के एक मामले में हेड कांस्टेबल का मुकदमे से नाम निकालना और किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं करने की एवज में 9.50 लाख रुपए की रिश्वत ली थी. घूसखोरी को लेकर पुलिस महानिदेशक को शिकायत मिली थी. डीजीपी ने एसीबी मुख्यालय को जांच के आदेश दिए. जांच के दौरान एसीबी के तत्कालीन डीआईजी विष्णु कांत की यह करतूत उजागर हो गई.

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एसीबी डीजी के नाम से मांगी थी रिश्वत: दरसअल, तत्कालीन डीआईजी विष्णु कांत ने एसीबी में दर्ज मुकदमे में हेड कांस्टेबल सरदार सिंह का नाम निकालने की एवज में एसीबी डीजी के नाम से 10 लाख रुपए रिश्वत मांगी थी, लेकिन 9.50 लाख रुपए लिए गए थे. सरदार सिंह का छोटा भाई कांस्टेबल प्रताप सिंह, डीआईजी विष्णु कांत का गनमैन रह चुका था. डीआईजी विष्णु कांत ने रिश्वत लेने के बाद एसीबी में दर्ज मुकदमे में हेड कांस्टेबल सरदार सिंह के विरुद्ध अपराध प्रमाणित नहीं मानते हुए लाभ पहुंचाया था. यह तथ्य उजागर होने के बाद अब एसीबी में डीआईजी विष्णुकांत के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. विष्णु कांत वर्तमान में आईजी होमगार्ड के पद पर कार्यरत हैं. इनके साथ ही हेड कांस्टेबल सरदार सिंह और कांस्टेबल प्रताप सिंह के खिलाफ भी प्रकरण दर्ज किया गया है. मामले की जांच एएसपी सुनील सिहाग को सौंपी गई है.

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यह था पूरा मामला :अक्टूबर 2021 में जवाहर सर्किल थाने में एसीबी ने ट्रैप की कार्रवाई की थी. हेड कांस्टेबल सरदार सिंह और कांस्टेबल लोकेश को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. मामले में कांस्टेबल लोकेश शर्मा के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया गया, जबकि सरदार सिंह को राहत दी गई. बाद में जांच में पता चला कि सरदार सिंह से उसका नाम निकालने की एवज में दस लाख की रिश्वत राशि मांगी गई थी. यह रिश्वत सरदार सिंह के भाई प्रताप सिंह के जरिए हुई बातचीत में तय हुई. प्रतापसिंह विष्णु कांत का गनमैन था. तीनों के ऑडियो वीडियो क्लिप के आधार पर यह पूरा मामला उजागर हुआ.

आठ माह पहले मिला था परिवाद : रिश्वत के इस लेनदेन को लेकर सितंबर 2023 में एक परिवाद दिया गया था. जांच के 8 महीने बाद अब एसीबी ने भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है. आईपीएस विष्णुकांत के साथ ही हेड कांस्टेबल सरदार सिंह और उसके भाई प्रताप सिंह के खिलाफ भी शिकायत दर्ज हुई थी. परिवादी सत्यपाल पारीक ने एसीबी में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी.

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