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कैबिनेट मीटिंग में बदले गए बीपीएल चयन के मापदंड, जानिए कौन-कौन परिवार होंगे शामिल? - HIMACHAL CABINET MEETING

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में अहम फैसलों पर मुहर लगी. कैबिनेट में बीपीएल चयन के मापदंड बदले गए.

सुक्खू सरकार की कैबिनेट बैठक
सुक्खू सरकार की कैबिनेट बैठक (FILE)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 17 hours ago

शिमला:हिमाचल में बीपीएल परिवारों के चयन के मापदंड बदले गए हैं. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में गुरुवार को शिमला में आयोजित कैबिनेट मीटिंग में बीपीएल चयन प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा हुई. वहीं, कैबिनेट ने हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग, शिमला के लिए जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (आईटी) के 10 पदों को सृजित करने भरने का निर्णय लिया. में हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग हमीरपुर के माध्यम से ग्रुप-सी पदों की भर्ती के लिए कम्प्यूटर आधारित परीक्षा आयोजित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार के अन्तर्गत उन्नत कम्प्यूटर विकास केंद्र (सी-डैक) चयनित करने को भी स्वीकृत प्रदान की गई.

बीपीएल चयन प्रक्रिया पर विस्तार से हुई चर्चा

कैबिनेट ने फैसला लिया है कि 18 से 59 वर्ष की आयुवर्ग के बीच बिना वयस्क सदस्य वाले परिवार, महिला मुखिया वाले परिवार, ऐसे परिवार जिनके मुखिया की विकलांगता 50 फीसदी या इससे अधिक है, ऐसे परिवार जिन्होंने पिछले वित्त वर्ष में मनरेगा के तहत कम से कम 100 दिन काम किया है, जिनके परिवार जिनके कमाने वाले सदस्य कैंसर, अल्जाइमर, पार्किंसंस, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, थैलेसीमिया या किसी अन्य बीमारी से पीड़ित हैं. जिसके कारण स्थायी विकलांगता हो सकती है, ऐसे परिवारों को बीपीएल सूची में शामिल करने को स्वीकृति दी गई.

स्पेशल टास्क फोर्स की स्थापना को भी मंजूरी

कैबिनेट ने विस्तृत और बहुआयामी योजना के अंतर्गत प्रदेश में नशीली दवाओं के दुरुपयोग से निपटने और नशीली दवाओं की तस्करी तथा संगठित अपराध नेटवर्क को खत्म करने के लिए एक स्पेशल टास्क फोर्स की स्थापना को भी मंजूरी दी.

कैबिनेट ने भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 की अनुसूची 1ए में संशोधन करने के लिए अध्यादेश जारी करने को मंजूरी दी है. इस संशोधन से राज्य सरकार की पूर्व मंजूरी से हिमाचल प्रदेश काश्तकारी और भूमि सुधार अधिनियम, 1972 की धारा 118(2)(एच) के तहत सुरक्षित हस्तांतरण और पट्टा लेन-देन पर 12 फीसदी की एक समान स्टाम्प ड्यूटी दर लगाई जा सकेगी.

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को किया गया याद

कैबिनेट ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि दी. उनकी स्मृति में दो मिनट का मौन रखा गया. कैबिनेट ने देश और प्रदेश के विकास में उनके महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की. कैबिनेट ने हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान हिपा का नाम डॉ. मनमोहन सिंह हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान करने को स्वीकृति प्रदान की.

ये भी निर्णय लिए गए

कैबिनेट ने नालागढ़ में एक मेगावाट हरित हाइड्रोजन प्रोजैक्ट स्थापित करने को मंजूरी प्रदान की, जिसका क्रियान्वयन एचपीपीसीएल द्वारा किया जाएगा. कैबिनेट ने पम्प स्टोरेज परियोजना के लिए हरित ऊर्जा विकास शुल्क लगाने को मंजूरी दी. परियोजना के आरंभ होने के बाद पहले 10 वर्षों के लिए 2.5 लाख रुपये प्रति मेगावाट प्रति वर्ष का शुल्क लगाया जाएगा. इसके बाद इस शुल्क को बढ़ाकर पांच लाख रुपये प्रति मेगावाट कर दिया जाएगा.

कैबिनेट ने वैट, सीएसटी, प्रवेश कर आदि अधिनियमों के तहत लंबित मामलों, मुद्दों और बकाया का निपटान करने के लिए हिमाचल प्रदेश सद्भावना विरासत मामले समाधान योजना-2025 शुरू करने को मंजूरी दी. कैबिनेट में ग्रीन बेल्ट में लोगों का दखल कम करने और पर्यावरण संरक्षण के लिए जिला शिमला के तारा देवी मंदिर के आस-पास के क्षेत्र को हरित क्षेत्र के दायरे में लाने का निर्णय लिया.

कैबिनेट ने सफेदा, चिनार व बांस की बिक्री के लिए दस वर्षीय कार्यक्रम के अनुसार खैर की कटाई के अतिरिक्त अन्य पेड़ों की कटाई पर प्रतिबंध लगाने को मंजूरी देने का निर्णय लिया. कैबिनेट ने राज्य के दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की शिकायतों के निवारण के लिए ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम के लिए दिशानिर्देशों को मंजूरी दी. कैबिनेट ने भारत सरकार से किशाऊ बहुउद्देशीय परियोजना के विद्युत घटक के लिए 90:10 वित्तपोषण फार्मूला अपनाने के आग्रह को दोहराया, जो जल घटक के लिए अपनाए गए फार्मूले के समान है.

इसके स्थान पर अंतरराज्यीय समझौते के तहत विद्युत घटक के लिए राज्य सरकार द्वारा देय संपूर्ण राशि के लिए 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करने का प्रस्ताव रखा गया. इसके अलावा, कैबिनेट जल विद्युत परियोजना और सौर ऊर्जा परियोजनाओं के अलावा हरित हाइड्रोजन, बायोमास और पम्प स्टोरेज परियोजनाओं के आवंटन और निगरानी का कार्य ऊर्जा विभाग को सौंपने का निर्णय लिया. इसके अलावा भी कई अहम फैसले लिए गए.

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